GRP Aligarh : पिछले पांच महीने में ट्रेन से 17 लोगों की कटकर गई जान, पहचान हो सकी सिर्फ एक की
थाना जीआरपी अलीगढ़ का कार्य क्षेत्र एटा के जलेसर रोड रेलवे स्टेशन से हाथरस जंक्शन सासनी अलीगढ़ खुर्जा दनकौरदादरी समेत मारीपत स्टेशन तक है। इन क्षेत्रों में एक जनवरी 2023 से 25 मई तक 17 लोगों के शव ट्रैक के पास मिले। मृत्यु ट्रेन से कट कर हुईं।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : Aligarh News जीवन का सफर किस मोड़ पर बदल जाए कहा नहीं जा सकता। पिछले पांच माह में 17 ट्रेन यात्रियों का सफर बीच में ही पूरा हो गया। ये हादसे के शिकार हुए। ट्रेक पर शव मिले। कौन हैं, कहां के हैं, सवाल उठे तो पहचान अब तक केवल एक की ही हो सकी।
16 अज्ञात शव का अंतिम संस्कार तो नियमानुसार कर दिया गया, लेकिन उनकी शिनाख्त जीआरपी अब तक नहीं करा सकी है। थाने के रजिस्टर में अज्ञात और पोटली में कपड़े के अलावा कुछ नहीं है। स्वजन तलाश की कार्रवाई भी पम्पलेट तक ही सीमित रही।
थाना जीआरपी अलीगढ़ का कार्य क्षेत्र एटा के जलेसर रोड रेलवे स्टेशन से हाथरस जंक्शन, सासनी, अलीगढ़, खुर्जा, दनकौर,दादरी समेत मारीपत स्टेशन तक है। इन क्षेत्रों में एक जनवरी 2023 से 25 मई तक 17 लोगों के शव ट्रैक के पास मिले। मृत्यु ट्रेन से कट कर हुईं।
इनसे टिकट मिले। इससे पता लगा कि ये यात्री थे। इन्हें धक्का दिया गया, लूट के बाद फेंका गया या ट्रेन से गिर गए, इन सवालों के जवाब अब तक जीआरपी नहीं खोज सकी है। सिर्फ एक बिहार के रहने वाले यात्री की ही जीआरपी शिनाख्त कर सकी है।
थाने में बाहर वैन में भरे हैं अज्ञात मृतकों के कपड़े
जीआरपी थाने जाएंगे तो बाहर एक सफेद रंग की वैन नजर आएगी। एक कार्रवाई के दौरान इसे बरामद किया गया था। तभी से यहां खड़ी हैं। यह खाली नहीं है। इसमें पहचान संबंधी कपड़े भरे हुई हैं। ये कपड़े अज्ञात मृतकोंं के हैं। जीआरपी अधिकारी थाने में जगह न होने के चलते वैन में रखने की बात कह रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कोई अपने स्वजन की तलाश में आते हैं तो रजिस्टर पर चस्पा किए गए फोटो और ये कपड़े दिखा देते हैं।
ऐसे होता है अज्ञात शवों का निस्तारण
जहां अज्ञात शव मिलता है, उस स्थान के आसपास पूछताछ की जाती है। शव शिनाख्त के लिए तीन दिन तक पोस्टमार्टम हाउस के फ्रीजर में रखा जाता है। फिर उसके धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार करा दिया जाता है।
शिनाख्त के लिए पम्पलेट बंटवा दिए जाते हैं, जिसमें फोटो व हुलिए के बारे में जानकारी दी जाती है। मृतक के कपड़ों को सुरक्षित रख दिया जाता है। तीन साल के बाद कपड़ों का निस्तारण कोर्ट या एसडीएम के आदेश पर कर दिया जाता है।
ट्रेन से कटकर हुई अज्ञात यात्रियों की शिनाख्त करने के लिए प्रयासरत हैं। संबंधित चौकी प्रभारी भी पहचान करने में लगे हुए हैं। स्थानीय पुलिस व कंट्रोल के अधिकारियों को भी सूचना दे दी गई है। थाने में यदि कोई पूछताछ के लिए आता है तो उसे रजिस्टर में चस्पा फोटो दिखाए जाते हैं। उनका पूरा सहयोग किया जाता है।
सुबोध यादव, इंस्पेक्टर जीआरपी अलीगढ़