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दुनिया में छाने के लिए युवाओं के पास स्वर्णिम अवसर : डीजीपी Aligarh news

ओपी सिंह एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज के सभागार में जब कोट-पेंट में मंच पर जब चढ़े तो शिक्षक व छात्र-छात्राओं ने उनका तालियां बजाकर तहे दिल से स्वागत किया।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 04:33 PM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 05:01 PM (IST)
दुनिया में छाने के लिए युवाओं  के पास स्वर्णिम अवसर : डीजीपी Aligarh news
दुनिया में छाने के लिए युवाओं के पास स्वर्णिम अवसर : डीजीपी Aligarh news

अलीगढ़ (जेएनएन)। प्रदेश की पुलिस के मुखिया ओपी सिंह एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज के सभागार में जब कोट-पेंट में मंच पर जब चढ़े तो शिक्षक व छात्र-छात्राओं ने उनका तालियां बजाकर तहे दिल से स्वागत किया। दुनिया भर को तालीम का पाठ बढ़ाने वाली एएमयू बिरादरी को ऐसा आभास था कि डीजीपी साहब कानून व्यवस्था पर बात करेंगे। डीजीपी ने जब बोलना शुरु किया तो एक मझे हुए शिक्षक की भूमिका में नजर आए। राष्ट्र निर्माण में युवा कैसे योगदान कर सकते हैं? मेक इन इंडिया, स्टार्टअप से कैसे जीवन संवार सकते हैं? डीजीपी ने हर उस पहलू को छुआ। छात्र ही नहीं शिक्षक भी उनके भाषण के मुरीद हुए। 

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वृद्धों की संख्या में वृद्धि

एएमयू ने डीजीपी ओपी सिंह को 'राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका' विषय पर  व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया था। डीजीपी ने बड़े सलीके से विषय को परिभाषित किया। कहा, ऐसे समय में जब विश्व के बड़े देशों में वृद्धों की संख्या में वृद्धि हो रही है, भारत को औसत आयु के मामले में वरियता प्राप्त है। 2020 तक हमारे देश में औसत आयु 19 वर्ष होगी। भारतीय युवाओं के लिए यह स्वर्णिम अवसर है। युवा ही राष्ट्र का भविष्य हैं। डिजीटल क्रांति हो, राजनीति सत्ता अथवा सामाजिक जिम्मेदारियां हर क्षेत्र में युवाओं की महान भूमिका है।

जम्मू-कश्मीर में युवाओं ने निभाई अहम भूमिका

डीजीपी ने बाढ़ पीडि़तों की मदद के सहारे जम्मू-कश्मीर का भी नाम लिया। कहा  25 साल से कम आयु के युवाओं ने जम्मू-कश्मीर में बेहतर काम किया। वहां के लोगों ने तारीफ भी की। इन युवाओं ने जन जीवन बचाने में फौज तथा बचाव कर्मचारियों के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हजारों लोगों को बाड़ की तबाही से बचाया। कहा हमारे युवा भारत के स्टार्टअप ईको सिस्टम का नेतृत्व कर रहे हैं। जहां संस्थापक इंटरप्रीन्योर की औसत आयु केवल 31 वर्ष है। श्री सिंह ने कहा कि युवाओं को अधिकार प्रदान किये जाने तथा व्यापक समाजिक विकास, भारत की योजना कार्यक्रमों का महत्वूपर्ण भाग हैं। जिनका उद्देश्य लैंगिंग बराबरी, आर्थिक सेवाओं तक सभी की पहुंच, डिजिटल संपर्क, कला का विकास, उच्च शिक्षा तथा सभी तक स्वास्थ्य सेवाओं को पहुचाना है।

परिवर्तन देखना चाहते हैं युवा

डीजीपी ने कहा कि भारतीय युवा देश में परिवर्तन देखना चाहते हैं। सरकार एवं लोकतंत्र व समाजी व्यवस्था में उन्हें महान भूमिका निभानी है। कोई भी लोकतंत्र बहुसंख्यक की राय पर आधारित होता है। चूंकि भारत की दो तिहाई जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है। जिनकी आम चुनाव में विशाल स्तर पर भागीदारी होती है, इसलिए अच्छी सत्ता में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका तय है।

सरकारी योजनाओं में भूमिका

डीजीपी ने कहा कि स्किल इंडिया मिशन, मेक इन इंडिया, डिजीटल इंडिया मिशन तथा स्टार्ट अप इंडिया जैसी सरकारी योजनाओं में भी युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। औसत आयु के लिहाज से भारत जवान हो रहा है। पुलिस फोर्स में सिपाही से लेकर आइपीएस तक युवाओं की मौजूदगी में वृद्धि हो रही है।

बिहार के लोग करते थे सिफारिश

डीजीपी ने अलीगढ़ में एसपी सिटी के रूप में अपनी तैनाती के दिनों को भी याद किया तथा अपने अमुवि आगमन की चर्चा करते हुए कहा कि उन दिनों श्री सैयद हाशिम अली कुलपति तथा जावेद उस्मानी रजिस्ट्रार हुआ करते थे। चुटकी ली तब बिहार के लोग सिफारिश के लिए खूब आते थे।

युवाओं को मिले उम्दा मंच : कुलपति

अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने कहा कि युवाओं को अपने नवीन विचार प्रस्तुत करने के लिए उम्दा मंच प्राप्त होने चाहिए। एएमयू में ईको क्लब है जहां युवा छात्र सतत विकास, स्वास्थ्य जलवायु तथा अन्य मामलों पर विचार कर उनका समाधान खोजने के लिए जमा होते हैं। रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद ने आभार जताया। एएमयू प्रसार व्याख्यान के समन्वयक प्रो. निसार अहमद खान ने डीजीपी की उपलब्धियों को गिनाया। इस दौरान वह एडीजी अजय आनंद का नाम दो बार विजय आनंद बोल गए।

छात्राओं के हॉल का किया लोकार्पण

डीजीपी ने आगरा मंडल के एडीजी अजय आनंद के साथ सर सैयद हाउस का भ्रमण किया। सर सैयद अकादमी में रखीं प्राचीन वस्तुओं को देखा। बाद में 1500 सीटों वाले बेगम अजीजुन निंसा हाल का उद्घाटन किया। मौलाना आजाद लाइब्रेरी का भ्रमण किया जहां उन्होंने फारसी में अबु फजल फैजी के भगवत गीता के अनुवाद तथा दारा शिकोह के रामायण के अनुवाद तथा अन्य प्राचीन पांडुलिपियों को देखा। डीजीपी को फाइन आट्र्स विभाग की शिक्षिका डॉ. असमा काजमी द्वारा बनाई गई पोट्रेट भी भेंट की गई। सह कुलपति प्रो. अख्तर हसीब  समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे।


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