एएमयू में महात्मा गांधी के प्रपौत्र बोले, सबरीमाला भक्तों का नहीं राजनीतिक आंदोलन
महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने कहा है कि केरल में अयप्पा स्वामी के सबरीमाला मंदिर को लेकर भक्तों का आंदोलन नहीं है, बल्कि राजनीतिक है। जब लोग वहां शांत हो जाते हैं तो कुछ लोग उन्हें भड़का देते हैं।
अलीगढ़ (जेएनएन)। महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने कहा है कि केरल में अयप्पा स्वामी के सबरीमाला मंदिर को लेकर भक्तों का आंदोलन नहीं है, बल्कि राजनीतिक है। जब लोग वहां शांत हो जाते हैं तो कुछ लोग उन्हें भड़का देते हैं। विरोध व विवाद को आजकल अपने लाभ के लिए प्रयोग किया जा रहा है। इन परिस्थितियों में 'अपने' तथा 'गैर' की कल्पना जन्म लेती है। इन दरारों को भरने पर विचार किया जाना चाहिए। इन दरारों के कारण उत्पन्न होने वाले झगड़े व ङ्क्षहसा कैंसर के समान है।
जुमला ही साबित हुए एक के बदले दस सिर लाने वाले
एएमयू मेंदर्शन शास्त्र विभाग की ओर से गांधी स्मृति विदर्शन समिति, नई दिल्ली व इंडिया लॉग फाउंडेशन नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय गांधी जयंती राष्ट्रीय सेमीनार का शुभारंभ किया गया। 'विवादों की वैकल्पिक समाधान के संदर्भ में गांधीआई दृष्टिकोण' विषय पर बोलते हुए तुषार गांधी ने कहा कि विवादों का समाधान शुरूआत में ही कर देना चाहिए। भाजपा की ओर इशारा करते हुए कहा कि एक सिर के बदले 10 सिर लाने की बात जुमला ही साबित हुई। गरीबी हटाने के नाम पर तो इंदिरा गांधी कई चुनाव जीत गईं। बापू ने सदैव विवाद को उत्पन्न होते ही समाप्त करने का प्रयास किया।
विवाद खत्म करने के लिए संवाद जरूरी
अध्यक्षता करते हुए एएमयू कुलपति प्रो.तारिक मंसूर ने कहा कि संवाद ही मतभेद को समाप्त करने का सबसे बड़ा माध्यम है। देशों के बीच विवादों को समाप्त करने के लिए संवाद होना चाहिए। शिक्षा सभ्य समाज का आधार है। दर्शन शास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. तारिक इस्लाम ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विषय का परिचय कराया। गांधी स्मृति विदर्शन समिति नई दिल्ली के कार्यक्रम अधिकारी वेद अभियास कुंदू ने संस्था की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। इंडिया लॉग फाउंडेशन के महासचिव एम बेहजाद फातिमी ने आभार व जैद ए सिद्दीकी ने संचालन किया।
' संविधान बदलने का मतलब देश की आत्मा बदलना '
मीडिया से बातचीत के दौरान तुषार गांधी ने कहा कि संविधान देश की आत्मा होती है। संविधान बदलने का मतलब देश की आत्मा बदलना है। ङ्क्षहदू महासभा के पदाधिकारी नाथूराम की पूजा करते हैं, इस पर उन्होंने कहा कि यह उनका अधिकार है। हालांकि अच्छा लगता है कि वह ऐसा खुलेआम करते हैं। कहा, गांधी के विचार कभी मर नहीं सकते।