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हाथरस का ब्राह्मण समाज दो फाड, परशुराम शोभायात्रा अध्यक्ष पद का विवाद पहुंचा कोर्ट

परशुराम शोभायात्रा में राजनीति जमकर हावी हो गई है। परशुराम शोभायात्रा को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। एसडीएम कोर्ट के बाद मामला अब जिला न्यायालय तक पहुंच गया है।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 03:49 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 03:49 PM (IST)
हाथरस का ब्राह्मण समाज दो फाड, परशुराम शोभायात्रा अध्यक्ष पद का विवाद पहुंचा कोर्ट
हाथरस का ब्राह्मण समाज दो फाड, परशुराम शोभायात्रा अध्यक्ष पद का विवाद पहुंचा कोर्ट

हाथरस (जेएनएन)। परशुराम शोभायात्रा में राजनीति जमकर हावी हो गई है। परशुराम शोभायात्रा को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। एसडीएम कोर्ट के बाद मामला अब जिला न्यायालय तक पहुंच गया है। एसडीएम के नोटिस के बाद जिला न्यायालय (डीजे) कोर्ट में रिवीजन डाल दिया गया है। सुनवाई की तिथि 20 फरवरी निर्धारित की गई है। एसडीएम कोर्ट ने एक फरवरी को सुनवाई की तिथि निर्धारित की है।

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ब्राह्मण समाज की सियासत

भगवान परशुराम की शोभायात्रा में ब्राह्मण समाज की सियासत ने रोड़ा अटका दिया है। समाज दो भागों में बंट गया है। एक गुट शोभायात्रा के पहले अध्यक्ष अतुल शर्मा का है तथा दूसरा गुट दूसरे अध्यक्ष मोहन पंडित का है। मोहन पंडित भाजपा के नगर अध्यक्ष हैं तथा पिछले साल के अध्यक्ष लब्बू पंडित उनके पक्ष में हैं। लब्बू पंडित ने परंपरा के अनुसार अपना चार्ज मोहन पंडित को सौंप दिया है। दूसरी ओर पहले चुने जाने तथा समाज के काफी लोगों का समर्थन होने के कारण अतुल शर्मा अपना चयन सही ठहरा रहे हैं। इनके अध्यक्ष बनने के कुछ दिन बाद ही रथ निर्धारित स्थान बरामई मंदिर परिसर से प्रेम नगर कॉलोनी, मुरसान गेट में पहुंच गया था। 19 जनवरी को अतुल शर्मा अपने साथियों के साथ रथ देखने भी पहुंचे थे।

रथ को लेकर खींचातान

पूर्व अध्यक्ष लब्बू पंडित ने अतुल शर्मा पक्ष के लोगों पर रथ चोरी का भी आरोप लगाया था। रथ को लेकर खींचतान होने पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा। विवाद बढऩे पर कोतवाली सदर पुलिस ने एसडीएम को रिपोर्ट सौंपी, जिस पर एसडीएम ने सात जनवरी को सीआरपीसी की धारा 145(1) के तहत दोनों पक्षों को नोटिस जारी किए थे। उनसे पूछा गया था कि रथ क्यूं न कुर्क कर दिया जाए? तब से अब तक एसडीएम कोर्ट न लगने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी है। अब एक फरवरी को सुनवाई होनी है।

एसडीएम की कार्रवाई के खिलाफ कोर्ट पहुंचा एक पक्ष

एसडीएम के इस कार्रवाई के खिलाफ अतुल शर्मा पक्ष कोर्ट चला गया है। अतुल के अनुसार उन्होंने जिला न्यायालय में रिवीजन डाला है, जिसे मंजूर कर लिया गया है। विवाद के चलते अब न्यायालय ही कोई निर्णय देगा।

कुर्क नहीं होने दिया जाएगा रथ

परशुराम शोभायात्रा के पहले अध्यक्ष ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि परशुराम शोभायात्रा का रथ किसी हाल में कुर्क नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि तहसील में पैरवी के लिए समाज के एक दर्जन अधिवक्ता नियुक्त कर दिए गए हैं। इनमें अशोक शर्मा, भूपेंद्र शर्मा, सुदर्शन शर्मा, प्रमोद गोस्वामी, राजू, मनोहरलाल, शशांक पचौरी आदि हैं। सुदर्शन शर्मा एडवोकेट ने आरोप लगाया कि एसडीएम स्तर से नोटिस की कार्रवाई  सत्ता पक्ष के दबाव में हुई है। उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई को भी निरस्त कराया जाएगा।

दोनों पक्षों को है बात रखने का हक

एसडीएम सदर एके सिंह का कहना है कि कानून व्यवस्था बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। पुलिस की रिपोर्ट के बाद विवाद की जानकारी हुई तो नोटिस जारी कर दोनों पक्षों को अपनी बात रखने का मौका दिया है। किसी तरह का कोई दबाव नहीं है। लोगों के हित में ही काम किया जाएगा।


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