शार्प शूटरों को शरण देनें में फंसे खैर के पूर्व विधायक, होना था डबल मर्डर
खैर क्षेत्र के पूर्व विधायक प्रमोद गौड़ के नयावांस स्थित पॉली हाऊस से बुधवार रात दबोचे पंकज उर्फ भोला जाट गैंग के चारों शूटर डबल मर्डर के इरादे से रुके हुए थे।
अलीगढ़ (जेएनएन)। खैर क्षेत्र के पूर्व विधायक प्रमोद गौड़ के नयावांस स्थित पॉली हाऊस से बुधवार रात दबोचे पंकज उर्फ भोला जाट गैंग के चारों शूटर डबल मर्डर के इरादे से रुके हुए थे। इसके लिए उन्होंने दस लाख की सुपारी भी ली थी। चुनाव बाद घटना का अंजाम देना था। पुलिस ने चारों शूटरों को जेल भेजने के साथ उन्हें शरण देने के आरोप में पूर्व विधायक पर भी मुकदमा दर्ज किया है। उनकी तलाश भी की जा रही है।
पुलिस लाइन में गुरुवार को एसपी सिटी अभिषेक, सीओ खैर पंकज कुमार श्रीवास्तव ने पूरी जानकारी मीडिया को दी। बताया कि मध्य गंग नहर स्थित नयावांस के पास स्थित पूर्व विधायक खैर प्रमोद गौड़ के पॉली हाऊस से विष्णु पुत्र छत्रपाल निवासी ढांटोली, गौंडा, कृष्णा पुत्र ओमप्रकाश निवासी नगला छज्जू, खैर अजीत पुत्र प्रेमसिंह निवासी पिसावा, गौंडा व महावीर पुत्र किशन सिंह निवासी मकरंदगढ़ी थाना नौहझील, मथुरा को गिरफ्तार किया था। चार तमंचे, आठ कारतूस व सात हजार रुपये भी मिले थे। ये रुपये किसी लूट से बचे हुए थे।
बीवी को भगा ले जाने का बदला लेने का रचा षडय़ंत्र
एसपी सिटी, आरोपित पुलिस मुठभेड़ में मारे गए 50 हजार के इनामी कुख्यात पंकज उर्फ भोला जाट गैंग के सदस्य हैं। जो वर्ष 2015 में पंकज उर्फ भोला जाट को मथुरा पेशी से वापस फीरोजाबाद ले जाते समय पुलिस पर ताबड़तोड़ फायङ्क्षरग कर पुलिस अभिरक्षा से छुड़ा लेने की वारदात में शामिल थे। विष्णु पर 15 हजार रुपये का इनाम भी है। गैंग का लीडर कृष्णा है। कृष्णा की पत्नी को उसका करीबी रिश्तेदार देवू निवासी गौंडा भगा ले गया है। इसी बात को लेकर कृष्णा देवू से रंजिश मानता है। जबकि हत्या के मामले में जेल में बंद राजू निवासी ढांटोली, गौंडा को देवू सहयोग करता था। इसलिए दोनों ही कृष्णा व उसके साथियों के निशाने पर थे। एसपी सिटी के अनुसार शूटरों ने हत्या के बदले दस लाख रुपये की सुपारी भी ली थी।
पूर्व विधायक की तलाश
पॉली हाऊस में शूटरों को शरण देने पर पूर्व विधायक प्रमोद गौड़ पर धारा 216 ए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। एसपी सिटी के अनुसार पूर्व विधायक की तलाश है। उनसे भी इस बारे में पूछताछ की जाएगी। प्रमोद गौड़ का कहना है कि पकड़ा शूटर कृष्णा का बड़ा भाई रामवीर दो साल से पॉली हाउस में चौकीदार है। उसके ही जरिए सभी घुसने में सफल रहे हैं। मेरा छोटा बेटा प्रभाकर गौड़ भी रात 8-9 बजे तक पॉली हाउस में रहता है। दो दिन पहले वह दिल्ली चला गया था। उसके पीछे ही यह सब हुआ। पुलिस से इसकी जानकारी हुई। शूटरों से मेरा कोई संबंध नहीं हैं।
गुत्थी में उलझ रही पुलिसिया कहानी
भले ही पुलिस ने कुख्यात शूटरों को पकड़कर होने वाली दो हत्याओं को फिलवक्त के लिए रोक लिया हो लेकिन हत्या के बदले दस लाख रुपये की सुपारी लेने की पुलिसिया कहानी गले नहीं उतर पा रही है। लाख टके का सवाल है कि जब रंजिश कृष्णा से थी तो उसे देवू व राजू की हत्या करने के बदले दस लाख की सुपारी किसने दी थी? आखिर स'चाई क्या है? हालांकि चारों आरोपितों ने भी पुलिस कस्टडी में मीडिया के सामने सुपारी लेने की बात से इंकार किया है। साथ ही बताया कि पॉली हाऊस में रुकने की जानकारी पूर्व विधायक प्रमोद गौड़ को नहीं थी। पॉली हाऊस पर कृष्णा का बड़ा भाई रामवीर काम करता था। रामवीर की मदद से ही चारों वहां पहुंचे थे। जहां वह देवू व राजू की हत्या की योजना तैयार कर रहे थे। आरोपितों के अनुसार हत्या के लिए अगले एक-दो दिन में आधुनिक असलाह भी आने वाले थे। यहां लगे सीसीटीवी कैमरों में सारी गतिविधियां कैद हुई हैं।
इन पर दर्ज हैं मुकदमें
भोला जाट गैंग के सरगना कृष्णा पर हत्या, लूट, छिनैती, चोरी, जानलेवा हमले, मारपीट समेत गैंगस्टर के 21 मुकदमे दर्ज हैं। खैर थाने में उसकी हिस्ट्रीशीट भी खुली हुई है। जबकि विष्णु पर 15 हजार रुपये के इनाम के अलावा हत्या, लूट, चोरी समेत 14 मुकदमे, महावीर पर लूट व चोरी के तीन मुकदमे तथा अजीत पर हत्या व मारपीट के दो मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज हैं।