अलीगढ़ में बसपा के पार्षद समेत कई लोगों पर बलवे की रिपोर्ट दर्ज
सिविल लाइंस क्षेत्र के जमालपुर में पांच दिन पहले प्रचार करने गए भाजपाइयों से हुए विवाद में आरोपित बसपा पार्षद पूर्व सपा पार्षद आदि लोगों के खिलाफ पुलिस ने आखिर मुकदमा दर्ज कर लिया
अलीगढ़ (जेएनएन)। सिविल लाइंस क्षेत्र के जमालपुर में पांच दिन पहले प्रचार करने गए भाजपाइयों से हुए विवाद में आरोपित बसपा पार्षद, पूर्व सपा पार्षद आदि लोगों के खिलाफ पुलिस ने आखिर मुकदमा दर्ज कर लिया है। इन पर मारपीट, लूट, बलवे की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज हुई है। बसपा पार्षद, पूर्व पार्षद समेत चार लोग बुधवार को ही जमानत पर जेल से रिहा हुए थे।
भाजपाइयों को दिखाए थे काले झंडे
भाजपा प्रत्याशी व सांसद सतीश गौतम के बड़े बेटे शिवा, सिविल लाइंस मंडल अध्यक्ष भूपेंद्र वाष्र्णेय, रविकर आर्य व भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के महानगर अध्यक्ष इमरान सैफी आदि कार्यकर्ताओं को वहां काले झंडे दिखाए गए थे। आरोप है कि वार्ड 66 के बसपा पार्षद सद्दाम हुसैन व सपा के पूर्व पार्षद असलम नूर आदि ने उन्हें रोककर मारपीट कर दी।
मोदी-योगी के खिलाफ लगाए थे नारे
मोदी-योगी, सांसद व देश विरोधी नारे भी लगाए। मारपीट में अल्पसंख्यक मोर्चा रघुवीरपुरी मंडल के उपाध्यक्ष नदीम अहमद, महानगर अध्यक्ष इमरान सैफी, मंडल अध्यक्ष डॉ. नबी हसन जख्मी हुए थे। भाजपा के लोकसभा विस्तारक रामेंद्र कुमार ने हमलावरों के खिलाफ तहरीर दी थी। मारपीट, धमकाने के अलावा डॉ. नबी हसन से चेन लूटने का भी आरोप लगाया। पुलिस ने तहरीर पर रिपोर्ट न लिखकर शांति भंग में पार्षद सद्दाम हुसैन, पूर्व पार्षद असलम नूर, फारूख व इमरान को जेल भेज दिया। इससे भाजपाईयों में आक्रोश था। शिकायत ऊपर तक हुई। दबाव में आयी पुलिस ने कार्रवाई की।
बलवे व लूट की हुई रिपोर्ट
इंस्पेक्टर अमित कुमार ने बताया कि तहरीर के आधार पर बलवे, लूट, मारपीट आदि धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करन छानबीन शुरू कर दी है। प्राथमिक जांच में देश विरोधी नारे लगाने के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं।