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अलीगढ़ में चार हजार शिक्षण संस्‍थानों के छात्र-छात्राएं छात्रवृत्‍ति से रह सकते हैं वंचित, ये है वजह

जिले के करीब 4906 संस्थानों को नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर अपना केवाईसी कराना है लेकिन जिले में अब तक आधे की संस्थान यह कर सकें। ऐसे में वंचित संस्थानों के छात्रों की छात्रवृत्ति पर खतरा हो सकता है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Tue, 03 Nov 2020 07:05 AM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 07:05 AM (IST)
अलीगढ़ में चार हजार शिक्षण संस्‍थानों के छात्र-छात्राएं छात्रवृत्‍ति से रह सकते हैं वंचित, ये है वजह
अब सभी शिक्षण संस्थानों को पहले नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल (एनएसपी) पर केवाईसी कराना होगा।

अलीगढ़ जेएनएन। जिले के करीब 4906 संस्थानों को नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर अपना केवाईसी कराना है, लेकिन जिले में अब तक आधे की संस्थान यह कर सकें। ऐसे में वंचित संस्थानों के छात्रों की छात्रवृत्ति पर खतरा हो सकता है। खास बात यह है कि केंद्र सरकार ने अब अल्पसंख्यक छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए शिक्षण संस्थानों का केवाईसी (अपने ग्राहक को जानना)अनिवार्य कर दिया है।  जिले में पिछले दिनों ही सभी प्रारंभिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों व कालेजों को अपना केवाईसी एनएसपी पोर्टल पर अपडेट करने निर्देश दे दिए गए थे, लेकिन अब तक आधे से ज्यादा संस्थानों ने यह नहीं किया है। जिला अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण अधिकारी स्‍मिता सिंह का कहना है कि जिले के सभी शिक्षण संस्थानों को लिखित में निर्देश भेजे जा चुके हैं। अगर कोई शिक्षण संस्थान केवाईसी नहीं कराता है तो उसके छात्रवृति आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो सकेगी। 

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यह है मामला

अल्पसंख्यक (मुस्लिम, सिख, इसाई, बौद्ध, जैन, पारसी) के छात्र-छात्राओं को केंद्र सरकार की ओर छात्रवृत्ति दी जाती है। अब जल्द ही सभी स्कूल व कॉलेजों में नामांकित अल्पसंख्यक छात्रों के लिए प्री व पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति आने वाली है, लेकिन केंद्र सरकार ने एक शर्त अनिवार्य कर दी है। अब सभी शिक्षण संस्थानों को पहले नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल (एनएसपी) पर केवाईसी कराना होगा। इसके लिए जिले में पिछले दिनों ही सभी प्रारंभिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों व कालेजों को अपना केवाईसी एनएसपी पोर्टल पर अपडेट करने निर्देश दे दिए गए थे, लेकिन अब तक आधे से ज्यादा संस्थानों ने यह नहीं किया है। ऐसे में अब इनसे जुड़े छात्रों की छात्रवृत्ति पर तलवार लटक सकती है। जिला अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण अधिकारी स्‍मिता सिंह का कहना है कि जिले के सभी शिक्षण संस्थानों को लिखित में निर्देश भेजे जा चुके हैं। अगर कोई शिक्षण संस्थान केवाईसी नहीं कराता है तो उसके छात्रवृति आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो सकेगी। 


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