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Court and government order ineffective : नहीं मान रहे किसान, खेतों में जला रहे पराली Hathras News

हाथरस जागरण संवाददाता। जनपद में कोर्ट व सरकार के सख्त निर्देश के बावजूद पराली जलाने की घटनाएं नहीं रुक पा रही है। हसायन क्षेत्र के खेतों में पराली जलाने की घटना सामने आई है। इससे पहले भी मामले प्रकाश में आ चुके हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Wed, 03 Nov 2021 12:32 PM (IST)Updated: Wed, 03 Nov 2021 12:45 PM (IST)
Court and government order ineffective : नहीं मान रहे किसान, खेतों में जला रहे पराली Hathras News
जनपद में कोर्ट व सरकार के सख्त निर्देश के बावजूद पराली जलाने की घटनाएं नहीं रुक पा रही है।

हाथरस, जागरण संवाददाता।  जनपद में कोर्ट व सरकार के सख्त निर्देश के बावजूद पराली जलाने की घटनाएं नहीं रुक पा रही है। हसायन क्षेत्र के खेतों में पराली जलाने की घटना सामने आई है। इससे पहले भी मामले प्रकाश में आ चुके हैं।

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पराली जलाने से बढ़ता है प्रदूषण

हरियाणा व पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं से प्रदूषण का स्तर हर साल बढ़ता है। हालांकि यहां पर पराली का प्रयोग किसान जलाने व अन्य कार्यों में करते हैं क्योंकि यहां पर धान की कटाई मशीनों से कम पिटाई कर धान निकाला जाता है। इससे पराली अधिक मात्रा में बच जाती है और उसका उपयोग विभिन्न कार्यों में किया जाता है। फिर भी कुछ घटनाएं हर साल प्रकाश में आ जाती हैं।

ये दिए थे आदेश

बढ़ते प्रदूषण से पर्यावरण को बचाने के लिए फसल अवशेष जलाने वालों के खिलाफ सरकार ने निर्देश जारी किए थे। इसके हवाले से कृषि विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि प्रतिदिन सेटेलाइट के जरिये पराली जलने की प्राप्त सूचनाओं के आधार पर उसी दिन मौके पर सत्यापन किया जाएगा। इसमें दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ जुर्माना, सरकारी सुविधाओं, अनुदान व अन्य सुविधाओं से वंचित करने के साथ ही नियमानुसार कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। दो एकड़ से कम रकबे के किसान या उससे संबंधित अन्य व्यक्ति या व्यक्तियों द्वारा पराली जलाने की घटना की तस्दीक होने पर 2500 रुपये जुर्माना वसूल किया जाएगा।

पांच एकड़ से अधिक रकबे पर 15 हजार रुपये का जुर्माना

दो से पांच एकड़ के रकबे के लिए पांच हजार और पांच एकड़ से अधिक रकबे के लिए 15 हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा। हर जिले में कंट्रोल रूम बनाने को कहा गया था। जहां पर भी पराली जलने की सूचना दी जा सकती है। उप कृषि निदेशकों और कृषि विभाग व विकास खंड के कर्मचारियों तथा लेखपाल को पराली जलाने की घटना से अवगत करवाया जा सकता है।


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