यदि कुत्ता और बंदर काट ले तो न जाएं जिला अस्पताल, नहीं तो...
यदि कुत्ता या बंदर काट ले भूलकर भी जिला अस्पताल न जाएं, क्योंकि यहां से आपकों निराश होकर जाना पड़ेगा।
अलीगढ़ (जेएनएन)। यदि कुत्ता या बंदर काट ले भूलकर भी जिला अस्पताल न जाएं, क्योंकि यहां से आपकों निराश होकर जाना पड़ेगा। सीएचसी-पीएचसी पर एंटी रेबीज वैक्सीन (एआरवी) न लगने से कुत्ता-बंदर काटे से पीडि़त मरीज पहले से ही परेशान हैं, अब जिला अस्पताल में भी वैक्सीन खत्म हो गई हैं। सोमवार को 150 से अधिक पुराने मरीजों की दूसरी या तीसरी डोज नहीं लग पाई।मंगलवार को भी मरीजों ने हंगामा किया।
जिला अस्पताल में खत्म हुई एंटी रेबीज वैक्सीन
जिला अस्पताल व दीनदयाल अस्पताल में करीब 20-20 लाख व सीएमओ के अधीन करीब 15 लाख रुपये से ज्यादा की एंटी रेबीज वैक्सीन आती हैं, फिर भी किल्लत बनी रहती है। जिला अस्पताल में उपलब्धता के आधार पर रोजाना 200-250 मरीजों को वैक्सीन लगाई जाती है। दीनदयाल में केवल स्टाफ के चहेते मरीजों व इमरजेंसी में ही वैक्सीन निकलती है।
रोने लगे मरीज
जिला अस्पताल में सोमवार को वैक्सीन लगवाने आए मरीजों को लौटा दिया गया। कई मरीजों को कर्मचारी मेडिकल स्टोर का पतानोट करा रहे थे, जहां पर 300 रुपये में वैक्सीन मिल रही है। वैक्सीन न लगने पर गरीब तबके की कई महिलाएं रोने लगीं।
मरीजों के बोल
आज लगनी थी वैक्सीन
गांव मोरथल से आईं शांति देवी का कहना है कि पोते को कुत्ते ने काट लिया। पहली वैक्सीन 28 दिसंबर को लग गई। आज की डेट थी। वैक्सीन खत्म बताई जा रही हैं। मेरे पास पैसे भी नहीं हैं। भीकमपुर के तेजपाल बताते हैं कि पोते को कुत्ते ने काट लिया। शनिवार को वैक्सीन नहीं लगी। आज भी खत्म बताई जा रही है। कर्मचारी 300 रुपये में बाहर से मंगवा रहे हैं। वापस जा रहा हूं।
खरीदी गईं वैक्सीनों से पूर्ति संभव नहीं
सीएमएस डॉ. रामकिशन का कहना है कि जिलेभर से मरीज जिला अस्पताल में ही वैक्सीन लगवाने आते हैं। ऐसे में निर्धारित बजट के अनुसार खरीदी गईं वैक्सीनों से पूर्ति संभव नहीं है। जल्द वैक्सीन मिल जाएं, प्रयास कर रहे हैं।