अलीगढ़, जेएनएन। कोल तहसील के गांव
बाढ़ौन
में तहसील प्रशासन ने टूर एंड ट्रेवल एजेंसी के
करोड़पति
मालिक के नाम खाली प्लॉट का
विनियमितीकरण
कर दिया। ग्रामीणों की शिकायत पर कोल एसडीएम ने जांच कराई तो पर्दाफाश हो गया है। जांच में पाया कि लेखपाल की मिलीभगत से यह खेल हुआ। तहसील प्रशासन ने
विनियमितीकरण
को निरस्त कर दिया है। वहीं अन्य गांव में भी ऐसे मामलों की भी जांच
पड़ताल
चल रही है। कई जगह से इसी तरह की
फर्जीवाड़े
की शिकायतें आ रही हैं।
सीएम योगी ने 2017 में सूबे की जिम्मेदारी संभालने के बाद घोषणा की थी कि प्रदेश में एंटी भूमाफिया अभियान सख्ती से जारी रहेगा। सत्ता के संरक्षण और शह पर जिन लोगों ने सरकारी जमीनों पर कब्जा किया है, उनको कब्जा
छोड़ना
होगा। किसी गरीब ने ऐसी जमीन पर कच्चा-पक्का घर बना लिया है तो उसे
उजाड़ा
नहीं जाएगा। वह जमीन संबंधित व्यक्ति को पट्टे पर दी जाएगी। इस योजना का नाम आबादी स्थल
विनियमितीकरण
दिया गया।
हर तहसील से
सैकड़ों
को लाभ
इस योजना के तहत
बड़ी
संख्या में लोगों को पट्टे आवंटित किए गए। हर तहसील से
सैकड़ों
लोगों को शामिल किया गया। इन पट्टों के लिए सर्वे करने की जिम्मेदारी हलका लेखपाल व कानूनगो की थी।
लेखपालों
ने अपात्रों को भी पट्टे का
विनियमितीकरण
करा दिया। पिछले दिनों
बाढ़ौन
गांव के जितेंद्र आदि ने एसडीएम कोल से गाटा संख्या 393 में अपात्र आवंटन की शिकायत की थी।
जांच में पर्दाफाश
तहसील से जांच की तो सामने आया कि जिस आबादी स्थल का
विनियमितीकरण
हुआ है। वहां अब भी खाली प्लॉट है। रिकॉर्ड में पक्का मकान दिखाया गया है।
आवंटी
भी अपात्र है। ग्रामीणों के अनुसार
आवंटी
पर एक दर्जन से अधिक खुद की बसें है। अलीगढ़ में टूर एंड ट्रेवल की एजेंसी है। इसमें लेखपाल की मिलीभगत मिली है।
संतोष कुमार, तहसीलदार कोल का कहना है कि
बाढ़ौन
गांव के लोगों ने शिकायत की थी। जांच कराई गई तो
विनियमितीकरण
गलत मिला। इसे निरस्त कर दिया गया है। संबंधित कर्मचारी की भी जिम्मेदारी तय की जा रही है।