Move to Jagran APP

माटी को बचाना है तो अपनाएं जैविक खेती, ऐसे होगा किसानो का फायदा Aligarh News

जिस प्रकार से धरती की माटी की सेहत खराब हो रही है उससे आने वाले दिनों में खेत फसल देना बंद कर देंगे। इसको लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भूमि सुपोषण अभियान की शुरुआत की है। पूरे देश में यह अभियान चलाया जाएगा।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 12:00 PM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 12:00 PM (IST)
माटी को बचाना है तो  अपनाएं जैविक खेती, ऐसे होगा किसानो का फायदा Aligarh News
जिस प्रकार से धरती की माटी की सेहत खराब हो रही है।

अलीगढ़, जेएनएन। जिस प्रकार से धरती की माटी की सेहत खराब हो रही है, उससे आने वाले दिनों में खेत फसल देना बंद कर देंगे। इसको लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भूमि सुपोषण अभियान की शुरुआत की है। पूरे देश में यह अभियान चलाया जाएगा, जिससे लोगों को जागरूक किया जा सके। आरएसएस के साथ ही तमाम आनुषांगिक संगठन भी इसमें सहयोग कर रहे हैं। सहकार भारती ने भी अभियान छेड़ दिया है। संस्था के पदाधिकारी गांव-गांव में माटी की सेहत के बारे में बताएंगे। साथ ही लोगों को जैविक खेती के प्रति प्रेरित करेंगे। किसानों से भारतीय पद्धति पर खेती करने के लिए प्रेरित करेंगे। 

prime article banner

खेतों की मिट्टी की सेहत तेजी से गिरी

भूमि सुपोषण अभियान को सफल बनाने के लिए सहकार भारती प्रदेश के प्रत्येक जनपदों में सहयोग करेगी। सहकार भारती के प्रदेश  महामंत्री डा. प्रवीण सिंह जादौन ने कहा कि खेतों की मिट्टी की सेहत तेजी से गिरती जा रही है, यह हम सभी के लिए चिंतनीय विषय है। आज तक किसी सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। हमें गांव-गांव जागरूकता लानी है। मुख्य उद्देश्य भारतीय कृषि चिंतन, भूमि सुपोषण एवं संरक्षण इन संकल्पनाओं को कृषि क्षेत्र में पुनः स्थापित करना है‌। किसानों को समझाना है। उन्हें खेतों में कीटनाशक दवाएं, रासायनिक उरर्वक को रोने के लिए प्रेरित करना है। क्योंकि किसान अधिक उपज के लिए इन चीजों का प्रयोग अंधाधुंध करता है। सहकार भारती  के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य चमन शर्मा ने कहा कि अभियान तीन महीने चलाया जाएगा। सहकार भारती ने पहले दिन इगलास क्षेत्र में भूमि पूजन से अभियान का शुभारंभ किया। इस जन अभियान की मुख्य संकल्पना है कि खेतों की माटी की सेहत को सुधार सकें। हम सभी का उत्तरदायित्व है कि इस अभियान को जनआंदोलन बनाएं। जिलाध्यक्ष चौधरी बृजमोहन सिंह ने बताया कि जिले के जैविक खेती से जुड़े किसानों को सम्मानित भी किया जाएगा। आधुनिक कृषि में भूमि का स्थान मात्र एक आर्थिक स्रोत है। इसका परिणाम है कि हमने भूमि का सतत शोषण किया है। भारत के अनेकों किसानों के अनुभव कहते हैं कि कृषि लागत मूल्य निरंतर बढ़ रहा है, भूमि की उपजाऊ क्षमता घट रही है, ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा भी निरंतर घट रही है, जिसके कारण उत्पादन भी घट रहा है. भूमि की जल धारण क्षमता और जल स्तर अधिकांश स्थानों पर घट रहा है. कुपोषित भूमि के कारण मानव भी विभिन्न रोगों का शिकार हो रहा है. आधुनिक कृषि के गत वर्षों में भूमि सुपोषण संकल्पना की हमने अनदेखी की है। अतः जनपद अलीगढ़  के सभी जन समुदाय के संगठन मिलकर भारतीय कृषि चिंतन एवं उसमें उपस्थित भूमि सुपोषण संकल्पना को पुनः स्थापित करें‌। भूमि सुपोषण एवं संरक्षण हेतु राष्ट्र स्तरीय जन अभियान इसी दिशा में उठाया गया प्रथम चरण है। सहकार भारती के विभाग संयोजक अंशुल राठौर  ने कहा कि भूमि सुपोषण एवं संरक्षण हेतु राष्ट्रीय जन अभियान संपूर्ण राष्ट्र में, राज्यों में, जिलों में, ग्रामों में एवं नगरों में किया जाएगा। हमारी भूमि का सुपोषण करना यह मात्र कृषकों का उत्तरदायित्व नहीं है, हमारा भी उत्तरदायित्व है। प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य स्नेहलता शर्मा ने बताया कि भारतीय कृषि चिंतन में भूमि को धरती माता संबोधित किया है। हमारे प्राचीन ग्रंथों में इसके उदाहरण सहजता से पाए जाते हैं।

माता भूमिः पुत्रो अहं पृथिव्या

अथर्वेद के भूमि सूक्त में कहा गया है, ‘माता भूमिः पुत्रो अहं पृथिव्या’, इस का भावार्थ है कि भूमि हमारी माता है, एवं हम उसके पुत्र. तात्पर्य, भूमि को पोषण की व्यवस्था करना हमारा कर्तव्य है। विभाग सह संयोजक उमेश पाल सिंह ने बताया कि नगर क्षेत्रों में विविध  कालोनी में अपशिष्ट को अलग रखना एवं जैविक से कंपोस्ट बनाना आदि गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।  सेमीनार, कार्यशाला, कृषक प्रशिक्षण, प्रदर्शनी आदि गतिविधियों का भी आयोजन होगा। जिला महिला प्रमुख महेश्वरी मिश्रा ने बताया कि भूमि सुपोषण एवं संरक्षण अभियान के लिए  संचालन समिति में ऐसे कृषक हैं जो भारतीय कृषि चिंतन एवं भूमि सुपोषण संकल्पना को प्रत्यक्ष धरातल पर क्रियान्वित कर रहे हैं। बैठक में महानगर अध्यक्ष अभिजीत सिंह, राम सिंह, गजेन्द्र शर्मा, गुलाब सिंह, रवि चौहान आदि ने सहभागिता की 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.