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लक्ष्मीबाई महिला सम्मान योजना : पांच साल में अलीगढ़-हाथरस की दस ' निर्भया ' के जख्मों पर ही लगा मरहम

पांच साल में अलीगढ़-हाथरस में 10 मामलों में ही योजना का लाभ मिला है। प्रदेश सरकार ने किसी भी तरह की हिंसा से पीडि़त महिलाओं की मदद के लिए लक्ष्मीबाई महिला व बाल सम्मान कोष योजना चला रखी है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 09:47 AM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 03:29 PM (IST)
लक्ष्मीबाई महिला सम्मान योजना : पांच साल में अलीगढ़-हाथरस की दस  ' निर्भया ' के जख्मों पर ही लगा मरहम
दैनिक जागरण ने मंगलवार को महिला हिंसा में आर्थिक मदद से जुड़ी लक्ष्मीबाई योजना की पड़ताल की।

अलीगढ़ [सुरजीत पुंढीर] : दुष्कर्म पीडि़ता की मौत के बाद देशभर में एक बार फिर महिलाओं के खिलाफ हिंसा चर्चाओं में है। दैनिक जागरण ने मंगलवार को महिला हिंसा में आर्थिक मदद से जुड़ी प्रदेश सरकार की लक्ष्मीबाई व बाल सम्मान कोष योजना की पड़ताल की तो पता चला कि पांच साल में अलीगढ़-हाथरस में 10 मामलों में ही योजना का लाभ मिला है। प्रदेश सरकार ने किसी भी तरह की हिंसा से पीडि़त महिलाओं की मदद के लिए लक्ष्मीबाई महिला व बाल सम्मान कोष योजना चला रखी है। इसमें हिंसा पीडि़त महिलाओं के इलाज, पुनर्वास के लिए तीन से 10 लाख रुपये तक की मदद दी जाती है। योजना की शुरुआत 2015 में हुई थी।

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अलीगढ़ में छह, हाथरस में चार

योजना में बहुत कम पीड़़िताओंको लाभ मिला है। अलीगढ़ जिले में छह व हाथरस मेंं चार पीडि़ताओं को पांच साल में लाभ मिला है। मुआवजा पाने वाली अधिकांश सामूहिक दुष्कर्म पीडि़ता हैैं। महिला हिंसा के मामले तो सभी थानों में खूब दर्ज होते हैं, लेकिन अधिकांश पुलिस जांच में खारिज हो जाते है। कुछ मेडिकल टीम भी निरस्त कर देती है।

ऐसे मिलता है लाभ

मुकदमा दर्ज होने के बाद एसपी क्राइम रिपोर्ट प्रोबेशन विभाग के पोर्टल पर दर्ज करते हैं। यहां से फाइल मेडिकल टीम को जाती है। वहां चिकित्सक जांच करते है। फिर रिपोर्ट इसी पोर्टल पर अपलोड होती है। इसके बाद डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी सुनवाई करती है। यहां से प्रस्ताव शासन को जाता है। वहां से राशि जारी होती है। महिला हिंसा के मामले तो सभी थानों में खूब दर्ज होते हैं, लेकिन अधिकांश पुलिस जांच में खारिज हो जाते है। कुछ मेडिकल टीम भी निरस्त कर देती है।

हाथरस बूलगढ़ी प्रकरण: पीड़िता के परिवार को 5.87 लाख की सहायता

हाथरस: चंदपा कोतवाली क्षेत्र के गांव बूलगढ़ी की 19 वर्षीय दुष्कर्म पीडि़ता मंगलवार के तड़के अपनी जिंदगी से जंग हार गई। मौत के बाद जिला प्रशासन ने 5.87 लाख की धनराशि दूसरी किस्त के रूप में प्रदान कर दी हैं। इस प्रकार दस लाख का मुआवजा दिया गया है।जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने मुआवजे की धनराशि की पहली किस्त एससी-एसटी अधिनियम के तहत 27 सितंबर को 4 लाख 12 हजार 500 रुपये खाते में भिजवाई थी। अब जिलाधिकारी ने दूसरी किस्त के रूप में 5 लाख 87 हजार 500 रुपये पीड़िता के परिजनों को दिए हैं। इस प्रकार जिला प्रशासन कुल 10 लाख रुपये की मदद पीड़ित परिवार को दे चुका है।


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