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अलीगढ़ में बरसों से थानों में जमे हुए हैं 150 सिपाही, ताल ठोंककर करते हैं ड्यूटी

पुलिस नियमावली कहती है कि कोई भी सिपाही या अधिकारी एक ही जगह पर तीन साल से अधिक नहीं रह सकते। लेकिन जिले के थानों की तस्वीर इससे अलग है। यहां 150 सिपाही ऐसे हैं जो बरसों से एक ही थाने में जमे हैं।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 10:02 AM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 10:02 AM (IST)
अलीगढ़ में बरसों से थानों में जमे हुए हैं 150 सिपाही, ताल ठोंककर करते हैं ड्यूटी
कप्तान ने इन सिपाहियों की सूची तैयार कराई है।
अलीगढ़, सुमित शर्मा। पुलिस नियमावली कहती है कि कोई भी सिपाही या अधिकारी एक ही जगह पर तीन साल से अधिक नहीं रह सकते। लेकिन, जिले के थानों की तस्वीर इससे अलग है। यहां 150 सिपाही ऐसे हैं, जो बरसों से एक ही थाने में जमे हैं और ताल ठोंककर ड्यूटी भी कर रहे हैं। थाने पर ना सिर्फ इनकी मनमानी चलती है, बल्कि इससे बीट पुलिसिंग भी प्रभावित हो रही है। ऐसे में कप्तान ने इन सिपाहियों की सूची तैयार कराई है। जनवरी में इनके तबादले किए जा सकते हैं। 
150 सिपाहियों की सूची तैयार
इस साल जुलाई में कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में जिस तरह पुलिस की सांठ-गांठ और थानों में पोस्टिंग को लेकर खेल सामने आया था, उसके बाद से प्रदेश भर की पुलिस सतर्क हो गई थी। उस मौके पर तीन दर्जन मुंशियों को कप्तान ने इधर से उधर कर दिया था। इसके बाद लगातार शिकायतों के आधार पर थानों में तैनात पुलिसकर्मियों पर कार्रवाइयां हुईं। इसके बावजूद जिलेभर के अलग-अलग थानों में कई सिपाही ऐसे हैं, जो तीन साल से ज्यादा से जमे हैं। इनमें खैर, मडराक, लोधा, बरला, टप्पल, अतरौली, इगलास, विजयगढ़, अकराबाद के अलावा शहर के थाने भी शामिल हैं। लंबे समय से सिपाहियों के जमे होने से बीट पुलिसिंग पर प्रभाव पड़ता है। वहीं सिपाहियों को अपने इलाके के अलावा बदमाशों की जानकारी नहीं रहती। इन पर लेनदेन व पक्षपात के आरोप भी लगते रहते हैं। ऐसे में कप्तान ने 150 सिपाहियों की सूची तैयार करवाई है। 
पांच साल से ज्यादा समय से जमे
शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के थाने व चौकियों में दर्जनों सिपाही ऐसे भी हैं, जो पांच साल से ज्यादा से जमे हैं। अधिकारियों से पहुंच व राजनीतिक पैंठ रखने की वजह से इनका तबादला न तो किसी दूसरे थाने और न ही किसी दूसरे जिले में हुआ। इसके चलते थाने व चौकियों में इनकी धाक बनी हुई है। इनके हटने से नए पुलिसकर्मियों को भी काम करने का मौका मिल सकेगा। 
लॉकडाउन में किया था बड़ा फेरबदल
एसएसपी ने लॉकडाउन के दौरान पूरे जिले के थानों में भ्रमण अभियान चलाया था। कप्तान ने हर थाने में जाकर तैनात पुलिसकर्मियों के कामकाज की समीक्षा की। जहां कमियां मिलीं, वहां फेरबदल किया गया। इसके तहत जिलेभर के सभी थानों में प्रभारी व दारोगा बदले गए थे। वहीं लापरवाह पुलिसकर्मियों को लाइन में बुला लिया गया था। 
हर सप्ताह जिलेभर के थानों की अपराध समीक्षा की जाती है। इसमें खामियों को दूर करना प्राथमिकता होती है। इसी क्रम में थानों में सिपाहियों की तैनाती की समीक्षा की गई थी। इसके तहत करीब 150 सिपाही ऐसे हैं, जो एक ही थाने पर तीन साल से ज्यादा समय बिता चुके हैं। इनकी सूची बना ली गई है। जनवरी के पहले सप्ताह में इनको हटाकर दूसरी जगह पदस्थ कर दिया जाएगा। 
मुनिराज, एसएसपी

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