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पासपोर्ट के लिए बनवाए फर्जी आधार व पैन कार्ड, सात मामले पकड़े Aligarh news

पासपोर्ट के लिए फर्जी आधार कार्ड व पैनकार्ड बनाने का धंधा भी शहर में जोरों पर है। इसके पीछे रैकेट सक्रिय है जो मोटी रकम लेकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर रहा है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 12:05 PM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 03:07 PM (IST)
पासपोर्ट के लिए बनवाए फर्जी आधार व पैन कार्ड, सात मामले पकड़े Aligarh news
पासपोर्ट के लिए बनवाए फर्जी आधार व पैन कार्ड, सात मामले पकड़े Aligarh news

अलीगढ़ (रिंकू शर्मा)।  युवाओं मेंं पासपोर्ट बनवाने का शौक बढ़ा है। पासपोर्ट के लिए फर्जी आधार कार्ड व पैनकार्ड बनाने का धंधा भी शहर में जोरों पर है। इसके पीछे रैकेट सक्रिय है, जो मोटी रकम लेकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर रहा है। थानों में फर्जी दस्तावेजों के जरिये पासपोर्ट बनवाने के एक साल में सात मामले सामने भी आ चुके हैं।

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महिला के खिलाफ मुकदमा
सिविल लाइंस क्षेत्र के जमालपुर की हुमा खां पत्नी राशिद खां ने इसी साल जनवरी में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। पुलिस सत्यापन के लिए फाइल थाने पहुंची। फाइल में सत्यापित दस्तावेज थे। पुलिस ने जांच की तो न नाम-पते की पुष्टि हो सकी, न दिए गए मोबाइल नंबर से संपर्क स्थापित हो सका। आधार कार्ड व पैनकार्ड का रिकार्ड भी नहीं मिल सका। पुलिस ने आवेदन निरस्त करते हुए महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।

शहर से भाग गया आवेदक
क्वार्सी इलाके के नगला पटवारी के इदरीश पुत्र मुन्ने खां ने मार्च में फर्जी तरीके से आधार कार्ड व पैन कार्ड बनवाकर पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। पुलिस व एलआइयू की जांच में आवेदन के साथ लगाए गए दस्तावेज फर्जी पाए गए। पुलिस ने आवेदक को थाने बुलाया तो वह शहर से ही भाग गया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
आरटीओ दफ्तर में पकड़ा गया था लीबिया का छात्र
आरटीओ दफ्तर में लर्निंग लाइसेंस बनवाने पहुंचे लीबिया के छात्र मोहम्मद हुसैन को पकड़ा गया था। वह एएमयू में एमटेक कर रहा था। कार्ड का बार कोड चेक करने पर पुष्टि नहीं हुई थी। आधार कार्ड जमालपुर स्थित जनसेवा केंद्र से बनवाया गया था।

पासपोर्ट के लिए जरूरी दस्तावेज

पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदक के पास फोटो वोटर आइडी, आधार कार्ड, राशन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस में से कोई दो दस्तावेज होना जरूरी है। शिक्षित व्यक्ति को अपने शैक्षिक प्रमाणपत्रों की कॉपियां भी जमा करनी होती है। इन सारे दस्तावेजों का सत्यापन किया जाता है। पुलिस आवेदक के आपराधिक इतिहास की जानकारी के साथ ही पड़ोस में रहने वाले दो परिचितों से जानकारी लेकर रिपोर्ट भेजती है, तब पासपोर्ट जारी होता है।

सतर्कता से पकड़ा फर्जीवाड़ा
एसएसपी आकाश कुलहरि का कहना है कि पासपोर्ट बनवाने वालों की गहनता से जांच करने के बाद ही पुलिस व एलआइयू रिपोर्ट भेजती है। सतर्कता का ही परिणाम है कि फर्जी तरीके से आवेदन करने वाले कई आवेदकों को पकड़ा गया है और कार्रवाई भी की गई है। 


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