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अलीगढ़ में ल्रबे समय से गैरहाजिर चल रहे प्रधानाध्‍यापक की हो सकती है सेवा समाप्‍त/Aligarh news

प्राथमिक विद्यालय हुसैपुर बेहमाफी गंगीरी में प्रधानाध्यापक लंबे से समय से बिना अफसरों की अनुमति के अवकाश पर हैं। प्रधान करीब एक माह से छात्र-छात्राओं को मिड-डे-मील नहीं बंटवा रहे।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Fri, 29 Nov 2019 09:26 AM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 09:26 AM (IST)
अलीगढ़ में ल्रबे समय से गैरहाजिर चल रहे प्रधानाध्‍यापक की हो सकती है सेवा समाप्‍त/Aligarh news
अलीगढ़ में ल्रबे समय से गैरहाजिर चल रहे प्रधानाध्‍यापक की हो सकती है सेवा समाप्‍त/Aligarh news

अलीगढ़, जेएनएन : प्राथमिक विद्यालय हुसैपुर बेहमाफी गंगीरी में प्रधानाध्यापक लंबे से समय से बिना अफसरों की अनुमति के अवकाश पर हैं। प्रधान करीब एक माह से छात्र-छात्राओं को मिड-डे-मील नहीं बंटवा रहे हैैं। स्कूल में केवल दो शिक्षामित्रों ने ही 92 बच्चों की पढ़ाई का काम संभाल रखा है। शिक्षामित्र सर्वेश देवी प्रधानाध्यापक की जगह पर अंग्रेजी पढ़ा रही हैं। शिक्षामित्र रनवीर सिंह ङ्क्षहदी, गणित पढ़ा रहे हैं। प्रधानाध्यापक के खिलाफ सेवा समाप्ति व प्रधान के खिलाफ खाता सीज करने की कार्रवाई की जा रही है। पूर्व में हुए शिक्षामित्र व प्रधानाध्यापक इमरान अली के झगड़े के बाद शिक्षामित्र को हटाया गया। प्रधानाध्यापक ने स्कूल आना बंद कर दिया। बच्चों को लंबे समय से मिड-डे-मील नहीं बांटा गया। एमडीएम बंटवाने की जिम्मेदारी प्रधान पर है। 

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22 अक्‍टूबर के बाद से नहीं मिला बच्‍चों को खाना

बीएसए डॉ. लक्ष्मीकांत पांडेय ने बताया कि प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्रवाई के लिए रिपोर्ट आ गई है। उनको पहला नोटिस जारी किया जा रहा है। तीन नोटिस तक वे नहीं आते तो उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी। एबीएसए घनेंद्रपाल को एमडीएम के संबंध में जानकारी करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने बताया कि 22 अक्टूबर तक विद्यार्थियों को खाना मिला। इसके बाद से खाना बंद है। बीच-बीच में एक-दो बार खाना बना है। प्रधान का खाता सीज करने के लिए डीपीआरओ को पत्र लिखा जा रहा है। वहां पर जल्द ही शिक्षक की भी व्यवस्था की जाएगी।

बोले छात्र-छात्राएं

एमडीएम के बारे में पूछने पर कक्षा तीन की गौरी का कहना है कि पहले सर पढ़ाते थे, अब मैडम पढ़ा रही हैं। खाना घर से खाकर आते हैं। स्कूल में नहीं मिलता।वहीं कक्षा पांच के छात्र आकाश ने बताया कि यहां मिड-डे-मील नहीं बनता। दूध व फल भी नहीं बंटते। जब पढ़ाई नहीं होती तो खेलते हैं।साथ ही कक्षा चार के छात्र दीपक ने बताया कि यहां दो टीचर हैं, वही पढ़ाते हैं। स्कूल में खाना बनता नहीं है। घर से खाकर ही आते हैं।


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