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कासिमपुर परियोजना ने नहीं छोड़ी जमीन तो किसान ने अपनी जमीन पर किया कब्‍जा Aligarh news

नगौला के किसान हेमेंद्र सिंह की पैतृक भूमि गाटा संख्या 8 वह 10/2 कासिमपुर पावर हाउस के एस डंपयार्ड में है। किसान हेमेंद्र कुमार का कहना है कि कासिमपुर परियोजना प्रबंधन ने बिना मुआवजा दिए ही उनकी जमीन पर अवैध कब्जा किया हुआ है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Thu, 04 Nov 2021 01:13 PM (IST)Updated: Thu, 04 Nov 2021 01:15 PM (IST)
कासिमपुर परियोजना ने नहीं छोड़ी जमीन तो किसान ने अपनी जमीन पर किया कब्‍जा Aligarh news
कासिमपुर पावर हाउस परियोजना प्रबंधन ने किसान की कब्जाई जमीन नहीं छोड़ी तो किसान ने खुद कब्‍जा कर लिया।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। किसान द्वारा बार- बार मिन्नतें करने के बावजूद जब कासिमपुर पावर हाउस परियोजना प्रबंधन ने किसान की कब्जाई जमीन नहीं छोड़ी तो किसान को मजबूर हो अपनी जमीन खुद ही मुक्त करानी पड़ी।

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बिना मुआवजे दिए परियोजना प्रबंधन ने कब्‍जाई जमीन

नगौला के किसान हेमेंद्र सिंह की पैतृक भूमि गाटा संख्या 8 वह 10/2 कासिमपुर पावर हाउस के एस डंपयार्ड में है। किसान हेमेंद्र कुमार का कहना है कि कासिमपुर परियोजना प्रबंधन ने बिना मुआवजा दिए ही उनकी जमीन पर अवैध कब्जा किया हुआ है। जब उसे इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने परियोजना प्रबंधन से अपनी जमीन वापस मांगी। लिखित शिकायत व सूचनाओं के आदान-प्रदान के बाद मामले की शिकायत राजस्व विभाग से की गई जिस पर जमीन की पैमाइश हुई। पैमाइश में दोनों गाटा संख्याओं की जमीन एस डंप यार्ड में पाई गई जिस पर राजस्व विभाग की टीम ने चिन्ह भी लगा दिए व 25-9-21 को तहसीलदार कोल ने भी अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है। जब भूमि स्वामी हेमेंद्र सिंह ने परियोजना प्रबंधन से इसका जवाब मांगा तो वर्तमान परियोजना प्रबंधक ने भी स्पष्ट किया कि उपरोक्त गाटा संख्या की भूमि स्वतंत्र है। इसके लिए शिकायतकर्ता हेमेंद्र सिंह ने 26 अक्टूबर को परियोजना प्रबंधक के नाम एक पत्र दिया कि वह उसकी भूमि को एक नवंबर से पहले ही उसे सौंप दें अन्यथा की स्थिति में वह स्वयं उस जमीन को अपने कब्जे में ले लेगा।

परियोजना प्रबंधन ने नहीं दिया जवाब

जब परियोजना प्रबंधन ने उसके प्रार्थना पत्र पर कोई ध्यान नहीं दिया तो बुधवार को किसान हेमेंद्र सिंह ने जेसीबी मशीन मंगवा कर तहसील प्रशासन द्वारा चयनित की गई अपनी भूमि को जिसमें एस डंपयार्ड द्वारा कुछ हिस्से में नाली व पक्की सड़क बनवा दी गई थी,अपने कब्जे में कर लिया। जब इस विषय में परियोजना प्रबंधक सुनील कुमार सिंह से फोन पर जानकारी करनी चाही तो कई बार फोन करने के बावजूद उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।


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