अलीगढ़ में नियमों की आड़ में अवैध खनन की बाढ़
नियमों में ढील की आड़ में जिले में मिट्टी का अवैध खनन बड़े पैमाने पर शुरू हो गया है। माफिया पूरी रात दर्जनों स्थानों पर खनन करते दिखाई दे जाते हैं।
अलीगढ़ (अलीगढ़)। नियमों में ढील की आड़ में जिले में मिट्टी का अवैध खनन बड़े पैमाने पर शुरू हो गया है। माफिया पूरी रात दर्जनों स्थानों पर खनन करते दिखाई दे जाते हैं। शहर के आसपास के गांवों तो स्थिति ज्यादा ही खराब है। यहां जेसीबी व डंपर से खोदाई होती है। कार्रवाई के लिए जिम्मेदार खनन विभाग व पुलिस आंखे मूंदे हैं।
यह है नियम
अखिलेश सरकार में मिट्टी के खनन के लिए किसान हो या व्यापारी, सभी को राजस्व जमा करना होता था। इसके बाद भी अवैध खनन होता था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने दो साल पहले सूबे की सत्ता संभाली तो अवैध खनन पर कार्रवाई शुरू की। किसानों का उत्पीडऩ रोकने के लिए निजी कार्यों के लिए खनन को राजस्व से मुक्त किया। कोई भी किसान मुफ्त में अधिकतम दो मीटर मिट्टी का उठान कर सकता है। इसके लिए लिखित में अनुमति लेनी होती है। ईंट भट्ठा समेत व्यावसायिक कार्यों में राजस्व को बरकरार रखा गया है।
छूट का फायदा
अब इसी छूट का फायदा उठाया जा रहा है। किसानों के नाम पर व्यवसाय हो रहा है। खेतों से माफिया सस्ते में मिट्टी उठाते हैं। उसे शहर में ले जाकर महंगे दामों में बेचते हैं। अफसरों की भी मिलीभगत होती है।
कोई कार्रवाई नहीं
अगर पिछले एक साल के सरकारी रिकॉर्ड पर नजर डाली जाए तो प्रशासन की कार्रवाई शून्य है। किसी भी स्थान पर मिट्टी के खनन पर एक छापा तक नहीं मारा गया है।
इन क्षेत्रों में ज्यादा खनन
तालानगरी क्षेत्र के हरदुआ देहात व आसपास के गांव में बड़े स्तर पर अवैध खनन हो रहा है। इसी तरह जीटी रोड पर खानपुर के आसपास खेतों से मिट्टी उठाई जाती है। इगलास व अतरौली में भी यही स्थिति है।
ट्रॉली की कीमत होती है तय
खनन माफिया प्लॉट के भराव के लिए ठेका लेता है। एक रात में कई-कई ट्रैक्टर, डंपर व जेसीबी से भराव किया जाता है। दूरी की हिसाब से मिट्टी की कीमत तय होती है। 500 रुपये ट्रॉली से शुरुआत होती है। इसी तरह भट्ठा स्वामी खेल करते हैं। उन्हें दो मीटर मिट्टी खोदाई का अधिकार है, लेकिन चार मीटर तक कर डालते हैं। खनन अधिकारी राजकुमार संगम का कहना है कि अवैध खनन को लेकर प्रशासन सख्त है। सरकार ने किसानों को निजी कामों के लिए मिट्टी के खनन में राजस्व की छूट दी है। किसानों को इसकी लिखित में अनुमति लेना अनिवार्य है।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप