Move to Jagran APP

अलीगढ़ में पांच गायों की मौत, हिंदूवादी संगठनों ने ट्रकों में की तोडफ़ोड़

जिले के कस्बा इगलास के स्कूल में सोमवार को बंद किए गए पशुओं में से पांच की टप्पल गोशाला ले जाते समय मौत हो गई। इस पर खैर के पलवल रोड पर हिंदूवादी संगठनों ने हंगामा कर दिया।

By Edited By: Published: Tue, 25 Dec 2018 12:05 PM (IST)Updated: Tue, 25 Dec 2018 12:07 PM (IST)
अलीगढ़ में पांच गायों की मौत, हिंदूवादी संगठनों ने ट्रकों में की तोडफ़ोड़
अलीगढ़ में पांच गायों की मौत, हिंदूवादी संगठनों ने ट्रकों में की तोडफ़ोड़

अलीगढ़ (जेएनएन)। जिले के कस्बा इगलास के स्कूल में सोमवार को बंद किए गए पशुओं में से पांच की टप्पल गोशाला ले जाते समय मौत हो गई। इस पर खैर के पलवल रोड पर हिंदूवादी संगठनों ने हंगामा कर दिया। पशुओं से भरे दोनों ट्रकों में तोडफ़ोड़ करने के अलावा दो घंटे जाम लगाया। दोनों ट्रकों में देर रात पशु लादे गए थे।

loksabha election banner

हिंदूवादी संगठनों ने की चेकिंग
सुबह टप्पल के गोशाला ले जाई जा रही थीं। खैर के पलवल रोड पर हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने इसे रोक कर चेक किया तो पांच गाय मरी मिलीं। हंगामा बढ़ता देख चालक भाग गए। गुस्साए लोगों ने ट्रकों के शीशे तोड़ दिए और जाम लगा दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस व एसडीएम ने लोगों को समझाकर शांत किया।

आवारा पशुओं को पकडऩा जारी
फसल की बर्बादी से परेशान किसानों ने मंगलवार की सुबह से ही आवारा पशुओं को पकडऩा शुरू कर दिया। इन पशुओं को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बंद कर दिया गया है।

किसानों ने कराई छुट्टी, स्कूल में बंद किए थे आवारा पशु
इगलास इलाके के गांव टमोटिया के किसान सोमवार की सुबह 10 बजे ही पशुओं के झुंड को लेकर पहुंच गए थे। उस वक्त बच्चे कमरों से बाहर बैठकर पढ़ रहे थे। पशुओं को आता देख शिक्षकों ने बच्चों को कमरे में भेज दिया था। करीब 12 बजे बच्चों को पुलिस ने सुरक्षित स्कूल से बाहर निकाला। पशुओं को चारा देकर किसानों ने स्कूल गेट पर फिर से ताला लगा दिया गया। किसान यहीं धरना-सा देकर डटे रहे।

रात 10 बजे स्कूल से बाहर हुए पशु
विकट हालात के बावजूद तहसील प्रशासन ने संवेदनशीलता नहीं दिखाई। करीब तीन बजे नायब तहसीलदार मनीष कुमार पहुंचे और किसानों को समझाने का प्रयास किया। किसान आवारा पशुओं से स्थाई समाधान की मांग को लेकर अडिग रहे। पांच बजे एसडीएम अशोक कुमार शर्मा पहुंचे और किसानों से बात की। पशुओं को खैर की गोशाला पहुंचाने का निर्देश प्रधान सबरजीत को दिया। उन्होंने ढाई हजार रुपये भी दिए। रात करीब 10 बजे पशुओं को विद्यालय से निकालकर गोशाला पहुंचाया गया।

नहीं दिया शिकायतों पर ध्यान 
किसानों की शिकायतों का कोई समाधान नहीं मिला। न जनप्रतिनिधियों से, न ही अफसरों से। किसान उन्हें बताते रहे कि उनकी गेहूं, लाहा व आलू की फसल को पशु तहस-नहस कर रहे हैं। पर, हर कोई बेबसी दिखाता रहा। वैसे, इस इलाके में न कोई गोशाला है और न ही कांजी हाउस, जहां पशुओं को भेजा-रखा जा सके।

अहरौला के स्कूल में भी किए थे पशु बंद
पांच दिन पहले खैर तहसील क्षेत्र के गांव अहरौला के प्राथमिक विद्यालय में भी ग्रामीणों ने स्कूल में पशुओं को दाखिल करके छुट्टी करा दी थी। अगले रोज तहसीलदार ने पशुओं को गोशाला भिजवाया था।

फसल बचाने को किया ऐसा
गांव टमोटिया के प्रधान सबरजीत सिंह का कहना है कि रातभर जागकर किसान खेतों की रखवाली कर रहे हैं। फिर भी बचा नहीं पा रहे। इसी कारण किसानों ने पशुओं को स्कूल में बंद किया। किसान रामस्वरूप का कहना है कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती है, लेकिन फसल ही नहीं बचेगी तो कमाई कैसे बढ़ेगी? मेरा छह बीघा लाहा बर्बाद हो गया। किसान कृष्ण कुमार का कहना है कि पशुओं ने चार बीघा गेहूं की फसल नष्ट कर दी है। हम क्या करें? फसल न रहेगी तो खायेंगे क्या? मजबूरी में स्कूल में पशुओं को बंद किया।

सुरक्षा की वजह से की छुट्टी
एबीएसए धीरेंद्र प्रसाद सिंह का कहना है कि किसानों की समस्या वाजिब है, लेकिन पशुओं को स्कूल में बंद करना कोई हल नहीं। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए स्कूल की छुट्टी करनी पड़ी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.