अलीगढ़, जेएनएन। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के सदस्य ओम प्रकाश नायक ने अपनी ही सरकार में प्रशासन के खिलाफ जमकर
भड़ास
निकाली। कहा कि, लेखपाल-कानूनगो की कमी के चलते सरकार में भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। कोल तहसील में उन्होंने एक जमीन ले रखी है। नियमों के तहत यह पूरी तरह से ठीक है, लेकिन प्रशासन फिर भी उस पर कब्जा नहीं दिला पा रहा है। उन्होंने एलान कि अगर तीन दिन में उन्हें जमीन पर कब्जा नहीं मिला तो वह खुद डीएम के यहां पर भूख
हड़ताल
पर बैठेंगे।
ओमप्रकाश नायक बुधवार को अलीगढ़ दौरे के दौरान सर्किट हाउस में अफसरों के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारी खुद काम करने की बजाय एक दूसरे पर टालते है। इससे सरकार की
योजनओं
पर पलीता लग रहा है। सरकार जनता के लिए तमाम योजनाएं भेज रही है, लेकिन कर्मचारी काम न करके बदनाम कर रहे हैं। लोगो को न्याय नहीं मिल रहा है। कहा कि, उन्होंने 2008 में
अकराबाद
क्षेत्र के पैत्रिक गांव में एक
पट्टेधारक
से जमीन खरीदी थी। इसकी रजिस्ट्री व दाखिल खारिज हो चुकी है अब जमीन खरीदे हुए आठ साल बीत गए। पहले सपा-बसपा में कार्यालयों के चक्कर लगाते रहे। अब 2017 में अपनी सरकार आई तो उम्मीद
जगी
कि जमीन पर कब्जा मिल जाएगा। इसकी लिए मुख्यमंत्री से भी मिले। इसके बाद जिला स्तर पर भी कई बार टीम ने जांच भी हुई, लेकिन अब तक जमीन पर कब्जा नहीं मिला है। जब अपनी सरकार में एक नेता का यह हाल है तो अन्य लोगों के साथ क्या होता होगा। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें तीन दिन के अंदर इस जमीन पर कब्जा नहीं मिलता है तो वह डीएम आवास पर अपनी ही सरकार में धरना व भूख
हड़ताल
पर बैठने को मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि,सीएम पोर्टल की शिकायतों को भी अफसरों हवा में
उडाते
हैं। उल्टी सीधे रिपोर्ट लगाई जाती हैं।
पात्रों को सरकारी योजनाओं का लाभ दें अफसर
इससे पहले ओम प्रकाश नायक की अध्यक्षता में बुधवार को सर्किट हाउस में अफसर व कार्यकर्ताओं की एक बैठक हुई। इसमें नायक ने कहा कि अफसर केंद्र व राज्य की योजनाओं से पात्रों को
लाभांवित
करें। कोरोना काल में कोई भी भूखा नहीं रहना चाहिए। देश में रिकवरी रेट 75
फीसद
होना एक अच्छा संकेत है। किसी भी योजना में लापरवाही नहीं होनी चाहिए। अधिक से अधिक लोगों को लाभ दिया जाए। सीओ द्वितीय ने बताया कि सरकार की योजना पर गंभीरता से काम किया जा रहा है।