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Hathras News: गोवंश के लिए हाथरस की गोशाला में उगेेगी घास, ये है योजना

मुख्य विकास अधिकारी साहित्य प्रकाश मिश्र की नाराजगी के बाद पशु चिकित्सा विभाग सक्रिय हो गया है। तय किया गया है कि विभाग के प्रयासों से गोवंश के लिए घास उगाई जाएगी। घास उगाने के साथ गोवंश से मिलने वाले गोबर को बाजार में बेचा जाएगा।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Wed, 06 Jul 2022 11:54 AM (IST)Updated: Wed, 06 Jul 2022 11:54 AM (IST)
Hathras News: गोवंश के लिए हाथरस की गोशाला में उगेेगी घास, ये है योजना
विभाग के प्रयासों से गोवंश के लिए घास उगाई जाएगी।

हाथरस, जागरण संवाददाता। मुख्य विकास अधिकारी साहित्य प्रकाश मिश्र की नाराजगी के बाद पशु चिकित्सा विभाग सक्रिय हो गया है। तय किया गया है कि विभाग के प्रयासों से गोवंश के लिए घास उगाई जाएगी। घास उगाने के साथ गोवंश से मिलने वाले गोबर को बाजार में बेचा जाएगा, ताकि गोशाला की आय हो सके।

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बता दें कि पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ जिले की गोशालाओं में कैद गोवंश भूख प्यास से तड़प रहे हैं। इनके लिए हरी घास की व्यवस्था कराने के निर्देश मुख्य विकास अधिकारी साहित्य प्रकाश मिश्र ने पशु पालन विभाग के अधिकारियों को दिए हैं, ताकि चारे के अभाव में गोवंश की मौत न हो।

ये है योजना

सासनी में स्थित पराग डेयरी में स्थिति गोशाला में सैकड़ों गोवंश हैं। आसपास घूमने वाले बेसहारा गोवंश को पराग गोशाला में लाया जाता है। इसके बाद भी सासनी चौराहा से लेकर पराग डेयरी के आसपास तमाम गोवंश टैग लगे हुए घूमते नजर आते हैं। कभी-कभी तो हाईवे पर इन गोवंश के कारण हादसे भी हो जाते हैं। कई बार दुपहिया वाहन सवार इन मवेशियों के सड़क पर रात में आ जाने से चोटिल हो जाते हैं, मगर इन सभी को गोशाला में भेजने की चिंता न तो पशु प्रेमी कर रहे हैं और न ही सासनी का प्रशासन कर रहा है। गोवंश भूख से तड़प रहे हैं, मगर हकीकत देखने मीडिया के लोग वहां जाने की कोशिश करते हैं तो उनको रोक दिया जाता है। यानी यहां हकीकत पर पर पर्दा डाला जा रहा है। अगर सब कुछ सही है तो मीडिया को वहां जाने से क्यों रोका जा रहा है।

गोशाला में घास

भूख से तड़प रहे गोवंश की चिंता मुख्य विकास अधिकारी साहित्य प्रकाश मिश्र को हुई तो उन्होंने अपने कार्यालय में पशु पालन विभाग की बैठक बुलाकर सख्त निर्देश दिए कि गोवंश को हरे चारे की व्यवस्था करना सुनिश्चित किया जाए। सीवीओ अनिल शर्मा ने बताया कि अभी तक गोशालाओं में संरक्षण लेने वाले गोवंश भूसा, पुआल, ज्वार-बाजरा की कुट्टी पर आश्रित थे, मगर अब हरे चारे की व्यवस्था भी की जाएगी। गोशालाओं में जहां जगह है वहां घास उगाई जाएगी ताकि उनके भोजन का इंतजाम किया जा सके।


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