ज्ञान से बढ़ाया मान, जूनियर हाईस्कूल इगलास के शिक्षक यतीश को राज्य सम्मान aligarh news
यह सम्मान प्रीमियर नगर बैंक कॉलोनी निवासी 50 वर्षीय शिक्षक यतीश को उनके गुणवत्तापरक शिक्षण कार्य व स्कूल की सुविधाओं में वृद्धि के लिए दिया जा रहा है।
गौरव दुबे, अलीगढ़ । मेहनत, लगन व कर्तव्यनिष्ठा से काम किया जाए तो बदहाल हालात में भी उत्कृष्टता निखर आती है। यही उत्कृष्टता सम्मान के द्वार खोलती है। ऐसा ही कारनामा पूर्व माध्यमिक विद्यालय कारेका सदूपुरा इगलास के इंचार्ज प्रधानाध्यापक यतीश शर्मा ने कर अलीगढ़ का नाम रोशन किया है। चार सितंबर को शाम चार बजे राज्यपाल आनंदी बेन लखनऊ में उन्हें सम्मानित करेंगी। यह सम्मान प्रीमियर नगर बैंक कॉलोनी निवासी 50 वर्षीय शिक्षक यतीश को उनके गुणवत्तापरक शिक्षण कार्य व स्कूल की सुविधाओं में वृद्धि के लिए दिया जा रहा है। 1999 में खेड़ा खुशखबर लोधा के प्राइमरी स्कूल में सहायक अध्यापक के तौर पर उनकी नियुक्ति हुई। 2007 में इगलास के जूनियर हाईस्कूल में आए व यहां वे इंचार्ज प्रधानाध्यापक बने।
निजी स्कूल के बच्चे आए सरकारी स्कूल में
यतीश बताते हैं कि 2007 में जब वे इगलास के स्कूल में सहायक अध्यापक के तौर पर आए तो यहां मात्र 18 बच्चे थे। अपने प्रयासों से अभिभावकों से संपर्क कर अब बच्चों की संख्या 70 तक पहुंचा दी। इस साल दो व पिछले साल चार निजी स्कूल के बच्चों ने उनके यहां दाखिला लिया।
3-डी स्मार्ट क्लास बनवाई
खुद सात हजार रुपये लगाकर स्कूल में 3-डी स्मार्ट क्लास बनवाई। इसमें स्मार्ट क्लास की तर्ज पर प्रोजेक्टर व कंप्यूटर नहीं बल्कि एलईडी टीवी पर बच्चे पढ़ाई करते हैं। 3-डी स्मार्ट क्लास में बच्चे खुद प्रयोग करते हैं।
गणित-विज्ञान की लैब भी
गणित व विज्ञान की लैब भी खुद तैयार कराई। लैब का सामान भी अपने खर्च पर खरीदा। इसमें स्थानीय लोगों से भी सहयोग मांगा।
रबर बैंड से पढ़ाते आर्कमिडीज का सिद्धांत
2009 में यतीश ने स्कूल को मॉडल स्कूल बनाया। दो गुणा दो फुट का जिओ बोर्ड लगवाया। इसमें रबर बैंड के जरिये प्रकाश का परावर्तन, चंद्रग्रहण, सूर्य ग्रहण व आर्कमिडीज का सिद्धांत आदि की तैयारी बच्चों को कराते हैं। इसके लिए उनको विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग उत्तरप्रदेश की ओर से 25 हजार रुपये इनाम व विज्ञान शिक्षक सम्मान भी मिला।
हेल्थ कॉर्नर भी तैयार
स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के लिए एक कमरे में हेल्थ कॉर्नर भी तैयार किया है। इसमें बच्चों का रिकॉर्ड मेंटेन किया जाता है। नेलकटर, प्राथमिक उपचार की दवाएं आदि भी इसमें मौजूद हैं।
नहीं छोड़ते बच्चों का साथ
आठवीं पास करने के बाद जब बच्चा स्कूल छोड़ता है तो यतीश उसका दाखिला नौवीं कक्षा में पास के ही स्कूल में कराते हैं। स्कूल से अलग 150 से ज्यादा बच्चों को मुफ्त शिक्षित भी कर चुके हैं। दो साल पहले स्कूल के ही 10 बच्चों को चिल्ड्रेन आर्मी में भी भर्ती करा चुके हैं।