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अलीगढ़ में मरी भई अम्मा स्वर्ग से ऐसे ले रही है पेंशन, जानिए सच

महिला कल्याण विभाग की विधवा पेंशन योजना में फर्जीवाड़ा हुआ है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में ऐसी 318 महिलाओं के नाम पेंशन जारी की गई है, जो इस दुनिया को छोड़ चुकी हैं।

By Edited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 03:00 PM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 03:00 PM (IST)
अलीगढ़ में मरी भई अम्मा स्वर्ग से ऐसे ले रही है पेंशन, जानिए सच
अलीगढ़ में मरी भई अम्मा स्वर्ग से ऐसे ले रही है पेंशन, जानिए सच

अलीगढ़ (सुरजीत पुंढीर)।  महिला कल्याण विभाग की विधवा पेंशन योजना में फर्जीवाड़ा हुआ है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में ऐसी 318 महिलाओं के नाम पेंशन जारी की गई है, जो इस दुनिया को छोड़ चुकी हैं। सत्यापन में पर्दाफाश हुआ तो अफसरों में खलबली मची। अब इनके नाम हटाकर दूसरे पात्रों के नाम जोड़े जा रहे हैं।

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ये है योजना
प्रदेश सरकार द्वारा विधवाओं की मदद के लिए विधवा पेंशन योजना संचालित की है। इसके तहत लाभार्थी विधवा को 500 रुपये महीने मिलते हैं। तिमाही पर 1500 रुपये की किश्त जारी की जाती है। जिले में इस समय कुल 23000 लाभार्थी हैं।

सर्वे में पर्दाफाश
पिछले दिनों शासन के निर्देश पर जिलेभर में विधवा पेंशन का सर्वे कराया गया था। इसमें सभी गांव व निकायों में पड़ताल की गई। अलग-अलग क्षेत्रों में लगी विशेष टीम ने डोर टू डोर सर्वे किया है। यह सर्वे वित्तीय वर्ष 2017-18 की सूची के आधार पर किया गया। कुछ निकायों को छोड़ अधिकांश की रिपोर्ट आ चुकी है।

318 मृतकों को पेंशन
रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। 318 ऐसी महिलाओं के नाम पेंशन जारी हो रही है, जिनकी काफी समय पहले मौत हो चुकी है। 21 ऐसी हैं, जो पात्रता की श्रेणी में नहीं और पेंशन ले रही हैं। कई ने दूसरी शादी कर ली फिर भी विधवा पेंशन ले रही हैं।

नए नाम जोडऩे की प्रक्रिया
सत्यापन रिपोर्ट आने पर अफसरों ने तत्काल मृतक और अपात्रों के नाम काटने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अधिकांश नाम काट भी दिए गए हैं। इनके स्थान पर नई पात्र महिलाएं जोड़ी जा रही हैं। इस वित्तीय वर्ष में कुल 3447 नए लाभार्थी चिह्नित हुए हैं।

छह माह की पेंशन एक बार में
अब तक हर तिमाही पेंशन जारी होती थी। इस वित्तीय वर्ष से बदलाव कर दिया गया है। अब एक साथ छह माह की पेंशन जारी हो रही है। लाभार्थी को एक साथ तीन हजार रुपये मिल रहे हैं।

सूची से हटा दिए हैं नाम
जिला प्रोबेशन अधिकारी स्मिता सिंह का कहना है कि जांच में ऐसे मामले सामने आते हैं। मृतकों व अपात्रों के नाम सूची से हटा दिए गए हैं। इनकी जगह नए नाम जोड़े जा रहे हैं।


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