अवैध गैस रीफिलिंग का भंडाफोड़, 85 सिलेंडर बरामद,ऐसे चल रहा था गोरखधंधा Aligarh News
हरदुआगंज में जिला पूर्ति अधिकारी के नेतृत्व में पुलिस-प्रशासन की टीम ने सोमवार को अवैध गैस रीफिलिंग का बड़ा भंडाफोड़ किया। घनी बस्ती में लंबे समय से यह खेल चल रहा था।
अलीगढ़ [जेएनएन]। हरदुआगंज में जिला पूर्ति अधिकारी के नेतृत्व में पुलिस-प्रशासन की टीम ने सोमवार को अवैध गैस रीफिलिंग का बड़ा भंडाफोड़ किया। रामघाट रोड स्थित घनी बस्ती में लंबे समय से यह खेल चल रहा था। टीम को छोटे बड़े अलग-अलग कंपनियों के घरेलू व व्यावसायिक 85 गैस सिलेंडर बरामद किए। पिता-पुत्र समेत पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई। अवैध गैस रीफिलिंग में पिता-पुत्र पांच माह में दूसरी बार पकड़े गए हैं।
दो दुकानदार फरार
सुबह सात बजे ही डीएसओ चमन शर्मा के नेतृत्व में पहुंची टीम ने मोहल्ला न्यू बोहरान के बाहर बालाजी ट्रेडिंग कंपनी एंड किचन सेंटर, ग्रीन इंडिया कंपनी नाम से संचालित दुकानों पर छापा मारा। दो दुकानदार फरार हो गए। इसके साथ ही दुकानों पर सुनील कुमार, संतोष कुमार, अमित कुमार मौके पर मिले। उनकी निशानदेही पर दुकान के पीछे अन्य दो दुकानों, दोनों के मकानों की जांच करने पर अलग-अलग कंपनियों के सिलेंडरों का जखीरा मिला। टीम ने सभी सामान जब्त कर लिया।
यह सामान हुआ बरामद
25 घरेलू सिलेंडर मिले। इनमें 8 भरे, 17 खाली थे। 27 व्यावसायिक सिलेंडर मिले, जिनमें 15 भरे तथा 12 खाली थे। 5 किलो वाले 6 सिलेंडर, तीन किलो वाले 25 सिलेंडर, दो किलो वाले दो सिलेंडर मिले। सात बांसुरी यानी रीफिलिंग उपकरण, दो रीफिलिंग मशीन, दो बाइक बरामद हुईं।
इन पर हुआ मुकदमा
सिलेंडर संबंधी प्रपत्र न दे पाने पर दुकान संचालक तीनों युवकों को पुलिस के हवाले कर दिया गया। अमित, संतोष, सुनील, दिनेश व गंगा प्रसाद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
बाथरूम, छत व कमरे में सिलेंडर
टीम दुकानों में भरे सिलेंडरों को निकालने के बाद गंगा प्रसाद की दुकानों में घुसी तो बाथरूम, छत की रसोई में भी सिलेंडर भरे देख डीएसओ हैरान रह गए। इसी घर से चार अगस्त 2019 को टीम ने 132 गैस सिलेंडर बरामद किए थे।
1000 किलो गैस की रोजाना खपत
गैस माफिया पर आपूर्ति विभाग की यह तीसरी कार्रवाई है। आरोपितों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 में मुकदमा दर्ज किया गया है। इस धारा से निपटने में माफिया गुट माहिर है। सूत्र बताते हैं कि 150 टेंपो प्रतिदिन यहां से गैस भरवाते हैं। एक टेंपो को रोजाना छह से आठ किलो गैस चाहिए। यहां रोजाना 150 टेंपो में लगभग 1000 किलो गैस पड़ती है। ये गैस 80 रुपये प्रति किलो की दर से डाली जाती है। माफिया गुट इस गैस को 45 रुपये किलो की दर पर गैस एजेंसियों से घरेलू गैस सिलेंडर के जरिये आसानी से हासिल कर लेता है। इस कमाई पर माफिया गुट साल में करीब 30 लाख से अधिक का आयकर भी चोरी करते हैं। सूत्रों का कहना है कि 4 अगस्त 2019 की कार्रवाई के बाद गैस के भंडारण की व्यवस्था में माफिया गुट ने बदलाव कर दिया है। यहां तीस फीसद गैस ऑन कॉल सेवा पर आती थी और फिर टेंपों में डाली जाती थी। 4 अगस्त की कार्रवाई में 753 किलो गैस मिली थी। इस बार छापे से एक दिन पहले पुलिस की सख्ती के कारण माफिया गुट सतर्क था। इस बार 370 किलो गैस ही बरामद हो सकी।
आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट
जिला आपूर्ति अधिकारी चमन शर्मा का कहना है कि गैस माफिया के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है। गिरोह को खत्म करने के लिए गुंडा एक्ट की फाइल भी बनाई जा रही है। डीएम के निर्देश पर यह कार्रवाई हुई है। जरूरत पड़ी तो आरोपितों के खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई भी होगी।