किसान ने कहा, मेरी जमीन वापस करो नहीं तो आत्मदाह कर लूंगा, जानिए क्या है मामला Aligarh news
जवां थाना क्षेत्र के गांव नगौला निवासी एक युवक ने विद्युत परियोजना प्रबंधन कासिमपुर पावर हाउस द्वारा अवैध रूप से कबजाई अपनी जमीन को वापस करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित तमाम अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है।
अलीगढ़, जेएनएन। जवां थाना क्षेत्र के गांव नगौला निवासी एक युवक ने विद्युत परियोजना प्रबंधन कासिमपुर पावर हाउस द्वारा अवैध रूप से कब्जाई अपनी जमीन को वापस करने के लिए मुख्यमंत्री सहित तमाम अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है। परेशान होकर उसने 27 जुलाई को जमीन वापस न करने या फिर उसका मुआवजा ना देने पर आत्मदाह की चेतावनी दी है।
वर्ष 1981-82 में एस डंपयार्ड के लिए गया था अधिग्रहीत
नगौला निवासी हेमेंद्र सिंह अनाथ पुत्र स्वर्गीय फतेह सिंह की जमीन का एक टुकड़ा गाटा संख्या 8 व 10/2 में कासिमपुर परियोजना प्रबंधन ने वर्ष 1981 व 82 में एस डंपयार्ड के लिए अधिग्रहीत किया था। जिसमें कागज पर केवल 10 विशे जमीन ही अधिग्रहीत की थी, अन्य जमीन को वैसे ही जबरन बिना लिखा पढ़ी के कब्जा कर लिया गया था। राजस्व अभिलेखों में देखने पर हेमेंद्र को मालूम हुआ कि उसकी जमीन का एक बड़ा भाग कासिमपुर परियोजना प्रबंधन ने वैसे ही जबरन घेरा हुआ है। उसने मामले की शिकायत कई बार विद्युत परियोजना प्रबंधक के साथ 23 जनवरी 2021 को विद्युत विभाग उत्तर प्रदेश के एम डी से भी की। इसके अलावा 28 सितंबर 2019 को मुख्यमंत्री के जनता दरबार में की एवं 21 अगस्त, 30 सितंबर,9 दिसंबर 2019 व 11 जून 2021 को रजिस्टर्ड डाक से मुख्यमंत्री प्रकोष्ठ में भी शिकायत की गई। इसके अलावा 10 फरवरी 2020 व 11 जून 2021 को मंडलायुक्त अलीगढ़,एवं 11 सितंबर 2019, 21 अक्टूबर 2020 को जिला अधिकारी के यहां संपूर्ण समाधान दिवस में की गई।
जांच में भी जबरन कब्जा पाया गया
जिलाधिकारी अलीगढ़ के आदेश पर राजस्व विभाग ने मामले की गहनता से जांच की तो पीड़ित की जमीन को कासिमपुर पावर हाउस परियोजना प्रबंधन द्वारा अवैध रूप से कब्जा करना पाया गया। जिसके लिए जिला अधिकारी के आदेश पर विशेष भूमि आधिपत्य अधिकारी संजीव कुमार ओझा ने अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि जमीन पर परियोजना प्रबंधन ने जबरन कब्जा किया हुआ है, इतना ही नहीं उन्होंने परियोजना प्रबंधन को पीड़ित की जमीन वापस करने के लिए भी कहा,लेकिन परियोजना प्रबंधन उक्त मामले में टालमटोल करता रहा है 20 अगस्त 2020 को तत्कालीन परियोजना प्रबंधक ने मामले की स्थिति स्पष्ट करने के लिए एक माह का समय मांगा, लेकिन इसके बाद भी पीड़ित को कोई न्याय नहीं मिला। पीड़ित अपनी जमीन वापस करने के लिए अधिकारियों के चक्कर काटता रहा। पीड़ित हैमेंद्र कुमार का कहना है कि परियोजना प्रबंधन उसकी जमीन वापस न करके उसे परेशान कर रहा है,उसने रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से जिलाधिकारी व परियोजना प्रबंधन को चेतावनी दी है कि अगर 26 जुलाई तक उसकी जमीन वापस नहीं की जाती है तो वह ग्रामीणों के माध्यम से अपनी जमीन स्वयं वापस लेगा इस दौरान अगर उसके साथ बर्बरता, ज्यादती की गई या फिर उसे जबरन पुलिस से उठाया गया तो वह आत्मदाह कर लेगा, जिसकी जिम्मेदारी परियोजना प्रबंधन व प्रशासन की होगी।
इनका कहना है
मैंने अभी एक माह पूर्व यहां चार्ज लिया है,मुझे मामले की जांच करानी है इसके लिए एक माह का समय चाहिए।
सुनील कुमार सिंह, परियोजना प्रबन्धक कासिमपुर पावर हाऊस
मैंने मामले की जांच की है एवं परियोजना प्रबंधन को भी इस विषय में कह दिया है। बहुत जल्द पीड़ित को उसकी जमीन या फिर मुआवजा मिल जाएगा।
संजीव कुमार ओझा, विशेष भूमि आधिपत्य अधिकारी अलीगढ़