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छात्रों को न रोकते तो बिगड़ सकता था शहर का माहौल Aligarh news

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की जांच के चौथे दिन गुरुवार को पुलिस व प्रशासनिक अफसरों ने अपनी बात रखी। सर्किट हाउस में एक-एक कर आठ अफसरों के बयान दर्ज किए गए।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 04:19 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 04:19 PM (IST)
छात्रों को न रोकते तो बिगड़ सकता था शहर का माहौल Aligarh news
छात्रों को न रोकते तो बिगड़ सकता था शहर का माहौल Aligarh news

अलीगढ़ [ जेएनएन ] : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की जांच के चौथे दिन गुरुवार को पुलिस व प्रशासनिक अफसरों ने अपनी बात रखी। सर्किट हाउस में एक-एक कर आठ अफसरों के बयान दर्ज किए गए। सूत्रों के अनुसार अफसरों ने कहा है कि अगर पुलिस छात्रों की भीड़ को नहीं रोकती तो शहर का माहौल बिगड़ सकता था। हालात को काबू करने के लिए एएमयू की अनुमति से ही  पुलिस कैंपस में दाखिल हुई थी। पथराव में कई पुलिसकर्मियों के चोट भी लगी है। 

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15 दिसंबर को रात साढ़े आठ बजे हालात पूरी तरह बिगड़ा

एसएसपी मंजिल सैनी की अगुवाई में आयोग की टीम गुरुवार सुबह करीब 11 बजे सर्किट हाउस में पहुंची। यहां बंद कमरे में एक-एक कर दर्जनभर पुलिस व प्रशासनिक अफसरों के बयान लिए गए। शाम पांच बजे तक छह पुलिस अफसर व दो प्रशासनिक अफसरों के बयान दर्ज किए गए। जांच में सामने आया कि 15 दिसंबर को रात साढ़े आठ बजे हालात पूरी तरह बिगड़ चुके थे। प्रदर्शन कर रहे छात्र अचानक उग्र्र हो गए और गेट तोड़कर पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस की ओर से दो बार छात्रों को शांत होने और ऐसा ना करने की चेतावनी दी गई, लेकिन छात्र नहीं माने।

रात करीब एक बजे हालात काबू 

प्रशासनिक भवन से बाबे सैयद गेट के बीच पथराव में कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। भीड़ बाहर निकल रही थी, जिन्हें रोकने के लिए पुलिस को अनुमति लेकर कैंपस में घुसना पड़ा। रात करीब एक बजे हालात काबू में आ सके थे। पुलिस की ओर से न्यूनतम बल प्रयोग कर छात्रों को काबू किया गया। ऐसा ना किया जाता तो शहर का माहौल खराब हो सकता था। इधर, गुरुवार को आरएएफ के बयान नहीं हो सके। शुक्रवार को आरएएफ के बयान कराए जा सकते हैं। 

डॉक्टरों के भी बयान दर्ज 

टीम ने पीडब्ल्यू गेस्ट हाउस में दीनदयाल अस्पताल व जिला मलखान सिंह अस्पताल के डॉक्टरों के भी बयान दर्ज किए हैं, जिन्होंने घटना के दिन छात्रों का मेडिकल किया था। उनसे पूछा गया कि किस छात्र को किस तरह की चोट आई थी? किस चीज से उन्हें ये चोट पहुंची? 

एंबुलेंस के चालक व डॉक्टर 

एंबुलेंस के चालक व डॉक्टरने भी बताई आपबीती एएमयू में घायल छात्रों को लेने गए एंबुलेंस चालक व डॉक्टर ने भी टीम के सामने बयान दर्ज कराए। चालक ने बताया कि पुलिस ने उसे पीटा। एंबुलेंस में भी तोडफ़ोड़ की। डॉक्टर ने बताया कि आइकार्ड दिखाने के बाद भी पुलिस ने पिटाई की। घटना से जुड़े वीडियो व फुटेज भी टीम के सामने रखे। 

आरएएफ ने बयान के लिए शुक्रवार तक का मांगा समय 

एनएचआरसी की एसएसपी मंजिल सैनी ने कहा कि आरएएफ को बयान के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने शुक्रवार का समय मांगा है। गुरुवार को टीम ने सर्किट हाउस में पुलिस के बयान दर्ज किए हैं। इनमें कुछ एसएचओ शामिल हैं। पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में भी टीम ने छात्रों के बयान दर्ज किए हैं। 


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