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Hathras Case: हाथरस बूलगढ़ी में मृतका के घर नहीं जला दीया

बूलगढ़ी गांव में लोगों ने दीपावली का त्योहार मनाया। हालांकि मृतका के घर तो दीया तक नहीं जला मगर आरोपितों के घरों पर दीपावाली का त्योहार भले ही जोश खरोस से न मनाया गया मगर त्योहार पर दीया भी जला और लक्ष्मी-गणेश का पूजन भी किया गया।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Sun, 15 Nov 2020 06:22 PM (IST)Updated: Sun, 15 Nov 2020 06:22 PM (IST)
Hathras Case: हाथरस बूलगढ़ी में मृतका के घर नहीं जला दीया
मृतका के घर तो दीया तक नहीं जला।

हाथरस, जेएनएन। गम से उबर चुके बूलगढ़ी गांव में लोगों ने दीपावली का त्योहार मनाया। हालांकि मृतका के घर तो दीया तक नहीं जला, मगर आरोपितों के घरों पर दीपावाली का त्योहार भले ही जोश खरोस से न मनाया गया मगर त्योहार पर दीया भी जला और लक्ष्मी-गणेश का पूजन भी किया गया। इसके अलावा बाकी घरों पर पूरे उल्लास के साथ दीपावली का पर्व मनाया। इस दौरान छाेटे बच्चों ने पटाखे भी चलाए। चंदपा के गांव बूलगढ़ी में युवती की मौत के बाद से बूलगढ़ी का माहौल बदला- बदला सा है। यहां सीआरपीएफ के जवान तैनात हैं। इस बार गांव में पहले की तरह रौनक नहीं हैं। 

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दीपावली की शाम को दीया तक नहीं जलाया गया

मृतका के घर के का आंगन सूना-सूना सा है। दीपावली से पहले घर के बाहर गोबर से लिपाई की गई थी मगर दीपावली की शाम घर में लक्ष्मी-गणेश का पूजन नहीं हुआ। मृतका के पिता का रविवार को कहना था कि हमारी दीपावली तो खोटी हो गई है। दीपावली की शाम को दीया तक नहीं जलाया गया। दीपावली की शाम त्योहार को लेकर उमंग और उल्लास की जगह मृतका के मां और बाप की आंखों में आंसू थे। पिता बोले ऐसी भी दीपावली आएगी ये तो सपने में भी नहीं सोचा था। पिछली बार बेटी के साथ दीपावली का त्योहार मनाया था। आरोपितों के परिवारों ने मनाई दीपावली आरोपितों के घरों में भले ही दीपावली उमंग और उत्साह से न मनाई हो, मगर लक्ष्मी-गणेश का पूजन तो किया गया और मंदिर एवं पीपल के पेड़ के नीचे दीया रखा गया। आरोपित संदीप और दूसरे आरोपितों के घरों पर छोटे बच्चों ने पटाखे भी चलाए। 

युवती की मौत पर सबको गम

आरोपित परिवार के एक सदस्य का कहना है कि दीपावली पर लक्ष्मी-गणेश का पूजन का पूजन किया गया है। कई अन्य मकानों पर लगीं झालरें मृतका और आरोपितों के घरों को छोड़कर बाकी गांव की बात करें तो सब त्योहार को लेकर उत्साहित दिखे। कई मकानों पर सजावट के लिए झालरें डाली गईं और छोटे बच्चों से पटाखे भी चलाए। गांव वालों का कहना है कि युवती की मौत पर सबको गम है। वह भी चाहते हैं कि जो भी लोग इस घटना के लिए दोषी हों उनको कड़ी सजा मिलनी ही चाहिए। घटना को दो महीने बीत चुके हैं। मगर अभी तक जांच एजेंसियां मौत से पर्दा नहीं उठा सकी हैं।


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