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अलीगढ़ के श्मशान में गुणवत्ता का 'अंतिम संस्कार'

घपले-घोटाले में लोग पितरों को भी चूना लगाने से पीछे नहीं हट रहे हैं। अब मडराक के अंत्येष्टि स्थल निर्माण में भी घोटाले की बू आ रही है। यहां बिना बीम के ही 10-10 फीट से ऊंची दीवार ख

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Thu, 23 May 2019 01:11 PM (IST)Updated: Fri, 24 May 2019 09:06 AM (IST)
अलीगढ़ के श्मशान में गुणवत्ता का 'अंतिम संस्कार'
अलीगढ़ के श्मशान में गुणवत्ता का 'अंतिम संस्कार'

सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़। घपले-घोटाले में लोग पितरों को भी चूना लगाने से पीछे नहीं हट रहे हैं। अब मडराक के अंत्येष्टि स्थल निर्माण में भी घोटाले की बू आ रही है। यहां बिना बीम के ही 10-10 फीट से ऊंची दीवार खड़ी कर दी गई हैं। गेट और खिड़की भी पुरानी लगाई जा रही हैं। घटिया ईंट और डस्ट का इस्तमाल हो रहा है। स्थानीय लोगों की शिकायत पर सीडीओ के निर्देश पर जांच कमेटी गठित कर दी है। जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक और आरईएस के सहायक अभियंता इसकी तकनीकी जांच करेंगे। सरकार ने इस अंत्येष्टि स्थल निर्माण के लिए 24.32 लाख का बजट स्वीकृति किया है।

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सूबे भर में हो रहा है काम
प्रदेश सरकार पिछले काफी समय से सूबे भर में अंत्येष्टि स्थल निर्माण करा रही है। पिछले साल तक एक अंत्येष्टि निर्माण सरकार से 10 लाख रुपये मिलते थे, लेकिन इससे काम पूरा नहीं हो पाता था। ऐसे में सरकार ने इसके बजट में बढ़ोत्तरी कर दी है। अब एक अंत्येष्टि स्थल के लिए 24.32 लाख की धनराशि दी जा रही है। पांच अंत्येष्टि स्थल स्वीकृति  सरकार ने इस साल लोकसभा चुनाव से पहले जिले में पांच अंत्येष्टि स्थल स्वीकृति किए थे। इसमें खैर के बांकनेर, टप्पल का बसेरा, चंडौस का पैराई, लोधा के मडराक व अतरौली के जिरौली हीरा सिंह शामिल हैं। चुनाव से पहले ही इन अंत्येष्टि स्थल के निर्माण के लिए बजट स्वीकृति कर दिया गया है। ऐसे में ग्राम प्रधानों ने इनका निर्माण कार्य भी शुरू करा दिया।

घटिया निर्माण
अब मडराक में पांच बीघा क्षेत्रफल में बन रहे अंत्येष्टि स्थल का 50 फीसद से ज्यादा निर्माण हो चुका है, लेकिन इसमें घटिया सामग्री लगाई जा रहा है। अंत्येष्टि स्थल के चार कमरों की दीवारें लैंटर तक पहुंच गई हैं, लेकिन इसमें किसी भी दीवार में बीम नहीं डाला गया हैं। ईंट भी अब्बल नहीं हैं। अधिकांश दोयम दर्जे की ईंटों का प्रयोग हो रहा हैं। डस्ट के साथ मानक से कम सीमेंट लगाई जा रही है। इसके अलावा टॉयलेट की भी यही स्थिति है।

 जांच शुरू
ग्रामीण इस कार्य से खुश नहीं हैं। ऐसे में स्थानीय निवासी आकाश राज सिंह ने इसकी शिकायत सीएम योगी आदित्यनाथ के ट्विटर पर की। इसके साथ ही कोल विधायक अनिल पाराशर, सीडीओ अनुनय झा व डीपीआरओ को भी इससे अवगत कराया गया। इस पर अब सीडीओ के निर्देश पर इसके लिए दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है। इस टीम को निर्माण का भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट देनी है।

नक्शे से भी खुश नहीं हैं ग्रामीण
ग्रामीण नक्शे से भी खुश नहीं हैं। अंत्येष्टि स्थल पर चार कमरों को निर्माण किया जा रहा है। इस पर ग्रामीणों का कहना है अगर कोई भी व्यक्ति अंतिम संस्कार के लिए आ रहा है तो उसके परिजन कमरों में बैठने नहीं जाएंगी। इसके लिए खुले बरामदों का निर्माण करना चाहिए।

घटिया निर्माण मिला तो कार्रवाई होगी
डीपीआरओ पारुल सिसौदिया ने बताया कि इस निर्माण कार्य की शिकायत आई है। इस पर डीआरडीए के परियोजना निदेशक के नेतृत्व में एक जांच कमेटी गठित कर दी है। अगर घटिया निर्माण मिलता है तो फिर कार्रवाई होगी। दोबारा से गुणवत्ता परख निर्माण किया जाएगा।

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