हाथरस, जागरण संवाददाता: कूड़ा निस्तारण और ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) प्लस के तहत हो रहे कार्यों में जिले की 21 ग्राम पंचायतें सचिवों की लापरवाही के कारण पिछड़ गई हैं। अभी तक जिन ग्राम पंचायतों में काम शुरू नहीं किया गया है उन पंचायतों के 21 सचिवों का वेतन जिला पंचायत राज अधिकारी सुबोध जोशी ने रोकने के निर्देश दिये हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में उत्सर्जित होने वाले अपशिष्ट पदार्थों का समुचित प्रबंध किया जाएगा। जिससे कि संक्रामक रोगों की रोकथाम हो सके। ग्राम पंचायतों में प्लास्टिक, पॉलीथीन, धातुओं, कागज, कपड़े थर्मोकोल को कंटेनर के माध्यम से एक जगह पर एकत्र किया जाएगा। सफाई कर्मचारी गांवों में डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्र करेंगे।
21 ग्राम पंचायतों में काम की नहीं हुई शुरुआत
खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) प्लस के तहत जिले की 66 ग्रामों में स्वच्छता संबंधी कार्य जल्द शुरू करने के निर्देश जिला पंचायत राज अधिकारी सुबोध जोशी ने उक्त पंचायतों के सचिवों को दिये थे। मगर हैरानी की बात ये है कि अभी तक 21 ग्राम पंचायतों में काम की शुरूआत नहीं की गई है। इस पर जिला पंचायत राज अधिकारी सुबोध जोशी ने गहरी नाराजगी जताई है। इसके अलावा गेट वे पोर्टल अपलोड न करने पर कई सचिवों को नोटिस भी दे दिये गए हैं।
बरती जा रही है लापरवाही
ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) प्लस के तहत हो रहे कार्यों में लापरवाही बरती जा रही है। इसे लेकर पहले भी मुख्य विकास अधिकारी नाराजगी जता चुके हैं। शासन के निर्देश पर स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत जिले के 66 ग्रामों को ओडीएफ प्लस घोषित किया जाना है।
इन ग्रामों में सोख पिट, गीला व सूखा कचरा को अलग करने सहित तमाम कार्यों को कराते हुए ओडीएफ प्लस की श्रेणी में लाना है। ओडीएफ प्लस के तहत होने वाले कार्यों की जीओ टैगिंग एप के माध्यम से की जानी है।