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सपा के पूर्व विधायक राकेश सिंह डकैती में तलब

डकैती के इल्जाम में सपा के पूर्व विधायक राकेश सिंह को क्लीनचिट दे चुकी पुलिस की विवेचना पर अपर सत्र न्यायालय ने आपत्ति जताई है।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Sat, 02 Mar 2019 07:06 PM (IST)Updated: Sun, 03 Mar 2019 09:26 AM (IST)
सपा के पूर्व विधायक राकेश सिंह डकैती में तलब
सपा के पूर्व विधायक राकेश सिंह डकैती में तलब

अलीगढ़ (जेएनएन)। डकैती के इल्जाम में सपा के पूर्व विधायक राकेश सिंह को क्लीनचिट दे चुकी पुलिस की विवेचना पर अपर सत्र न्यायालय ने आपत्ति जताई है। अंतिम रिपोर्ट त्रुटिपूर्ण बताकर न्यायालय ने पक्षकार 12 मार्च को तलब किए हैं। पुलिस महकमे में प्रतिसार निरीक्षक (आरआइ) रहे शबीह हैदर ने 2013 में ये मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट (एफआर) लगा दी। मौजूदा सीओ सीतापुर हैदर ने पुलिस की विवेचना व निचली अदालत के आदेश पर उंगली उठाते हुए सत्र न्यायालय में रिवीजन दाखिल किया था।

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ये है मामला

किस्सा 25 जून, 13 का है। तब तत्कालीन आरआइ शबीह हैदर ने छर्रा विधायक रहे राकेश सिंह, शेखर, सानू, प्रदीप गौड़ समेत सात लोगों को नामजद करते हुए सिविल लाइंस थाने में विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। रिपोर्ट में कहा कि दोपहर 2:45 बजे विधायक ने फोन पर उनसे पुलिस लाइन से मुहैया सुरक्षाकर्मियों की शिकायत की थी। कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया गया, मगर विधायक नहीं माने और हथियारबंद समर्थकों के साथ पुलिस लाइन स्थित आरआइ के दफ्तर आ गए।

एसआइ से की थी गालीगलौज

 आरोप है कि विधायक ने आरआइ को गालियां दीं। मेज पर हाथ मारते हुए अभद्रता की गई। शोर शराबा होता देख वहां पहुंचे पुलिसकर्मियों ने विधायक व उनके समर्थकों को समझाने का प्रयास किया तो एक एसआइ के साथ गाली गलौज कर दी। हेड कांस्टेबल सुभाष चंद ने सरकारी कैमरे से वीडियोग्राफी की तो रिवाल्वर लिए एक समर्थक ने बलपूर्वक कैमरा छीन लिया। कैमरा लेकर धमकाते हुए सभी चले गए। कैमरे में प्रशिक्षण संबंधी व महत्वपूर्ण सरकारी साक्ष्य थे। विवेचना में कुछ धाराएं कम हुई थीं।

अंतिम रिपोर्ट

मुकदमे में विवेचक इंस्पेक्टर कोमल सिंह ने 19 नवंबर, 14 को अंतिम रिपोर्ट लगाकर पत्रावलियां दफ्तर दाखिल कर दीं। तथ्य ये भी दिया कि अभियोजन की ओर से साक्षी उपलब्ध नहीं हो सके।

अंतिम रिपोर्ट पर आपत्ति

 शबीह हैदर के वकील अनूप कौशिक के मुताबिक पुलिस की अंतिम रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए 30 मई, 16 को कोर्ट में प्रोटेस्ट अपील दाखिल की। कहा कि विवेचक ने कैमरे की बरामदगी नहीं दिखाई। कैमरा किस व्यक्ति को वापस किया गया, इसका भी कोई साक्ष्य संकलित नहीं किया गया। न ही कैमरे की वापसी के संबंध में कोई फर्द तैयार की, जबकि विवेचक ने कैमरा छीनने की बात कही है। चिप निकाल कर कैमरा वापस करना भी बताया गया।

त्रुटिपूर्ण विवेचना कर लगाई अंतिम रिपोर्ट

आरोप है कि अभियुक्तों को लाभ देने के लिए विवेचक ने त्रुटिपूर्ण विवेचना कर अंतिम रिपोर्ट लगाई है। चार मई- 17 को प्रोटेस्ट अपील निरस्त कर दी। तब रिवीजन दाखिल किया गया था। एडीजे- 11 अजय कुमार त्रिपाठी की कोर्ट ने रिवीजन स्वीकार कर प्रोटेस्ट पर पुन: आदेश पारित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही दोनों पक्षों को तलब किया है।


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