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पर्यावरण के सारथी बन रहे 'हरित घर', 200 घरों को हरित घर बनाने का लक्ष्य Aligarh news

पर्यावरणीय चुनौतियों से जूझ रहे शहरों में हरितघर शुद्ध आब-ओ-हवा का बेहतर विकल्प हैं। इसके लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पर्यावरण विभाग सतत प्रयास कर रहा है।

By Parul RawatEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2020 09:34 AM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2020 09:34 AM (IST)
पर्यावरण के सारथी बन रहे 'हरित घर', 200 घरों को हरित घर बनाने का लक्ष्य Aligarh news
पर्यावरण के सारथी बन रहे 'हरित घर', 200 घरों को हरित घर बनाने का लक्ष्य Aligarh news

अलीगढ़, [लोकेश शर्मा]। एक ऐसा घर जहां हरियाली हो, पक्षियों के लिए घोंसला हो और पानी की बर्बादी न हो। सौर ऊर्जा की रोशनी के साथ कचरा प्रबंधन भी हो। ऐसे ही हरित घर की परिकल्पना को अलीगढ़, हाथरस की महिलाएं साकार कर रही हैं। अलीगढ़ में 200 ऐसी महिलाएं हैं, जो इन पर्यावरणीय जरूरतों को आकार देने में लगी हैं। 20 घरों ने इन जरूरतों को पूरा भी कर लिया है। हाथरस के 100 घर भी पर्यावरण के सारथी बनेंगे।

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पर्यावरणीय चुनौतियों से जूझ रहे शहरों में हरितघर शुद्ध आब-ओ-हवा का बेहतर विकल्प हैं। इसके लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पर्यावरण विभाग सतत प्रयास कर रहा है। पर्यावरण विभाग संयोजक कुंवरपाल भंवर बताते हैं कि अलीगढ़ व हाथरस में पर्यावरण प्रहरियों की टीम प्रकृति की सेवा में लगी है, जो लोगों को हरित घर के लिए प्रेरित कर रही है। इनमें महिलाएं ज्यादा हैं। घरों में बागवानी, कचरा व जल प्रबंधन, सौर ऊर्जा और पक्षियों के लिए घोंसलों के प्रबंध किए जा रहे हैं। प्रगति विहार की डॉ. अनीता वाष्र्णेय, स्वर्ण जयंती नगर की रचना ङ्क्षसह, रामनगर निरंजनपुरी निवासी डॉ. अवंजला वाष्र्णेय आदि महिलाओं ने न सिर्फ अपने घरों को हरित घर बनाया, बल्कि दूसरों को भी प्रेरणा दे रही हैं।

ऐसा होगा हरितघर

हरित घर, जहां जगह के हिसाब से हरियाली हो। छत, बालकनी, आंगन, रसोई में पौधे लगाए जाएं। गीला व सूखा कचरा अलग डिब्बों में डाला जाए। गीले कचरे का खाद के रूप में प्रयोग हो। आरओ व एसी का पानी टब या डिब्बे में एकत्र किया जाए, जो बर्तन धोने या पौंछा लगाने के काम आए। चिडिय़ों का घोंसला, जिसमें दाना-पानी हो। सौर ऊर्जा का प्रबंधन हो।

पर्यावरण संरक्षण को बढ़ाए कदम 

विभाग संयोजक पर्यावरण कुंवरपाल भंवर का कहना है कि हरित घर मिशन पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यक्रम है। इसमें ऊर्जा संरक्षण के उपाय, कचरा प्रबंधन, जल संरक्षण, गमले क्यारियों में फूल, सब्जी व फलदार पौधे लगाने की जानकारी दी जाती है। रामनगर निरंजनपुरी के डॉ. अवंजला वाष्र्णेय का कहना है कि मैंने घर में वाटर हार्वेङ्क्षस्टग सिस्टम व सोलर प्लांट लगवाया है। गीला-सूखा कूड़ा अलग रखा जाता, जिसका खाद के रूप में प्रयोग हो सके। फुलवारी है। चिडिय़ों के लिए घोंसला भी है। प्रगति विहार की डॉ. अनीता वाष्र्णेय का कहना है कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में हरित घर बनाने का का लक्ष्य तय किया है, जिसमें हमें सफलता मिल रही है। लोग भी इस मुहिम से जुड़ रहे हैं।


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