आप चाहें तोे कम हो जाए अन्न की बर्बादी Aligarh News
खाना हम सभी की जरूरत है। कहीं फेंका जा रहा है। बर्बाद हो रहा है तो कहीं इंतजार रहता है। किसी को आसानी से उपलब्ध है तो कोई तरस भी रहा है।
अलीगढ़ [जेएनएन] खाना, हम सभी की जरूरत है। कहीं फेंका जा रहा है। बर्बाद हो रहा है, तो कहीं इंतजार रहता है। किसी को आसानी से उपलब्ध है तो कोई तरस भी रहा है। कूड़े से ढेर से खाना बीनने की यही मजबूरी है। भूखे सोने की विवशता है। यदि फेंका जाने वाला खाना जरूरतमंद को मिल जाए तो...। तय है वह भूखा नहीं सोएगा। बर्बादी रुक जाए तो, तय है जरूरतमंदों तक पहुंच जाएगा। पर यह हो कैसे? जवाब मुश्किल नहीं। जागरूकता की जरूरत है। हम चाहें तो अन्न की बर्बादी कम हो जाए। खाना उतना ही थाली में लें जितना खा सकें। व्यर्थ नाली में जाए। बचे खाने को जरूरतमंदों तक पहुंचवाएं। काश यह आदत में ढल जाए तो अन्न बर्बादी के खिलाफ चल रही मुहिम को भी बल मिल जाएगा।
किस देश में प्रति वर्ष, प्रति व्यक्ति कितना खाना होता बर्बाद
ऑस्ट्रेलिया 361 किलो
अमेरिका 278 किलो
तुर्की 168 किलो
स्पेन 165 किलो
जापान 157 किलो
भारत 51 किलो
चीन 44 किलो
ग्रीस 44 किलो
(2017 में हुए सर्वे के आंकड़े किलोग्राम में हैं)
पिछले तीन सालों में यूपी में हुई बर्बादी की कहानी
- 381 मीट्रिक टन अनाज सड़ गया।
- 2017-18 में 242.850 मीट्रिक टन राशन बर्बाद हुआ।
- 2018-19 में 115.784 मीट्रिक टन अनाज की बर्बादी हुई।
- 2019-20 में सितंबर तक 22.971 मीट्रिक टन अनाज खराब हुआ।
(भारतीय खाद्य निगम की रिपोर्ट)
हम यह करें प्रयास
- एक साथ ढेर सारा सामान खरीदने से बचें।
- खाना उतना तैयार कराएं जितना उपयोग हो सके।
- शॉपिंग स्टोर की डिलिवरी सर्विस का फायदा उठाएं।
- जल्द खराब होने वाली चीजें हर दूसरे-तीसरे दिन खरीदें।
- आटा, दाल, चावल जैसे सूखे अन्न को एयर टाइट डिब्बे में रखें।
- फल, सब्जी, मीट और दूध को इस्तेमाल के अलावा फ्रिज में रखें।
2018-19 के बाद पौष्टिक अनाज का उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि के लिए उठाए गए कदम
- पौष्टिक अनाज का प्रजनक बीज उत्पादन
- विशाल बीज केंद्रों की स्थापना
- प्रमाणित बीज उत्पादन
- बीजों हेतु मिनिकिट्स का आवंटन
- सुदृढ़ीकरण/ उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना
- पौष्टिक-अनाज का प्रचार
प्रयास ऐसे भी
- राजस्थान के एक गैर सरकारी संगठन आयोजनों में बचे हुए खाने को प्रिजर्व करता है और उसे जरूरतमंदों को उपलब्ध कराता है।
- मुंबई में डिब्बेवालों ने रोटी बैंक की शुरुआत की है, जिसमें बचे हुए खाने को गरीब भूखे लोगों तक पहुंचाया जाता है।
- टाटा कन्सल्टेंसी सर्विसेज ने अपने ऑफिस स्टाफ को एक बोर्ड पर लिखकर रोज खाने की होने वाली बर्बादी के बारे में चेताता है।
अलीगढ़ में ये है व्यवस्था
- 1300 से अधिक सरकारी राशन की दुकानें हैं।
- 35 किलो राशन अंत्योदय कार्डधारक को प्रतिमाह दिया जाता है।
- 5 किलो पात्र राशन कार्डधारकों को प्रतिमाह दिया जाता है।
- 2 रुपये प्रति किलो चावल कार्डधारकों को दिया जाता है।
- 3 रुपये प्रति किलो गेहूं कार्डधारकों को दिया जाता है।