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सैलून में 'अस्पताल', जुल्फों पर चली कैंची, ऐसा है salon का मौजूदा हाल Aligarh News

सेंटर प्वॉइंट का एनएस4 सैलून। सैलून के गेट के बाहर कर्मचारी हाथ में सैनिटाइजर व थर्मल स्क्रीनर लेकर तैनात था। अंदर तीन कुॢसयां तीन-तीन मीटर की दूरी पर थीं। इनमें से दो पर युवा बैठे

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 02:16 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 02:16 PM (IST)
सैलून में 'अस्पताल', जुल्फों पर चली कैंची, ऐसा है salon का मौजूदा हाल Aligarh News
सैलून में 'अस्पताल', जुल्फों पर चली कैंची, ऐसा है salon का मौजूदा हाल Aligarh News

अलीगढ़[जेएनएन]: सेंटर प्वॉइंट का एनएस4 सैलून। सैलून के गेट के बाहर कर्मचारी हाथ में सैनिटाइजर व थर्मल स्क्रीनर लेकर तैनात था। अंदर तीन कुॢसयां तीन-तीन मीटर की दूरी पर थीं। इनमें से दो पर युवा बैठे थे। पीपीई किट पहने दो बारबर उनकी कटिंग में व्यस्त थे। एक की कटिंग पूरी हुई तो बारबर ने एप्रिन शीट निकाली और कूड़ेदान में डाल दी। हाथ के दस्ताने व मास्क भी फेंक दिया। इसके बाद कटिंग कराने वाले को सैनिटाइज किया। उसने भुगतान किया और मास्क पहनकर बाहर चला गया। इसके बाद बार्बर ने कैंची, कुर्सी व सारे सामान को सैनिटाइज किया। फिर दूसरे व्यक्ति को बैठाया। उसके लिए भी नया एप्रिन शीट, तौलिया, दस्ताने पहने और कटिंग की। कटिंग में इस्तेमाल सामान भी फेंक दिया गया। करीब दो महीने बाद खुले सैलून पर यही माहौल था। केवल फोन पर नंबर लगाने वालों को ही समय देकर बुलाया जा रहा था। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए हर ग्राहक पर नए सामान का इस्तेमाल हो रहा था।

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दो माह से बंद थे सैलून

लॉकडाउन में दो माह से ज्यादा समय से सैलून बंद थे। लोगों को बाल कटवाने के लिए इनके खुलने का इंतजार था। सोमवार को प्रशासन ने कुछ शर्तों के साथ इनके संचालन की अनुमित दी। सैलून संचालकों को सोमवार रात में इंतजाम करने पड़े। अधिकांश सैलून व्यवस्था न होने के चलते खुल भी नहीं पाए। जो खुले उनमें शर्तों को पूरा करने के इंतजाम थे। मंगलवार को सैलून खुलने के बाद अधिकांश पर भीड़ नहीं थी। दो-तीन लोग ही एक दुकान पर नजर आ रहे थे। सेंटर प्वॉइंट स्थित एक सैलून पर कटिंग कराने पहुंचे सौरभ ने बताया कि वे एक ही दुकान पर पांच साल से कटिंग करा रहे हैं। लॉकडाउन में दुकान बंद थी। अब दुकान खुलने पर कटिंग कराई है।

12 फीसद तक महंगी कटिंग

कड़ी शर्तें लागू होने से कटिंग कराना 10 से 12 फीसद तक महंगा हो गया है। एक नामचीन सैलून संचालक ने बताया कि  एप्रिन शीट, तौलिया, पीपीई किट का खर्च बढ़ गया है। हर बार नए सामान का प्रयोग करना पड़ रहा है। ऐसे में थोड़ा बोझ ग्राहकों को भी झेलना पड़ेगा।

पीपीई किट पहनकर काटे जा रहे बाल

जावेद हबीब सैलून के  विवेक गौतम बताते हैं कि संक्रमण से बचाव को सभी एहतियात बरती जा रही हैैं। हर ग्राहक पर नए सामान का प्रयोग हो रहा है। फोन के माध्यम से लोगों को बुलाया जाता है। जिससे भीड़ न लगे। पीपीई किट, फेस कवर पहनकर बाल काटे जा रहे हैं।


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