बंदूक के दिन गए, पिस्टल व रिवॉल्वर बनी पसंद Aligarh News
अब पिस्टल और रिवॉल्वर पसंद कर रहे हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले नौ महीने में जिले में साढ़े छह हजार से अधिक आवेदन आए हैं इनमें से 95 फीसद लोगों ने पिस्टल और रिवॉल्वर की मांग
By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 08:33 AM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 12:42 PM (IST)
अलीगढ़ (जेएनएन)। पहले लोग बंदूक और राइफल का लाइसेंस लेना शान की बात समझते थे, लेकिन अब पिस्टल और रिवॉल्वर पसंद कर रहे हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले नौ महीने में जिले में साढ़े छह हजार से अधिक आवेदन आए हैं, इनमें से 95 फीसद लोगों ने पिस्टल और रिवॉल्वर की मांग की है। हालांकि, ज्यादातर आवेदन छह महीने की मियाद पूरी होने के बाद निरस्त हो गए हैं।
नौ महीने पहले हटी रोक
पिछले साल प्रदेश सरकार ने लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया पर लगी रोट हटा दी थी। इसके बाद नए लाइसेंसों के आवेदनों की बाढ़ सी आ गई। कलक्ट्रेट स्थित शस्त्र अनुभाग में फॉर्म लेने की भीड़ लग गई। पहले महीने में पांच हजार से ज्यादा आवेदन बिक गए।
रिपोर्ट की मियाद निकली
अब तक नए लाइसेंस के लिए सात हजार से अधिक आवेदन बिके हैं, लेकिन इसमें रिपोर्ट के बाद वापस साढ़े छह हजार के करीब ही आए हैं। इन आवेदनों में से भी अधिकांश की रिपोर्ट की मियाद छह महीने से ज्यादा की हो गई है। अब महज 24 आवेदन ही जांच रिपोर्ट में रह गए हैं। अब तक आए आवेदनों में से अधिकांश लोगों ने पिस्टल व रिवॉल्वर की मांग की है। बंदूक व राइफल के लिए चंद लोगों ने ही आवेदन किए हैं।
यह है स्थिति
-लाइसेंस आवेदन पत्रों की संख्या, 6409
-विरासत के लिए आए आवेदनों की संख्या, 55
-कुल निस्तारित आवेदनों की संख्या, 763
-पुलिस से रिपोर्ट न मिलने की संख्या, 5666
-निर्णय के लिए आवेदनों की संख्या, 24
महिलाओं को भी चाहिए असलहा
महिलाएं भी लाइसेंस के लिए आवेदन में पीछे नहीं हैं। अब तक सैकड़ों महिलाएं आवेदन कर चुकी हैं। इसमें भी अधिकांश आवेदन पिस्टल व रिवॉल्वर के हैं।
इन्हें प्राथमिकता
असलहा जारी करने से पहले प्रशासन गहन पड़ताल कर रहा है। शौक के लिए आवेदन करने वालों के आवेदन सबसे अधिक निरस्त हो रहे हैं। एडीएम प्रशासन कृष्ण लाल तिवारी का कहना है कि पूरी गहनता से आवेदनों की जांच हो रही है। विरासत, अपराध पीडि़त व खिलाडिय़ों को प्राथमिकता मिलेगी। जिले में पहले से ही 35 हजार से ज्यादा असलहा हैं।
नौ महीने पहले हटी रोक
पिछले साल प्रदेश सरकार ने लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया पर लगी रोट हटा दी थी। इसके बाद नए लाइसेंसों के आवेदनों की बाढ़ सी आ गई। कलक्ट्रेट स्थित शस्त्र अनुभाग में फॉर्म लेने की भीड़ लग गई। पहले महीने में पांच हजार से ज्यादा आवेदन बिक गए।
रिपोर्ट की मियाद निकली
अब तक नए लाइसेंस के लिए सात हजार से अधिक आवेदन बिके हैं, लेकिन इसमें रिपोर्ट के बाद वापस साढ़े छह हजार के करीब ही आए हैं। इन आवेदनों में से भी अधिकांश की रिपोर्ट की मियाद छह महीने से ज्यादा की हो गई है। अब महज 24 आवेदन ही जांच रिपोर्ट में रह गए हैं। अब तक आए आवेदनों में से अधिकांश लोगों ने पिस्टल व रिवॉल्वर की मांग की है। बंदूक व राइफल के लिए चंद लोगों ने ही आवेदन किए हैं।
यह है स्थिति
-लाइसेंस आवेदन पत्रों की संख्या, 6409
-विरासत के लिए आए आवेदनों की संख्या, 55
-कुल निस्तारित आवेदनों की संख्या, 763
-पुलिस से रिपोर्ट न मिलने की संख्या, 5666
-निर्णय के लिए आवेदनों की संख्या, 24
महिलाओं को भी चाहिए असलहा
महिलाएं भी लाइसेंस के लिए आवेदन में पीछे नहीं हैं। अब तक सैकड़ों महिलाएं आवेदन कर चुकी हैं। इसमें भी अधिकांश आवेदन पिस्टल व रिवॉल्वर के हैं।
इन्हें प्राथमिकता
असलहा जारी करने से पहले प्रशासन गहन पड़ताल कर रहा है। शौक के लिए आवेदन करने वालों के आवेदन सबसे अधिक निरस्त हो रहे हैं। एडीएम प्रशासन कृष्ण लाल तिवारी का कहना है कि पूरी गहनता से आवेदनों की जांच हो रही है। विरासत, अपराध पीडि़त व खिलाडिय़ों को प्राथमिकता मिलेगी। जिले में पहले से ही 35 हजार से ज्यादा असलहा हैं।
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