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युवा दिवस पर एकल नृत्य प्रतियोगिता में छा गई छवि

ऊषा सक्सेना ने युवाओं को कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने युवाओं को संगठित होकर रहने चरित्रवान बनने के उपदेश दिये। वे युवाओं को राष्ट्र का प्राण मानते थे उन्होंने कहा कि युवाओं को स्वामी जी के बताये आदर्शो को अपनाना चाहिए जिससे युवाओं का मानसिक एवं चारित्रिक विकास हो।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 04:10 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 04:49 PM (IST)
युवा दिवस पर एकल नृत्य प्रतियोगिता में छा गई छवि
युवा सप्ताह के तहत हाथरस में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

हाथरस, जागरण संवाददाता। युवा सप्ताह के तहत सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें एकल नृत्य प्रतियोगिता में छवि गौतम ने प्रथम, दिशा एवं विष्णु ने द्वितीय स्थान एवं काव्या अग्रवाल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

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एकल नृत्‍य प्रतियोगिता का आयोजन

नेहरू युवा केंद्र हाथरस द्वारा स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय युवा दिवस, सप्ताह का आयोजन विभिन्न युवा मण्डलों द्वारा किया जा रहा है। इस सप्ताह में सांस्कृतिक दिवस के अवसर पर डान्स अकेडमी के सहयोग महेश कुमार शर्मा स्वयं सेवक के नेतृत्व में डांस अकेडमी हाथरस में एकल नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर नेहरू युवा केंद्र हाथरस में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सर्वप्रथम नेहरू युवा केंद्र की जिला युवा अधिकारी दिव्या शर्मा तथा लेखा एवं कार्यक्रम सुपरवाइजर ऊषा सक्सेना ने संयुक्त रूप से स्वामी जी के चित्र पर मार्ल्यापण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। नेहरू युवा केंद्र की जिला युवा अधिकारी दिव्या शर्मा ने युवाओं को हुए कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी युवाओं के प्रेरणा स्रोत थे। उन्होने कहा था कि उठो, जागो और तब तक मत रूको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो। हम सभी को उनके बताए रास्ते पर चलकर अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आगे बढना चाहिए।

युवाओं को राष्‍ट्र का प्राण मानते थे स्‍वामी विवेकानंद

ऊषा सक्सेना ने युवाओं को कहा कि स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को संगठित होकर रहने, चरित्रवान बनने के उपदेश दिये। वे युवाओं को राष्ट्र का प्राण मानते थे उन्होंने कहा कि युवाओं को स्वामी जी के बताये आदर्शो को अपनाना चाहिए जिससे युवाओं का मानसिक एवं चारित्रिक विकास हो। नवीन कुशवाह ने युवाओं को सम्बोघित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानन्द एक ऐसे संत थे जिनका रोम-रोम राष्ट्रभक्त से ओत-प्रोत था। उन्होने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी ने कभी राजनीति में भाग नहीं लिया किन्तु उनके कर्म और चिंतन की प्रेरणा से हजारों ऐसे कार्यकर्ता तैयार हुए जिन्होने राष्ट्र रथ को आगे बढाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। एकल नृत्य प्रतियोगिता में 20 बालक बालिकाओं ने भाग लिया। जिसमें कु छवि गौतम ने प्रथम कु दिशा एवं विष्णु ने द्वितीय स्थान एवं कु0 काव्या अग्रवाल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

ये लोग रहे उपस्‍थित

कार्यक्रम में दीपक शर्मा, नवीन कुशवाह, जय ललिता, दीक्षा कुशवाह, अन्नू, पंकज, चांदनी, काव्या, रोहित चौहान आदि का सहयोग सराहनीय रहा।


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