हाईकोर्ट ने AMU बवाल के मामले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को जांच सौंपी Aligarh News
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में हुए बवाल के मामले में मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को जांच सौंप दी है।
अलीगढ़ [जेएनएन]। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में हुए बवाल के मामले में मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को जांच सौंप दी है। अदालत ने आयोग को पांच हफ्ते में जांच रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी।
चीफ जस्टिस गोविंद माथुर की डिवीजन बेंच में सुनवाई
15 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून को लेकर एएमयू में बवाल हो गया था। पूर्व छात्र मोहम्मद अमन खान ने हाईककोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुनवाई चीफ जस्टिस गोविंद माथुर की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई। दो जनवरी को सुनवाई हुई थी। राज्य सरकार की तरफ से हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया गया कि छात्रों ने स्वयं ही विश्वविद्यालय का गेट तोड़ा था। विश्वविद्यालय प्रशासन के बुलाने पर परिसर में पुलिस गई थी। परिसर के भीतर पुलिस ने कोई फायरिंग नहीं की, न ही आवश्यकता से अधिक बल का प्रयोग किया।
एसएसपी ने दी थी सफाई
सरकार की तरफ से घटना के समय की सीसीटीवी फुटेज भी सीडी के माध्यम से कोर्ट में दाखिल की गई है। सारी बातों को एसएसपी आकाश कुलहरि पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं। वहीं, याची की तरफ से घटना की एसआइटी से जांच कराने की मांग करते हुए कुछ अधिकारियों के नाम भी सुझाए गए थें। याचिका की सुनवाई कर रही इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर व न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की खंडपीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। इसको लेकर अलीगढ़ के शहरवासी एवं एएमयू बिरादरी में बेहद उत्सुकता रही।