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Fake Anamika Shukla Case : कानपुर की बबली को फर्जी नौकरी दिलाने वाला मैनपुरी का बल्लू यादव गिरफ्तार Aligarh News

उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ के बिजौली में फर्जी अनामिका केस में कानपुर की बबली को शिक्षिका की फर्जी नौकरी दिलाने वाले मैनपुरी के बल्लू यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Wed, 24 Jun 2020 12:38 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 10:33 AM (IST)
Fake Anamika Shukla Case : कानपुर की बबली को फर्जी नौकरी दिलाने वाला मैनपुरी का बल्लू यादव गिरफ्तार Aligarh News
Fake Anamika Shukla Case : कानपुर की बबली को फर्जी नौकरी दिलाने वाला मैनपुरी का बल्लू यादव गिरफ्तार Aligarh News

अलीगढ़ जेएनएन। उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ के बिजौली में फर्जी अनामिका केस में कानपुर की बबली को शिक्षिका की फर्जी नौकरी दिलाने वाले मैनपुरी के बल्लू यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है। बल्लू ने अपनी पत्नी को फर्जी रूप से नौकरी दिला दी थी। गिरफ़तारी के लिए अलीगढ़ पुलिस की तीन टीमें जुटी हुईं थीं, लेकिन बार बार लोकेशन बदल रहा बल्‍लू यादव पुलिस की पकड़ से दूर था। बुधवार सुबह पुलिस को कामयाबी मिल गई।अहम बात यह है कि जेल में बंद कानपुर की बबली यादव का मंगलवार को भी रिमांड मंजूर नहीं हो सका। सरकारी वकील न होने के चलते बहस नहीं हो सकी। अब कोर्ट ने गुरुवार को बबली को तलब किया है।

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बल्‍लू यादव से यह सब हुआ बरामद

बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी नौकरी लगवाने वाले सदस्‍य बल्‍लू यादव उर्फ जनार्दन सिंह निवासी सैढ़पुर किशनी थाना किशनी जिला मैनपुरी के पास से एक मोबाइल फोन, पैन कार्ड, दो आधार कार्ड आदि समेत कुछ कागजात बरामद किए हैं। कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय, बिजौली ब्लॉक में अनामिका शुक्ला के दस्तावेजों से नौकरी करने वाली बबली को 14 जून को गिरफ्तार कर किया गया था। बबली की तलाश में तीन दिन से अलीगढ़ पुलिस कानपुर व औरैया में थी।  गिरफ़तारी के लिए एसएसपी मुनिराज ने दो टीम बनाई थीं। दोनों टीमें निरंतर दबिशें दे रहीं थीं।बबली बार बार अपनी लोकेशन बदल रही थी। इससे पुलिस को दिक्‍कत हो रही थी, लेकिन पुलिस के हाथ कोई करीब लग गया। करीबी की सूचना पर पुलिस ने बबली के नजदीकियों की घेराबंदी औरेया में कर दी थी। इन सब की सूचना पर पुलिस को कामयाबी मिल गई।

बबली कानपुर से हो गई थी फरार

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में नौकरी करने वाली अनामिका भनक लगते ही कानपुर से फरार हो गई थी। अलीगढ़ में बिजौली के कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में फर्जीवाड़े से नौकरी पाने वाली अनामिका शुक्ला कानपुर में नहीं मिली। अलीगढ़ पुलिस वहां पहुंची तो घर पर ताला लगा था।  बैंक खाते में दिए गए पते की तलाश के दौरान वह तो नहीं मिली लेकिन पड़ौसियों ने उसे फोटो से पहचान लिया। उसका मानदेय कानपुर के सेंट्रल बैंक के खाते में जा रहा था, जिसमें उसका पता चंदनपुरवा, रसूलपुर, कानपुर है। इस पते पर गुरुवार को अलीगढ़ पुलिस पहुंची तो मकान बंद मिला। पड़ौसियों  को फोटो दिखाया तो वे पहचान गए। बताया कि यह बबली है।

बबली अलीगढ़ में अनामिका के नाम से नौकरी

छह जून तक मकान में रही। इसके बाद कहीं चली गई। उसके पति का नाम दस्तावेजों में हरीओम दर्ज है, जो ही सही पाया गया। वहीं, अलीगढ़ में पुलिस ने उसके कमरे में तलाशी ली। वह पांच महीने विद्यालय में रही। थाना पाली मुकीमपुर के इंचार्ज हरिभान सिंह, एबीएसए केएल वर्मा और नायव तहसीलदार दोपहर कमरे पर पहुंचे और कमरे में रखे उसके बक्से को ताला काटकर खोला। इसमें हाईस्कूल, इंटर व बीए की मार्कशीट की फोटो कॉपी मिली हैं। ये अनामिका के नाम की हैं। दो रजिस्टर और एक किताब भी मिली है। इसमें दो मोबाइल नंबर लिखे मिले हैं। ये किसके हैं, यह पता लगाने में पुलिस जुटी हुई है।

दो संदिग्ध मोबाइल नंबर भी पुलिस को मिले थे

पुलिस के मुताबिक, एसटीएफ ने भी बीते दिनों यहां छापा मारा था। इधर, विद्यालय में अनामिका के कमरे की तलाशी ली गई। अनामिका के बक्से से तीन मार्कशीट की फोटोकॉपी मिली हैं। एक बीए, दूसरी हाईस्कूल, जबकि तीसरी सनद है। इसके अलावा दो रजिस्टर और एक किताब मिली है। इसमें दो संदिग्ध मोबाइल नंबर भी पुलिस को मिले हैं। इनकी जांच की जा रही है। कानपुर में अनामिका के ना मिलने पर पुलिस ने आसपास क लोगों से पूछताछ की। फोटो दिखाया तो पता चला कि महिला का अनामिका नहीं, बल्कि बबली है। बबली के पति का नाम हरिओम है, जो सही है।

