पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ.एसवाई कुरेशी बोले, संख्या पर नहीं, शैक्षिक गुणवत्ता पर जोर दे एएमयू
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी संख्या पर नहीं शैक्षिक गुणवत्ता पर ध्यान दे।
अलीगढ़ (जेएनएन)। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) को शैक्षिक गुणवत्ता पर जोर देने की जरूरत है न कि संख्या पर। एएमयू से आइएएस निकलेंगे तो देश का नक्शा बदल जाएगा। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ.एसवाई कुरेशी बुधवार को एएमयू के एथलेटिक्स ग्राउंड में सर सैयद डे पर आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। समारोह में उर्दू को बढ़ावा देने के लिए संजीव सराफ को एक लाख रुपये देकर सम्मानित किया गया।
एएमयू से एक भी नोबल पुरस्कार विजेता क्यों नहीं निकला ?
मुख्य अतिथि ने सवाल किया कि पूर्व कुलपति सैयद हामिद अली के दौर में अलग से एक इंस्टीट्यूट ...चलता था, वो क्यों बंद हैं? एएमयू से अभी तक कोई नोबल पुरस्कार विजेता नहीं निकला है। यह बेहद चिंता का विषय है। इस बारे में गंभीरता से मंथन किया जाए।
एंटी इस्लाम नहीं थी सर सैयद की तालीम
डॉ.एसवाई कुरेशी ने बताया कि एएमयू के संस्थापक सर सैयद अहमद खान ने 200 साल पहले जो सोचा था, उस पर आज भी मंथन हो रहा है। उन्होंने कहा सर सैयद की तालीम एंटी इस्लाम नहीं थी। अंग्रेजी का महत्व सर सैयद ने समझा था, तभी उन्होंने बच्चों को इसे पढ़ाया। उनके सलाहकार लाला लाजपतराय, मदन मोहन मालवीय, स्वामी विवेकानंद जैस हिंदू भी थे।
मुख्य चुनाव आयुक्त बने तो हैरान थे सब
मुख्य अतिथि डॉ. एसवाई कुरैशी ने कहा कि जब मैं देश का पहला मुस्लिम मुख्य चुनाव आयुक्त बना तो लोग हैरान थे। जॉर्डन गया तो सब हैरान थे, कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र देश का चुनाव आयुक्त एक मुस्लिम है। ये मेरे लिए फक्र की बात थी।
वर्ष 2019 के लोकसभा में मतदान करेंगे 12 करोड़ युवा मतदाता
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. कुरेशी ने चुनाव अनुभव साझा किए। कहा इस बार 2019 के आम चुनाव में 12 करोड़ युवा मतदाता वोट डालेंगे। देश में 84 करोड़ वोटर, 10 लाख पोलिंग बूथ और 11 लाख लोगों का स्टॉफ चुनाव में लगता है।
गुजरात में एक पुजारी के लिए बनता है बूथ
गुजरात में एक मंदिर है। उसके एक पुजारी के लिए बूथ बनता है। छह लोगों का स्टॉफ लगता है। स्टॉफ पूरे समय इंतजार करता है कब पुजारी का मूड वोट डालने के लिए हो जाए और वह कब वोट डालने के लिए आ जाएं। उनके इंतजार में स्टाफ पूरे समय बैठता था।
सर सैयद की मजार पर चढ़ाई चादर
समारोह से पहले विवि की जामा मस्जिद में कुरान ख्वानी हुई। इसके बाद सर सैयद के मजार पर फूलों की चादर चढ़ाई गई। सर सैयद हाउस में सर सैयद के जीवन पर आधारित चित्रों, लेखों और किताबों की प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में कुलपति प्रो. तारिक मंसूर स्वागत भाषण दिया। को प्रो. एआर किदवई, प्रो. सीमी हसन, छात्र वजाहत मोनाफ जिलानी व छात्रा आफिया रिजवी संबोधित किया। सर सैयद अंतर राष्ट्रीय व राष्ट्रीय अवार्ड, रिसर्च एवार्ड व अखिल भारतीय निबंध लेखन प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागियों को भी पुरस्कार प्रदान किए गए।
मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों का किया सम्मान
कुलपति प्रो तारिक मंसूर व रजिस्ट्रार अब्दुल हामिद ने मुख्य अतिथि पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ एसवाई कुरेशी व विशिष्ट अतिथियों को स्मति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का समापन छात्र-छात्राओं ने एएमयू तराना गाकर किया। इस दौरान रजिस्ट्रार अब्दुल हामिद, डीएसडब्लू जमशेद सिद्दकी, शिक्षाविद समेत अनेक गणमान्य लोग व छात्र-छात्राएं मौजूद थे।