अलीगढ़ के निर्यातकों ने पाक से इसलिए तोड़ दिए थे व्यापारिक रिश्ते, जानिए वजह
अगर सरहद पर हमारे सैनिक पड़ोसी दुश्मन पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं।
अलीगढ़ (जेएनएन)। अगर सरहद पर हमारे सैनिक पड़ोसी दुश्मन पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं तो कारोबारी भी उनकी जंग में शामिल हो चुके हैं। ताला-हार्डवेयर व इलेक्ट्रिक सामान की पाकिस्तान को सीधे सप्लाई नहीं देते। चार साल पहले तक दुबई के रास्ते थोड़ा बहुत कारोबार चलता भी था, मगर पाकिस्तान ने माल पर मेड इन इंडिया की जगह मेड इन पाकिस्तान की मोहर लगाने की शर्त रखी तो अलीगढ़ के निर्यातकों ने इसे ठोकर मार दी। पाकिस्तान से व्यापारिक नाता तोड़ लिया। दुबई में संचालित प्रतिष्ठानों को भी संदेश दे दिया कि पाकिस्तान की औकात नहीं कि वह हमारे गुणवत्तापरक उत्पादों खरीद सके।
साल में होता है 35 हजार करोड़ का निर्यात
अलीगढ़ से ताले, हार्डवेयर, पीतल की मूर्तियां, यूरोपियन फिगर व अन्य शोकेस के सामान दुनियाभर में भेजे जाते हैं। खाड़ी देशों में दुबई के रास्ते सप्लाई होती है। अमेरिका, इग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देशों में भी अलीगढ़ के उत्पादों की 200 निर्यातक सप्लाई करते हैं। अलीगढ़ से साल में 35 हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया जाता है। 1992 के बाद पाकिस्तान से कारोबारी रिश्ते दिनों-दिन बिगड़ने लगे। बकौल कारोबारी बताते हैं कि पाकिस्तान तो दूर, अब कश्मीर में भी माल की सप्लाई नहीं करते हैं।
इसलिए तोड़ दिए थे पाक से रिश्ते
अलीगढ़ निर्यातक एसोसिएशन के महासचिव दिनेश वाष्र्णेय का कहना है कि चार साल पहले थोड़ा माल पाकिस्तान भेजता था। मोदी सरकार के बाद पाकिस्तान ने कारोबार की कड़ी शर्ते रखीं। उसे हमने कुछ दिन तक निभाया भी, लेकिन जब मेड इन इंडिया की जगह मेड इन पाकिस्तान लिखने की शर्त रखी तो हमने कारोबारी रिश्ते तोड़ दिए। अब कोई निर्यातक माल नहीं भेजता।
अब कश्मीर नहीं भेजूंगा माल
उद्योगपति विजय बजाज का कहना है कि 67 साल से ताला-हार्डवेयर का कारोबार कर रहा हूं। देश के विभाजन के दौरान जब हमारे पुरखों को पाकिस्तान से निकाला गया था, तभी हमने निर्णय लिया था कि वहां माल नहीं देंगे। अब तो मैं कश्मीर में भी अपना माल नहीं भेजूंगा, क्योंकि आतंक के पनाहगार कश्मीरी ही हैं।
कभी नहीं रखे पाक से रिश्ते
निर्यातक राकेश अग्रवाल का कहना है कि मेरा एक कारोबारी ऑफिस दुबई में भी है, लेकिन कभी पाकिस्तान से कारोबारी संबंध नहीं रखे। वहां के कारोबारी या उपभोक्ताओं की औकात ही नहीं कि हमारे यहां का महंगा उत्पाद खरीद सकें।