हादसे में कार के दरवाजे हो जाएं बंद तो ऐसे करें अपनी सुरक्षा
हादसे के समय अक्सर कार के दरवाजे लॉक हो जाते हैं। नई गाडिय़ों में अब ऐसा नहीं हैं। यदि छोटी-छोटी तकनीकों पर अमल किया जाए तो हादसों से बचा जा सकता है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। हादसे के समय अक्सर कार के दरवाजे लॉक हो जाते हैं। नई गाडिय़ों में अब ऐसा नहीं हैं। यदि छोटी-छोटी तकनीकों पर अमल किया जाए तो हादसों से बचा जा सकता है।
हादसा होते ही पहुंचा है बीसीएम संदेश
टाटा मस्कट मोटर्स के डायग्नोस्टिक एक्सपर्ट एंड ट्रेनर शफीक खान बताते हैं कि नई गाडिय़ों में कंपनी बॉडी कंट्रोल मॉडृयूल (बीसीएम) लगाती है। हादसे होते ही सेंसर के जरिए बीसीएम संदेश पहुंचता है। बीसीएम से इंडीकेटर जल जाते हैं और गेट का लॉक भी खुल जाता है। वाहन के अगर इंडीकेटर जलते हैं तो पीछे से आने वाले वाहन चालक भी समझ जाते हैं कि आगे गाड़ी खड़ी है।
हजर्ट दबाने से हो सकती है सुरक्षा
जिन गाडिय़ों में बीसीएम नहीं हैं और वो हादसे का शिकार होती हैं तो दो तरह से अपने को बचा सकते हैं। पहला ये कि हादसे के बाद अगर गेट नहीं खुलते हैं और चालक होश में है तो उसे पहले स्टेयङ्क्षरग के पास लगे कंट्रोल पैनल का लाल बटन यानि हजर्ट दबाना चाहिए। इससे वाहन के चारों इंडीकेटर जलने लगते हैं। इससे आसपास के लोग मदद को आ सकते हैं। पीछे आ रहे वाहन चालक भी सतर्क हो सकते हैं।
ऐसे तोड़े कार के शीशे
अगर कार के गेट नहीं खुल रहे तो कार की सीट के हेड रेस्ट को निकाल लें। इसमें सरिया निकली होती हैं। इससे कार के शीश तोड़कर बाहर निकला जा सकता है। यह बेहद आसान तरीका है। छोटी छोटी तकनीकी जानकारी पर ध्यान दे तो हादसे बचा जा सकता है।
आग लगने के ये हो सकते हैं कारण
आरआई टेक्नीकल वीके चौधरी के अनुसार गाड़ी में आग लगने के कई कारण हो सकते हैं। गाड़ी में बैटरी के टर्मिनल ढीले होने पर शार्ट सर्किट होने की दशा में, बैटरी का मेंटीनेंस न करवाने पर कई बार उससे पानी या एसिड लीक होने लगता है, यह भी शॉर्ट सर्किट की वजह बन सकता है। सेंट्रल लॉक, ऑडियो सिस्टम, पार्किंग कैमरा, हॉर्न, हेडलाइट की सही वायरिंग न होने पर शॉर्ट सर्किट हो सकता है। आग लगने से पहले कुछ संकेत भी मिलते हैं। इनमें कभी अचानक धुआं निकलता है या स्पार्किंग भी हो सकती है।