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जच्चा-बच्चा की सेहत को लेकर सरकार गंभीर, प्रसव पूर्व सभी जांच मुफ्त, ऐसे उठाए लाभ

Antenatal check-up कोरोना संकट के बीच महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के तहत शिविर का आयोजन प्रत्येक माह की नौ तारीख को किया जा रहा है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Thu, 11 Nov 2021 11:41 AM (IST)Updated: Thu, 11 Nov 2021 11:41 AM (IST)
जच्चा-बच्चा की सेहत को लेकर सरकार गंभीर, प्रसव पूर्व सभी जांच मुफ्त, ऐसे उठाए लाभ
सभी स्वास्थ्य केंद्र पर गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की जाती हैं।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। कोरोना संकट के बीच महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के तहत शिविर का आयोजन प्रत्येक माह की नौ तारीख को किया जा रहा है। इस अभियान के तहत जिले के जिला अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य केंद्र पर गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की जाती हैं। उद्देश्य जच्चा व बच्चा की सेहत ठीक रहे।

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ऐसे उठाएं लाभ

सीएमओ डा. आनन्द उपाध्याय ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ उन्हें बेहतर स्वास्थ्य एवं पोषण का परामर्श देना है इसलिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर सभी गर्भवती महिलाओं को जांच के बाद पोषण के बारे में भी जानकारी दे रहे हैं। इस अभियान की सहायता से प्रसव के पहले ही संभावित जटिलता का पता चल जाता है, जिससे प्रसव के दौरान होने वाली जटिलता में काफी कमी भी आती और इससे होने वाली मातृ व शिशु मृत्यु-दर में भी कमी आती है। शहरी और ग्रामीण की सभी चिकित्सा स्वास्थ्य इकाइयों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया गया। सभी नोडल अधिकारी डा. एसपी सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर सीएचसी लोधा में काफी सुधार देखने को मिला । निरीक्षण के दौरान सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोधा पर गर्भवती महिलाओं को सौ - सौ आयरन की गोलियां भी दी जा रही थीं। डा. सिंह ने बताया स्वास्थ्य विभाग द्वारा गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास में काफी सफलता मिली है। स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता के साथ अभियान को सफल बनाने में आशाओं की भूमिका भी सराहनीय है। आशा सामुदायिक स्तर पर उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उसे प्रत्येक महीने की नौवीं तारीख को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ रेफरल अस्पतालों पर प्रसव पूर्व जांच के लिए समय संदर्भित करती हैं एवं खुद भी उपस्थित होती हैं।

गर्भवती महिलाओं की हुई ये जांच

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोधा के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. अमित शर्मा ने बताया कि मंगलवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोधा में 54 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई जिसमें से 6 उच्च जोखिम युक्त वाली महिला पाई गई । एचआरपी डे पर उच्च रक्तचाप, वजन, शारीरिक जांच, मधुमेह, एचआईवी एवं यूरिन के साथ जटिलता के आधार पर अन्य जांच भी की गयी।

गर्भावस्था में ये पांच टेस्ट जरूरी

- ब्लड टेस्ट

- यूरिन टेस्ट

- ब्लड प्रेशर

- हीमोग्लोबिन

- अल्ट्रासाउंड


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