तीन लाख रुपये में मैनपुरी के पुष्पेंद्र ने लगवाई थी नौकरी

एसएसपी मुनिराज ने बताया कि रसुलाबाद कानपुर देहात की बबली यादव की नौकरी मैनपुरी के पुपेंद्र जाटव ने लगवाई थी। पूछताछ में बबली ने इसकी पुष्टी की है। साथ ही बताया कि उसकी परिचित तिर्वां की राजबेटी  ने  पुपेंद्र से मिलवाया था।

पूरे प्रकरण में शिक्षा विभाग के अफसरों की भूमिका की भी जांच शुरू 

फर्जी तरीके से अनामिका शुक्ला बनकर नौकरी करने वाली कानपुर की बबली यादव की गिरफ्तारी के बाद साफ हो गया कि इस फर्जीवाड़े का असली मास्टर माइंड मैनपुरी का पुष्पेंद्र जाटव ही है। उसने ही बबली समेत तीन महिलाओं को अनामिका शुक्ला के फर्जी दस्तावेजों के जरिए ही पूर्ण कालिक शिक्षिका की नौकरी दिलवाई थी।सीओ अतरौली प्रशांत सिंह व एसओ पालीमुकीमपुर हरिभान सिंह राठौर ने बताया कि इस पूरे खेल के मास्टर माइंड को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। बबली ने पूछताछ में बताया कि उसने नत्थू सिंह द्वारिका देवी इंटर कॉलेज से हाईस्कूल, भिकनापुर से 2012 मे इंटर, 2015 में रूरा के डिग्री कॉलेज से बीएससी की थी। उसके बहनोई बल्लू यादव ने ही पुष्पेंद्र जाटव उर्फ सुशील जाटव व उसकी मित्र राजबेटी से मुलाकात कराई थी। फिर तीनों ने ही तीन-तीन लाख रुपये लेकर फर्जी तरीके से अनामिका शुक्ला के दस्तावेजों के जरिए उसकी व ननद सरिता की नौकरी लगवाई थी। इसके अलावा पुष्पेंद्र ने ही पड़ोसी गांव सिंगवा वीरा की शीला पाल को काउंसलिंग के बाद बागपत में तैनाती दिलाई थी। फर्जीवाड़ा पकड़ में आने पर उसने इस्तीफा दे दिया था। यही काम उसकी ननद सरिता यादव व शीला पाल ने किया था। सरिता यादव व शीला पाल अभी फरार हैं। 

ससुर ने फौजी मित्र के रिश्तेदार के यहां भेज दी थी बबली 

चंदनपुरवा निवासी बबली के ससुराल वाले अभी भी भयवश अपने घर नहीं लौट रहे हैं। वैसे तो पुलिस ने सर्विलांस पर लगे उसकी ननद सरिता के मोबाइल नंबर के आधार पर कन्नौज जिले के इंदरगढ़ थाना अंतर्गत बहादुरपुर लाख बहोसी से पकड़ा था। लेकिन बिजौली स्थित कस्तूरबा आवासीय विद्यालय के पास से पकड़ा जाना दर्शाया है। इसे छिपाने में बबली के ससुर तेज सिंह ने अपने रसूलाबाद में रह रहे एक फौजी मित्र की सहायता ली थी। बहादुरपुर लाख बहोसी इंदरगढ़ कन्नौज में फौजी के रिश्तेदार के यहां बबली को रखा था। 

तीन लाख में पांच माह नौकरी, मानदेय 95 हजार  

अनामिका के दस्तावेजों से बबली यादव ने पांच माह नौकरी की। अक्टूबर 2019 में विज्ञान शिक्षिका के तौर पर नियुक्ति हुई थी। इसके बाद वह विद्यालय में ही रहती थी। 22 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलता था। फरवरी तक उसका मानदेय बैंक में जाता रहा। मार्च में होली के अवकाश के चलते वह घर चली गई। 15 से 18 मार्च तक इस फर्जीवाड़े की भनक अधिकारियों को लग गई। इसके बाद मानदेय पर रोक लगा दी गई। इन पांच माह में मानदेय के रूप में 95 हजार 300 रुपये उसके खाते में गए। 

कानपुर में थी मोबाइल की लोकेशन 

पुलिस टीमें बबली यादव की मोबाइल लोकेशन के आधार पर कानपुर व औरैया में तलाश में करने जुटी हुई थी। बबली यादव कानपुर देहात के रसूलाबाद के चंदनपुरवा गांव की रहने वाली है। वह छह जून से घर से ताला लगाकर फरार थी और पुलिस टीम के कानपुर पहुंचने की जानकारी पाकर लगातार अपनी लोकेशन बदल रही थी। बबली का पति हरिओम यादव बिजली विभाग में संविदा चालक के पद पर तैनात है। दो साल का बेटा अनुज है और अब छह माह की गर्भवती भी है। 

बीएड कराकर नौकरी दिलाने का दिया था लालच 

बबली यादव ने बताया कि पुष्पेंद्र जाटव ने कहा था कि अभी अनामिका शुक्ला के कागजातों के आधार पर नौकरी करे। बाद में बीएड कराकर  बबली के नाम से नौकरी दिला दी जाएगी। इसी लालच में आकर उसने अपने व ननद सरिता ने ब्याज पर पैसा लेकर पुष्पेंद्र के बैंक अकाउंट में जमा कराए थे।


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