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तकनीकी में है हाथ तंग, कैसे लड़ेंगे नई शिक्षा नीति की जंग? Aligarh news

आधुनिकता और तकनीकी के दौर में अगर समय की मांग के हिसाब से ना चला जाए तो किसी का भी पिछड़ना तय है। बिना तकनीकी के सहयोग के नई शिक्षा नीति के हिसाब से ढलना भी मुश्किल होगा।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Mon, 12 Jul 2021 02:41 PM (IST)Updated: Mon, 12 Jul 2021 03:40 PM (IST)
तकनीकी में है हाथ तंग, कैसे लड़ेंगे नई शिक्षा नीति की जंग? Aligarh news
बिना तकनीकी के सहयोग के नई शिक्षा नीति के हिसाब से ढलना भी मुश्किल होगा।

अलीगढ़, जेएनएन।  आधुनिकता और तकनीकी के दौर में अगर समय की मांग के हिसाब से ना चला जाए तो किसी का भी पिछड़ना तय है। बिना तकनीकी के सहयोग के नई शिक्षा नीति के हिसाब से ढलना भी मुश्किल होगा। नई शिक्षा नीति में सरकार ने विद्यार्थियों के लिए गुणवत्तापरक शिक्षा की व्यवस्था की है। साथ ही आधुनिकता व तकनीकी के क्षेत्र में भी शिक्षा के बढ़ावे के कदम उठाए गए हैं। यह तभी संभव होगा जब विद्यार्थियों को शिक्षित करने वाले खुद इस तकनीकी ज्ञान में सिद्धहस्त होंगे। मगर मौजूदा हालात कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। सरकार की ओर से राष्ट्र निर्माताओं से जो उम्मीद लगाई गई है वह संसाधनों की कमी के चलते थोड़ी जटिल हो सकती है। मगर तकनीकी ज्ञान न होने की जो वजह है वो चिंता का विषय है।

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मानव संपदा पोर्टल पर लोड होगी डिटेल

दरअसल, बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा एक से आठ तक के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर माड्यूल के तहत मानव संपदा पोर्टल पर छात्रों के नाम, उनकी कक्षा, खाता संख्या, आधार कार्ड नंबर व अभिभावकों के खाता संख्या को अपलोड करना है। प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों को अपने मोबाइल में खुद की आइडी से लागइन करके विद्यार्थियों का डाटा अपलोड करना है। मगर जिले के तमाम शिक्षक व शिक्षक नेताओं ने इस माड्यूल का विरोध शुरू कर दिया है। विभागीय आदेशों के क्रम में समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारियों द्वारा जनपद अलीगढ़ के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत समस्त प्रधानाध्यापकों को प्रेरणा पोर्टल पर डीबीटी माड्यूल में छात्रों-अभिभावकों के बैंक खाते सहित अन्य विवरण की अपलोडिंग व अपडेटिंग प्रकिया 15 जुलाई तक पूर्ण करने के आदेश दिए गए हैं। उक्त प्रक्रिया को जनपद के समस्त प्रधानाध्यापकों को अपने मोबाइल फोन से अपनी आइडी से लागइन करके पूर्ण करना है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलामंत्री मुकेश कुमार सिंह ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर कहा है कि बहुत से प्रधानाध्यापक एंड्रायड फोन ढंग से नहीं चलाना जानते हैं। साथ ही बताया कि जो चलाना जानते हैं, उनके मोबाइल में साइट न खुलने के कारण डीबीटी की अपलोडिंग प्रक्रिया पूर्ण नहीं कर पा रहे हैं। कहा कि संघ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से मांग करता है कि प्रत्येक ब्लाक की बीआरसी पर दो कंप्यूटर आपरेटर की व्यवस्था की जाए। प्रधानाध्यापकों को रोस्टर से सहयोग के लिए बुलाया जाए। जिससे प्रेरणा पोर्टल पर डीबीटी माड्यूल में छात्रों-अभिभावकों के बैंक खाते सहित विवरण समय पर अपलोड किए जा सकें।

इनका कहना है

बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने कहा कि इंटरनेट कनेक्शन ना होने या साइट में कुछ दिक्कत होने से थोड़ी समस्या हो सकती है। मगर शिक्षकों को मोबाइल पर ही इस प्रक्रिया को 15 जुलाई तक पूरा करना है। इस संबंध में शासन के स्पष्ट आदेश हैं, लापरवाही करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।


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