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भुखमरी से बीमार हुए परिवार की हालत में सुधार, राशन डीलर को नोटिस Aligarh news

कोरोना काल में बेराजगारी की मार एक परिवार इस तरह पड़ी कि जान पर बन आई। नगला मंदिर क्षेत्र के इस परिवार को कई दिन लगभग भूखा ही रहना पड़ा। तबीयत बिगडऩे पर अस्पताल पहुंचे तब प्रशासन को खबर हुई। चार बच्चे और उनकी मां की हालत में सुधार है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 10:04 AM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 10:04 AM (IST)
भुखमरी से बीमार हुए परिवार की हालत में सुधार, राशन डीलर को नोटिस Aligarh news
आगरा रोड स्थित नगला मंदिर निवासी गुड्डी पर दो बेटी व चार बेटे हैं।

अलीगढ़, जेएनएन ।  कोरोना काल में बेराेजगारी की मार एक परिवार इस तरह पड़ी कि जान पर बन आई। नगला मंदिर क्षेत्र के इस परिवार को कई दिन लगभग भूखा ही रहना पड़ा। तबीयत बिगडऩे पर अस्पताल पहुंचे, तब प्रशासन को खबर हुई। चार बच्चे और उनकी मां की हालत में अब सुधार है। इन्हें सभी सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए प्रशासन ने मूल प्रमाण पत्र के अलावा अंत्योदय कार्ड भी बनवाया है। साथ ही राशन डीलर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

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पति की मौत के बाद आया संकट

आगरा रोड स्थित नगला मंदिर निवासी गुड्डी पर दो बेटी व चार बेटे हैं। बड़ी बेटी की शादी हो गई है। गुड्डी ने बताया कि 2020 में लाकडाउन से कुछ दिन पहले पति विनोद की छत से गिरने के कारण मौत हो गई थी। इसके बाद से ही परिवार पर संकट आ गया। गुड्डी ने चार हजार रुपये महीने पर एक फैक्ट्री में काम किया, लेकिन थोेड़े दिन बाद यह फैक्ट्री भी बंद हो गई। लाकडाउन में बंटने वाले खाने से गुजारा किया। लाकडाउन खुलने पर उसके बेटे अजय नेे मजदूरी शुरू की। अप्रैल में फिर कोरोना संक्रमण ने बेरोजगारी दे दी। देवर ने कोई मदद नहीं की। आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते दामाद भी कोई मदद नहीं कर सका। राशन डीलर ने भी राशन देने से मना कर दिया। लाकडाउन में कहीं कोई कार्रवाई न हो जाए, इस डर से किसी अधिकारी के पास गए नहीं। ऐसे में पड़ोसियों से थोड़ा बहुत जो मिलता, वही खाने की मजबूरी हो गई। इससे पेट भरता नहीं था और कई बार तो भूखा सोना पड़ा। नियमित भरपेट खाना न मिलने के चलते बच्चे बीमार हो गए। इतनी कमजोरी आ गई कि चल-फिर भी नहीं पा रहे थे। दो दिन पहले जैसे-तैसे गुड्डी चार बच्चों को लेकर जिला अस्पताल पहुंचीं। इनके पेट में दर्द की शिकायत थी।

प्रशासनिक अधिकारी जुटे मदद में

जानकारी होने पर हैंड्स फार हेल्प संस्था के पदाधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी भी मदद में जुट गए। हैंड्स फार हेल्प के अध्यक्ष डा. सुनील ने बताया कि 11 वर्षीय विजय, 13 वर्षीय अनुराधा, नौ वर्षीय दीपू अब ठीक हैं। तीनों चल-फिर रहे हैं। छह वर्षीय टीटू की हालत स्थिर है। उसे खून चढ़ाया गया है। अनुराधा व विजय को टाइफाइड था, जबकि दीपू व टीटू को कमजोरी थी। चारों का एक्स-रे कराया गया है। टीटू भी स्वस्थ हो जाएगा। डीएम चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि संबंधित क्षेत्र के कोटा डीलर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। पूछा गया है कि इस परिवार को राशन क्यों नहीं दिया गया। इस परिवार के लिए अंत्योदय कार्ड जारी करा दिया गया है। इससे हर महीने राशन की दुकान से 20 किलो गेेहूं व 15 किलो चावल ले सकेगा। उज्ज्वला गैस कनेक्शन देने की भी तैयारी चल रही है। कोल तहसील से मूल निवास प्रमाणपत्र जारी हो गया है। आधार कार्ड बनने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। बैैंक खाता खुलवा दिया गया है, ताकि सरकार की योजना के तहत एक हजार रुपये खाते में जमा कराए जा सकें।


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