अन्न बचाकर गरीबों की भूख मिटाती है इगलास की रोटी बैंक Aligarh news
आपने मनी बैंक व ब्लड बैंक तो खूब देखे-सुने होंगे। पर क्षेत्र के मथुरा बार्डर से सटे गांव साथिनी के श्री मुरली वाला युवा सेवा समिति के युवाओं ने अनोखा बैंक खोला है।
अलीगढ़ [योगेश कौशिक] आपने मनी बैंक व ब्लड बैंक तो खूब देखे-सुने होंगे। पर क्षेत्र के मथुरा बार्डर से सटे गांव साथिनी के श्री मुरली वाला युवा सेवा समिति के युवाओं ने अनोखा बैंक खोला है। ये है रोटी बैंक। इस बैंक में पैसे तो जमा नहीं किए जाते रोटी-सब्जी जमा की जाती हैं। ब्याज के रु प में भूखों की दुआएं मिलती हैं। इस रोटी बैंक के जरिए सैकड़ों लोगों की एक वक्त की भूख मिट रही है। अध्यक्ष शिव कुमार सोनी ने बताया है कि प्रत्येक दिन कितना अन्न यूं ही बर्बाद हो जाता है। जबकि तमाम लोगों को एक वक्त का खाना भी नसीब नहीं होता। खाने की बर्बादी को रोकने व भूखों को भोजन कराने के लिए ही संस्था बनाई है। इस कार्य से मानसिक शांति व गरीबों को दुआएं मिलती हैं। यदि किसी गरीब को मदद चाहिए तो हम मदद के लिए तैयार हैं।
ऐसे आया विचार
समिति के अध्यक्ष शिव कुमार सोनी बताते हैं वर्ष 2017 की बात है वह वृंदावन के पास एक ढाबे पर खाना खा रहे थे। वहीं समीप एक बालक कूड़े के ढेर से कुछ खाता हुआ दिखा उसके तन पर कपड़े भी नहीं थे। उन्हें यह देखकर बड़ी पीड़ा हुई और उस बालक को ढाबे पर पहले खाना खिलाया और बाजार से कपड़े दिलाए। इस घटना को उन्होंने गांव आकर अपने कुछ साथियों के साथ शेयर किया और एक रोटी बैंक की स्थापना करने का विचार रखा। इस अनूठी पहल के लिए उनके सभी साथी भी तैयार हो गए और 11 सदस्यों की टीम बन गई। अब यह टीम 32 सदस्यों की है।
रोटी, पूड़ी, सब्जी करते हैं जमा
रोटी बैंक में घरों से प्रत्येक बुधवार व गुरु वार को खाने के पैकिट लिए जाते हैं। पैकिट में रोटी सब्जी, अचार या पूड़ी, सब्जी व अचार रखा जाता है। खाने के पैकिटों की गुणवत्त्ता की जांच पहले संस्था के सदस्य स्वयं करते हैं। 35 खाने के पैकिटों से शुरु की गई मुहिम अब 400 पैकिट पर पहुंच गई है। पैकिट जमा करने के लिए गांव साथिनी, बेसवां, राया, मथुरा व कई अन्य गांवों में 16 स्टोर बना रखे हैं। सूचना मिलने पर सदस्य घर से पैकिट ले आते हैं। जन्मदिन या शादी की वर्षगांठ पर भी टीम के सदस्य लोगों को भूखों को भोजन कराने के लिए प्रेरित करते हैं। पहले खाने की व्यवस्था एक दिन थी, अब इसे दो दिन कर दिया गया है। भविष्य में समिति प्रत्येक दिन भूखों को रोटी पहुंचाने का काम करेगी। एकत्रित किए गए पैकिटों को संस्था के सदस्य मथुरा, वृंदावन, राया, अस्पताल व रेलवे स्टेशन आदि जगहों पर जाकर फुटपाथ पर रहने वाले भूखे लोगों को देते हैं। भूख से पीडि़त लोग भी अब संस्था के सदस्यों के आने का इंतजार करते नजर आते हैं।
ये चलाते हैं बैंक
श्री मुरली वाला युवा सेवा समिति रजिस्टर्ड समिति है। इसके अध्यक्ष शिव कुमार सौनी ज्वैलर्स हैं, सचिव पवन कुमार इंजीनियर हैं, उप सचिव प्रवीन कुमार पुलिस में सेवारत हैं, मीडिया प्रभारी नितिन ङ्क्षहडोल डाक्टर, सदस्य सुधीर कौशिक वकील हैं। इसके साथ ही अन्य पदाधिकारी कृष्ण कुमार, तनुज गर्ग, रवि सोनी, जीतू ङ्क्षहडोल, धर्मेंद्र प्रताप, कैलाश कौशिक के साथ 32 सदस्य सरकारी जॉव व व्यापार से जुड़े हुए हैं। इनके द्वारा प्रत्येक माह 1-1 हजार रु पये जमा किए जाते हैं। एकत्रित धन को समिति के खर्चे व अन्य कार्यों में खर्च किया जाता है। अन्य लोग भी समिति के साथ जुड़कर सहयोग कर रहे हैं।
ग्रामीण कर रहे सहयोग
संस्था के सराहनीय कार्यों में ग्रामीण भी खूब सहयोग कर रहे हैं। प्रत्येक बुधवार व गुरु वार को स्टोर पर तीन बजे बाक्स रखे जाने के बाद ग्रामीणों का घर पर बना ताजा खाने के पैकिट लेकर आना प्रारंभ हो जाता है। ग्रामीण संस्था के सदस्यों की पहल की सराहना किए नहीं थकते। संस्था को नेक कार्य के लिए कई बड़ी संस्थानों द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है।
सामाजिक कार्यों में भागीदारी
समिति के कार्यकर्ता सामाजिक कार्यों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। गांव में खेल कूद प्रतियोगिता कराते थे। अब शिवरात्रि पर कबाडिय़ों के लिए शिविर, गरीब महिलाओं के लिए साडिय़ां बांटना, गरीब कन्याओं की शादी में मदद, किसी भी तरह से गरीब लोगों की मदद। स्कूल के बच्चों को पेन, किताबें व ड्रेस बांटने का भी निर्णय लिया है। कई लोगों का रोजगार भी शुरू कराया है।