हाथरस के डीएम बोले, फर्जी मेडिकल का 'खेल' करें बंद
खामियों को हाथरस के डीएम हुए नाराज।
अलीगढ़ : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्यक्रमों को लेकर हाथरस के डीएम डॉ. रमाशंकर मौर्य बेहद नाराज हैं। डीएम ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित जिला स्वास्थ्य समिति की मासिक समीक्षा बैठक में फर्जी मेडिकल की शिकायतों पर चिकित्सकों को सख्त हिदायत दी कि इसपर तत्काल रोक लगाएं। फर्जी मेडिकल का 'खेल' बंद कर दें।
डीएम ने मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचालित जननी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, परिवार कल्याण कार्यक्रम समेत अन्य कार्यक्रमों की प्रगति परखी और डॉक्टरों से कहा कि जनता दर्शन तथा अन्य अवसरों पर आम जनमानस की ओर से फर्जी मेडिकल की शिकायतें बहुत मिलती हैं। ऐसा क्यों होता है? कौन करता है? इस पर पूरी तरह से कन्ट्रोल किया जाए अन्यथा कठोर कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने जनपद के डॉक्टरों द्वारा उनके पास आने वाले प्रकरणों के तत्काल अन्य स्थानों पर रेफर करने के कारण के बारे में जानकारी ली। मुख्य चिकित्साधिकारी से सीएचसी तथा पीएचसी के औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि जनपद के सभी सरकारी डॉक्टर निर्धारित समय पर अपने कार्यालय में पहुंचें। मरीजों के प्रति असंवेदनशील रवैया अपनाने वाले जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध कड़ा एक्शन लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि संचालित किए जा रहे टीकाकरण कार्यक्रम में तेजी लाने के निर्देश दिए और कहा कि टीकाकरण से एक भी बच्चा तथा गर्भवती महिलाएं छूटनी नहीं चाहिए। इसके लिए आंगनबाड़ी, आशा तथा एएनएम को सक्रिय किया जाए। वे घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करें।
सादाबाद सीएचसी में कम टीकाकरण के बारे में डॉक्टरों ने बताया कि सादाबाद सीएचसी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की संख्या कम होने के कारण टीकाकरण में कमी आयी है। पीसीपीएनडीटी कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए कहा कि जनपद में भू्रण हत्या तथा ¨लग जांच रोकने के लिए लगातार औचक निरीक्षण किया जाये। मुख्य चिकित्साधिकारी ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बाल कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी और बताया कि इसके तहत स्कूल तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.बृजेश राठौर ने बताया कि जनपद में ¨लग अनुपात प्रति हजार 871 है तथा पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत जनपद में कुल 21 केन्द्र पंजीकृत हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी ने जनपद के जिला चिकित्सालय के ओपीडी, आईपीडी, अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी तथा अन्य जॉचों की प्रगति के बारे में जानकारी दी। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के अनेक अधिकारी व डॉक्टर मौजूद थे।