अलीगढ़ में स्वास्थ्य अधिकारी को नहीं मिला चार्ज, शासन तक पहुंचा मामला
नगर निगम में नौ नवंबर से चक्कर काट रहे डा. एमके माथुर अधिशासी अभियंता संभाले हैं नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कार्यभार।
जासं, अलीगढ़ : आखिर क्या वजह है कि डा. एमके माथुर को नगर स्वास्थ्य अधिकारी का चार्ज नहीं दिया जा रहा? वे नौ नवंबर से चार्ज लेने के लिए नगर निगम के चक्कर काट रहे हैं। उनका चार्ज भी एक ऐसे विभाग के अधिशासी अभियंता को दे रखा है, जिनका सफाई व्यवस्था से दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है। विभागीय कर्मचारी नाराज हैं। मामला अब शासन तक पहुंच चुका है। खुद सीएमओ ने प्रकरण में शिकायत की है।
नगर निगम में नगर स्वास्थ्य अधिकारी का पद महत्वपूर्ण होता है। शहर की सफाई व्यवस्था, आउटसोर्सिंग सफाई कर्मचारियों की भर्ती, सफाई उपकरणों की खरीद और रखरखाव, ईंधन व अन्य व्यवस्थाएं नगर स्वास्थ्य अधिकारी ही करते हैं। इस पद पर रहे डा. कमल सिंह के कानूनी विवाद में फंसने पर सीएमओ डा. आनंद उपाध्याय ने अपने अधिष्ठान में कार्यरत एसीएमओ (जिला प्रतिरक्षण अधिकारी) डा. एमके माथुर को नगर स्वास्थ्य अधिकारी का अतिरिक्त चार्ज सौंपा था। डा. माथुर की मानें तो वह चार्ज लेने नगर निगम गए तो उनसे कह दिया गया कि जब जरूरत होगी तो बुला लेंगे, जबकि डीएम ने भी चार्ज लेने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके चार्ज नहीं दिया गया। वहीं, कर्मचारियों में इसको लेकर तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं। सफाई कर्मचारियों की भर्ती को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही हैं, जिसमें नगर स्वास्थ्य अधिकारी का हस्तक्षेप रहता है। उनके हस्ताक्षर के बिना पत्रावलियां आगे नहीं बढ़ती हैं और जल्द ही भर्तियां शुरू होने वाली हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि नगर स्वास्थ्य अधिकारी को चार्ज नहीं मिला तो पत्रावलियों पर हस्ताक्षर किसके होंगे? कार्यभार देख रहे पथ प्रकाश विभाग के अधिशासी अभियंता भी हस्ताक्षर कर सकते हैं, लेकिन कर्मचारियों की भर्ती जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी एक अधिशासी अभियंता को दी जा सकती है? इस बारे में नगर आयुक्त गौरांग राठी से बात करनी चाही, लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हो सका।
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डा. एमके माथुर को नगर स्वास्थ्य अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है, लेकिन उन्हें चार्ज नहीं दिया जा रहा। इस संबंध में डीएम के अलावा शासन को भी अवगत करा दिया गया है।
डा. आनंद उपाध्याय, सीएमओ