Panchayat chunav : किसानोंं ने दिखायी राजनीति में दिलचस्पी इसलिए वोट उसे जो गांव की सोचे Aligarh news
दिन निकलने के साथ सूरज की तपिश बढ़ने लगते है वहीं किसान भी खेतों में व्यस्त हो जाते हैं। फसल की चिंता उन्हें सुबह ही खेतों में खींच लाती है। यह स्वभाविक है। आखिर रोजीरोटी से जुड़ा मामला है। लेकिन गांव की चिंता भी कम नहीं रहती।
देवेन्द्र सिंह, नगला जुझार । दिन निकलने के साथ सूरज की तपिश बढ़ने लगते है, वहीं किसान भी खेतों में व्यस्त हो जाते हैं। फसल की चिंता उन्हें सुबह ही खेतों में खींच लाती है। यह स्वभाविक है। आखिर रोजीरोटी से जुड़ा मामला है। लेकिन, गांव की चिंता भी कम नहीं रहती। गांव का विकास कैसे हो? कौन करा सकता है? इस तरह के सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि, यह समय चुनाव का है। दावेदार घरों से खेतों तक वोटों की खातिर चक्कर लगा रहे हैं। ग्रामीणों के मीठे बोल से इन्हें अश्वस्त भले करते हों, पर ग्रामीण अच्छे दावेदार की तलाश में हैं। खेतों से थोड़ी सी भी फुर्सत मिलने किसान भी विकास के सवालों का हल तलाशने की बहस में उलझे नजर आते हैं। गांवों में चौपाल लगने लगी हैं। गली मोहल्लों में इसी को लेकर चर्चा हैं। सभी के अपने तर्क और आंकड़े हैं। पर, पूर्व के वादे पूरे न होने की निराशा इस बार गलती न करने का संदेश भी देती है।
गांव की चौपाल पर चुनावी चर्चा
इससे कोई असहमत भी नजर नहीं आता। गांव नगला जुझार में रविवार को जुड़ी चौपाल में सभी की प्राथमिकता गांव के विकास की थी। लेकिन, कुछ लोगों ने विकास के लिए दावेदारों के नाम गिनाए तो बहस शुरू हो गई। अच्छाई और बुराई रखी जा रही थी तो उसे कुछ लोग खारिज भी कर रहे थे। एक ग्रामीण की सलाह थी कि अभी तस्वीर साफ होने दो। कौन-कौन है मैदान में यह स्पष्ट हो जाए। ये राजनीति है। न जाने कौन मैदान छोड़ दे। लेकिन, राजनीतिक चालों में न फंसकर गांव का विकास कराने वाले को वोट देने का सभी को मन पक्का करना चाहिए। सुखवीर गौतम इस पर सहमति तो जताते हैं, लेकिन अपने वोट पर अभी से विचार करने की जरूरत भी बताते हैं। उनका कहना था कि शिक्षित प्रत्याशी ही गांव का विकास करा सकता है। इस बीच महीपाल सिंह ने गांव की समस्याएं याद दी लीं। सड़कें, पानी और सफाई की जरूरतें बताईंं तो जुगेंद्र सिंह नेे शैक्षिक योग्यता, इमानदारी के आधार पर वोट का फैसला करने का सुझाव दिया। इससेे गजेंद्र सिंह सहमत थे। उनका कहना था कि प्रधान ऐसा चुना जाए जो शिक्षित होने के साथ ईमानदार भी हो। वहां बैठे बेनामी सिंह, रमेश, रामअवतार गौतम, ज्वाला सिंह, जगवीर सिंह का कहना था कि इस समय पंचायत चुनाव तेजी से चल रहा है। दावेदार और उनके समर्थक वोट मांगने आ रहे हैं। चुनाव से पहले हैं प्रत्याशी तमाम वायदे करते हैं, लेकिन बाद में सब भूल जाते हैं। इसलिए गांव केे विकास के लिए वोट का फैसला सोच समझकर करेंगे।
तीन गांव, 2812 वोट
ग्राम पंचायत नगला जुझार में तीन गांव आते हैं। इनमें नगला जुझार, नगला पहाड़ी व कछोटपुरा शामिल हैं। तीनों गांवों में 2812 मतदाता हैं। समान्य वर्ग से प्रधान चुना जाना है। इसके लिए नौ दावेदार वोट मांग रहे हैं।
इनका कहना है
सही प्रधान वही होता है जो हर वर्ग केे लोगों को साथ लेकर चले। गांव के हर कोने में पथ प्रकाश व्यवस्था, सड़कें, सफाई पर ध्यान दे, जिससे गांव का चहुंमुखी विकास हो सके।
- रामगोपाल गौतम
वादे उतने ही किए जाने चाहिए जो पूरे किए जा सकें। इसके अलावा प्रधान शिक्षित होना चाहिए, जिससे गांव के विकास में चार चांद लगा सके और गांव का तेजी से विकास हो सके।
-अभिषेक चौधरी