अलीगढ़ में आवारा जानवरों का आतंक : रेबीज के रण में नेता फेल
जिले में भी चुनाव के समय आवारा आतंक का मुद्दा खूब उठा था। दावा किया गया कि इनकी रोकथाम की जाएगी। चुनाव के वक्त दावे खूब होते हैं, मगर बाद में जमीनी हकीकत कुछ और होती है?
अलीगढ़, (जेएनएन)। चुनाव के वक्त दावे खूब होते हैं, मगर बाद में जमीनी हकीकत कुछ और होती है। जिले में भी चुनाव के समय 'आवारा आतंक' का मुद्दा खूब उठा था। दावा किया गया कि इनकी रोकथाम की जाएगी। कुत्तों के नसबंदी की व्यवस्था होगी और बंदरों को जंगलों में छोड़ा जाएगा। मगर, जनप्रतिनिधियों के दावे जनता को दांव दे गए, जमीन पर उतरे ही नहीं। जिले के लोग 'आवारा आतंक' के शिकार हो रहे हैं। प्रतिदिन 300 के करीब मरीज कुत्तों और बंदरों के काटने से घायल होने के बाद अस्पतालों में पहुंचते हैं। मरीजों को अक्सर एंटी रेबीज इंजेक्शन नहीं मिल पाता। अस्पतालों में खूब हंगामा होता है, मगर जनप्रतिनिधियों ने कोई ठोस प्रयास नहीं किया, जिसके चलते एंटी रेबीज की आपूर्ति बनी रहती।
स्वास्थ्य मंत्री से की है बात
कोल क्षेत्र के विधायक अनिल पाराशर का कहना है कि एंटी रेबीज वैक्सीन को लेकर मैंने स्वास्थ्य मंत्री से बात की है। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि वैक्सीन की कमी नहीं होने देंगे। आवारा कुत्तों के लिए स्थायी समाधान भी किया जाएगा।
पिछली सरकार में महीनों गायब रहती थी वैक्सीन
शहर विधायक संजीव राजा का कहना है कि मैं स्वयं जिला अस्पताल पर नजर रखे रहता हूं। कोई भी दिक्कत होने पर तुरंत पहुंचता हूं। भाजपा सरकार में एंटी रेबीज वैक्सीन की स्थिति काफी सुधरी है, पिछली सरकार में तो यह महीनों गायब रहती थी।
लोगों की जा रही है जान
सपा के जिलाध्यक्ष अशोक यादव का कहना है कि आयुष्मान भारत के नाम पर पांच-पांच लाख रुपये देने का दावा किया जा रहा है, मगर अस्पतालों में एंटी रेबीज वैक्सीन तक नहीं है। कुत्तों के काटने से लोगों की जान जा रही है, मगर सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।
अस्पतालों में दवा तक नहीं हैं
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बिजेंद्र सिंह का कहना है कि भाजपा सरकार में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बहुत खराब है। अस्पतालों में दवाएं नहीं हैं। टप्पल क्षेत्र से लोग जिला अस्पताल पहुंचते हैं, यहां बता दिया जाता है कि वैक्सीन खत्म हो गई है।
कुत्ता काटने से मौत दुभाग्यपूर्ण
बसपा के जिलाध्यक्ष तिलकराज का कहना है कि योगी सरकार में स्वास्थ्य सेवाएं बेपटरी हैं। जिला अस्पताल से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में सीएचसी पर एंटी रेबीज वैक्सीन नहीं मिलती है। जिले में कुत्ते काटने से मौत हो तो इससे दुर्भाग्यपूर्ण और क्या हो सकता है?