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एएमयू में पहली बार जिन्ना के साथ नहीं दिखेंगे गांधीजी, ये है वजह Aligarh News

एएमयू के इतिहास में यह पहली बार होगा जब गांधी जयंती पर मौलाना आजाद लाइब्रेरी में लगने वाली प्रदर्शनी में गांधी जी के साथ जिन्ना की तस्वीर नहीं होगी।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 12:20 PM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 08:44 AM (IST)
एएमयू में पहली बार जिन्ना के साथ नहीं दिखेंगे गांधीजी, ये है वजह Aligarh News
एएमयू में पहली बार जिन्ना के साथ नहीं दिखेंगे गांधीजी, ये है वजह Aligarh News

संतोष शर्मा, अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के इतिहास में यह पहली बार होगा जब गांधी जयंती पर मौलाना आजाद लाइब्रेरी में लगने वाली प्रदर्शनी में गांधी जी के साथ जिन्ना की तस्वीर नहीं होगी। इंतजामिया ने यह निर्णय पिछले साल जिन्ना की तस्वीर को लेकर हुए बवाल के चलते लिया है।

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प्रदर्शनी में शामिल हैं 650 किताबें

मौलाना आजाद लाइब्रेरी में हर साल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म दिवस पर उनसे जुड़े एतिहासिक चित्र, पुस्तकों व दस्तावेजों की प्रदर्शनी लगाई जाती है। दर्शकों के लिए गांधी जी से जुड़ी 650 से अधिक किताबों को रखा गया है। इनमें हर भाषा में लिखी किताबें शामिल हैं। अग्रेजी में 305, ङ्क्षहदी में 141, उर्दू में 9, पारसी और अरबी भाषा में लिखीं 2-दो किताबें भी शामिल हैं।

आकर्षित करतीं तस्वीरें

प्रदर्शनी में सबसे आकर्षक गांधी की एतिहासिक तस्वीरें होती हैं। जिन्हें लोग बड़ी उत्सुकता से देखते हैं। कैमरे में कैद भी करते हैं। दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद गांधी जी जब पहली बार 1928 में साबरमती आश्रम से साइकिल से विद्यापीठ की सायंकालीन प्रार्थना सभा में गए थे, वो तस्वीर भी यहां हैं। 1924 में इंदिरा गांधी जब 6 साल की थीं, उनकी पलंग पर लेटे गांधी के साथ की तस्वीर के अलावा वाराणसी के पास स्थित कालाकांकर राज्य के तत्कालीन शासक के साथ 1929 की जीप में जाते हुए की तस्वीर भी है। 1939 की अब्दुल गफ्फार खान के अलावा 1916 में कराची में नागरिक सम्मान समारोह समेत कई और तस्वीर यहां हैं।

यूनियन हॉल में लगी जिन्ना की तस्वीर बनी विवाद

एएमयू में पिछले विवाद की शुरुआत यूनियन हॉल में लगी तस्वीर से हुई थी। 30 अप्रैल 2018 को भाजपा सांसद सतीश गौतम ने कुलपति को पत्र लिखकर तस्वीर हटाने की आवाज उठाई थी। तस्वीर न हटने पर ङ्क्षहदू वादी छात्र नेताओं ने 2 मई को बॉबे सैयद पहुंच कर हंगामा किया। इन नेताओं पर रिपोर्ट दर्ज कराने जा रहे एएमयू छात्रों का पुलिस से टकराव हो गया था। लाठी चार्ज में कई छात्र घायल भी हुए। 15 दिन से अधिक समय तक आंदोलन चला। इसके बाद 2 अक्टूबर को लाइब्रेरी में जिन्ना के साथ गांधी जी की तस्वीर लगा दी थी। जिस पर फिर से मामला गरमाया। लाइब्रेरियन को माफी तक मांगनी पड़ी। फिर से बवाल न हो इसके चलते जिन्ना की तस्वीर इस बार नहीं लगाई गई है। यूनियन हॉल में जिन्ना की तस्वीर आज भी लगी हुई है।

जिन्ना की तस्वीर प्रदर्शनी में नहीं लगाई

लाइब्रेरियन डॉ.मोहम्मद यूसुफ का कहना है कि पिछले विवादों को देखते हुए इस बार जिन्ना की तस्वीर प्रदर्शनी में नहीं लगाई गई है। गांधी जी से जुड़ी किताब, तस्वीर बहुत कुछ लोगों को देखने को मिलेगा।


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