अलीगढ़ के होम्योपैथी मेडिकल काॅलेज में परीक्षा पर संकट के बादल
जनपद अलीगढ़ के छेरत स्थित राजकीय होम्योपैथी काॅलेज एंड हाॅस्पिटल में कोविड संक्रमण के चलते लंबे समय से लटकी बैचलर ऑफ होम्योपैथी मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएचएमएस) की वार्षिक परीक्षाओं पर अभी भी संशय के बादल मंडरा रहे हैं।
अलीगढ़ जेएनएन : जनपद अलीगढ़ के छेरत स्थित राजकीय होम्योपैथी काॅलेज एंड हाॅस्पिटल में कोविड संक्रमण के चलते लंबे समय से लटकी बैचलर ऑफ होम्योपैथी मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएचएमएस) की वार्षिक परीक्षाओं पर अभी भी संशय के बादल मंडरा रहे हैं। परीक्षा के लिए ऑनलाइन फाॅर्म भरे जाने हैं, उसकी वेबसाइट अभी तक नहीं खुली है। शासन से काॅलेज खोलने की भी अनुमति नहीं मिली है और अनयितता पाए जाने पर हटाए गए शिक्षकों की नियुक्ति भी नहीं हो पाई है। इन हालात में विद्यार्थी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। जबकि, नीट परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद जनवरी में काउंसलिंग की तैयारियां हो रही हैं। विद्यार्थी ही नहीं, प्रबंधन को भी परीक्षा की तिथि घोषिथ होने का इंतजार है।
रीडर व लैक्चरर की संविदा स्वत: खत्म हो गई
राजकीय होम्योपैथी काॅलेज में पिछले साल बीएचएमएस का पहला बैच शुरू हुआ। सीपीएमटी के द्वारा 99 विद्यार्थियों का यहां दाखिला हुआ। छात्रों को पढ़ाने के लिए यहां पर संविदा पर तीन रीडर व 15 लैक्चरर रखे गए। सभी को 11 माह के अनुबंध पर रखा गया। इनमें से कुछ का जून, कुछ का जुलाई व कुछ अगस्त में रिन्युवल होना था, मगर शासन ने इनकी नियुक्ति को नियम विरुद्ध मानते हुए रिन्युवल नहीं किया। ऐसे में विगत जून, जुलाई व अगस्त में सेवावधि पूर्ण करने वाले रीडर व लैक्चरर की संविदा स्वत: खत्म हो गई। वर्तमान में यहां प्रधानाचार्य व अन्य स्टाफ ही रह गया है।
चल रहा था रिवीजन, होनी थी परीक्षा
पहले वर्ष में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों का कोर्स पूरा हो चुका है। मई-जून में होने वाली परीक्षा लंबित है। कोविड संकट के चलते काॅलेज को बंद कर दिया गया। ऐसे में छात्रों को आॅनलाइन रिवीजन भी कराया गया। शिक्षकों की संविदा समाप्ति के साथ ही रिवीजन भी रुक गया। ऐसे में छात्र भी अपने भविष्य को लेकर चिंतित नजर आने लगे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने माॅल और मल्टीप्लेक्स तो खोल दिए, मगर काॅलेज नहीं खोला। अभी तक साइट नहीं खोली गई है। ऐसे में कब फाॅर्म भरे जाएंगे और कब परीक्षा होगी। और आगे भी बिना शिक्षकों के परीक्षा होगी भी तो कैसे?
एक साल बाद भी सरकार होम्योपैथी मेडिकल काॅलेजों में स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति नहीं कर पाई और संविदा शिक्षकों के भरोसे मेडिकल काॅलेज चलाए जा रहे हैं। इसमें भी नियम विरुद्ध नियुक्ति की बात सामने आई है।
जनवरी में काउंसलिंग
पिछले दिनों नीट परीक्षा का परिणाम आ गया है। रैंक के अनुसार कोर्स व काॅलेज आवंटित करने के लिए जनवरी में विद्यार्थियों की काउंसलिंग होने की संभावना है। काउंसलिंग से 100 विद्यार्थियों के दूसरे बैच को बीएचएमएस प्रथम वर्ष में दाखिला दिया जाएगाम, वर्तमान परिस्थितियों में आधा वर्ष प्रक्रिया में ही बीत जाएगा और पढ़ाई बाधित होगी। इस समय हाॅस्पिटल में कोविड केयर सेंटर संचालित हैं, इससे यहां ओपीडी भी शुरू नहीं हो पाई है।
कोविड संकट के चलते परीक्षा लंबित चल रही हैं। जल्द ही नए शिक्षक मिलने की उम्मीद है। परीक्षा के लिए वेबसाइट खुलते ही फाॅर्म भरने शुरू हो जाएंगे। जनवरी में काउंसलिंग के बाद दूसरा बैच मिल जाएगा। हाॅस्पिटल व काॅलेज खोलने के आदेश का इंतजार भी कर रहे हैं।
- डाॅ. योगेंद्र सिंह माहुर, प्रधानाचार्य-राजकीय होम्योपैथी मेडिकल काॅलेज।