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हाथरस के सादाबाद पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा - ये आंदोलन नहीं, सरकार के खिलाफ वैचारिक क्रान्ति है

हाथरस जागरण संवाददाता। मौजूदा सरकार किसानों का उत्पीड़न व उन्हें लूटने में लगी है। किसान आंदोलन में साथ रहकर सरकार का हर मुद्दे पर डटकर सामना करें। किसानों को अपने अधिकारों के लिए एकजुट होने की जरूरत है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sun, 14 Nov 2021 05:01 PM (IST)Updated: Sun, 14 Nov 2021 05:01 PM (IST)
हाथरस के सादाबाद पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा - ये आंदोलन नहीं, सरकार के खिलाफ वैचारिक क्रान्ति है
सादाबाद में वार्ता करते भाकियू नेता राकेश टिकैत।

हाथरस, जागरण संवाददाता।  मौजूदा सरकार किसानों का उत्पीड़न व उन्हें लूटने में लगी है। किसान आंदोलन में साथ रहकर सरकार का हर मुद्दे पर डटकर सामना करें। किसानों को अपने अधिकारों के लिए एकजुट होने की जरूरत है। उक्त बातें भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मथुरा अड्डा स्थित पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के स्मारक पर माल्यार्पण के बाद मीडिया से कहीं।

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रेट के डिफरेंस की लड़ाई है

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्‍ता राकेश टिकैत ने कहा कि आलू किसान के हालात खराब हैं, जिस समय आलू आता है तो दो रुपये किलो किसान से लिया जाता है और शहरों में जाकर 20 रुपये किलो मिलता है।जो डिफरेंस है इसी बात की लड़ाई है। जब तक पूरे जोन नहीं बनेंगे, हमारे देश में आलू की खपत कितनी है, कितने क्षेत्रफल में बोआई होती है। जब तक इसका आकलन नहीं होगा। भारत सरकार में 18 मंत्रालय कृषि को देख रहे हैं जब तक यह सभी मंत्रालय एक जगह एकत्रित होकर कृषि को नहीं देखेंगे। उनकी पॉलिसी नहीं बनाएंगे कब तक किसान का कुछ नहीं हो सकता। क्योंकि हमारी लड़ाई इसी बात की है। हमारी सरकार से रिमांड है एमएसपी पर गारंटी कानून बनाओ, किसान बर्बाद होता है। यह आलू की बेल्ट है तो यहां पर आलू किसान बर्बाद होता है। आलू से पहले फसल बाजरा की फसल होती है तो बाजरा का किसान बर्बाद होता है। एमएसजी का गारंटी कानून बन जाएगा तो कुछ फसलों की जान बच जाएगी। दूध, आलू,सब्जी पर एमएसपी तय हो जाए और जब तक सरकार यह काम नहीं करेगी किसान घर जाने वाले नहीं है। यह वैचारिक क्रांति है पूरे हिंदुस्तान में लड़ाई चल रही है।

सरकार पर बोला तीखा हमला

सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उन पर सरकार की ओर से लगाए जा रहे विभिन्न आरोपों के बारे में कहा कि आरोप तो लगते रहते हैं। हम तो सरकार से बस इतना चाहते हैं कि सरकार एमएसपी पर गारंटी कानून लेकर आए। जो कानून सरकार ने पास किए हैं, उन्हें वापस किया जाए। किसानों को फसलों के दामों को लेकर गारंटी कार्ड मिलना चाहिए। इससे किसानों की फसलों को मंडियों में कम भाव पर ना खरीदा जा सके। महंगाई को लेकर उन्होंने कहा कि जब तक सरकार रहेगी महंगाई यूं ही बढ़ती रहेगी और किसानों का उत्पीड़न होता रहेगा। खाद की किल्लत पर किसान नेता ने कहा कि सरकार को खाद पर किसानों को सीधी सब्सिडी देनी चाहिए। सरकार कंपनियों को सब्सिडी देती है और किसानों को खाद की किल्लत का सामना करना पड़ता है। दिल्ली में चल रहे आंदोलन को लेकर उन्होंने कहा कि यह सरकार के खिलाफ वैचारिक क्रांति है। जब तक सरकार तीनों कानूनों को वापस नहीं लेती तब तक किसान अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ता रहेगा। किसान आंदोलन और राजनीतिक परिदृश्य के बारे में उन्होंने कहा कि किसान कम से कम मौजूदा सरकार को सपोर्ट नहीं करेगा। यह सरकार किसानों के खिलाफ है। बाकी सब लोग बहुत समझदार हैं। आने वाली जो सरकार बनेगी, उसका निर्णय जनता खुद करेगी। वार्ता के दौरान कई स्थानीय किसान नेता उनके साथ स्मारक पर मौजूद रहे।


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